वर्ल्ड अपडेट्स:जयशंकर बोले- भारत-चीन के बीच भविष्य में समस्याएं रहेंगी, 2020 में जो हुआ वह मुद्दे सुलझाने का तरीका नहीं

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि भारत और चीन के बीच आने वाले वक्त में भी समस्याएं रहेंगी। उन्होंने कहा कि 2020 में जो कुछ भी हुआ, वह मुद्दों को सुलझाने का तरीका नहीं था। जयशंकर ने एक NGO एशिया सोसाइटी के प्रोग्राम में कहा कि हम जानते हैं कि भारत और चीन के बीच आने वाले वक्त में समस्याएं रहेंगी, लेकिन उनको हल करने के और भी तरीके हैं। भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि हमें लगता है कि अक्टूबर 2024 से संबंधों में कुछ सुधार देखने को मिला है। हम कदम दर कदम आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं और यह देख रहे कि क्या 2020 में हुए नुकसान की भरपाई कर सकते हैं। 15 जून 2020 को चीन ने ईस्टर्न लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों में एक्सरसाइज के बहाने सैनिकों को जमा किया था। इसके बाद कई जगह पर घुसपैठ की घटनाएं हुई थीं। भारत सरकार ने भी इस इलाके में चीन के बराबर संख्या में सैनिक तैनात कर दिए थे। हालात इतने खराब हो गए कि LAC पर गोलियां चलीं। इसी दौरान 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। बाद में भारत ने भी इसका मुंहतोड़ जवाब दिया था। इसमें करीब 60 चीनी जवान मारे गए थे। अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… साउथ कोरिया के जंगलों में लगी आग में 24 लोगों की मौत; एक हजार साल पहले बना मंदिर नष्ट साउथ कोरिया के जंगलों में लगी आग में अब तक 24 लोगों की जान गई है, जबकि 19 लोग घायल हैं। अथॉरिटीज के मुताबिक, मरने वालों में अधिकतर लोग 60 और 70 के थे। 23 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। वहीं, आगे के चलते उइसेओंग जिले में एक प्राचीन बौद्ध मंदिर गाउंसा आग की चपेट में आ गया। गाउंसा मंदिर को करीब एक हजार साल पहले सिल्ला वंश के दौरान बनाया गया था। मंदिर के अलावा राष्ट्रीय धरोहर के रूप में नामित जोसेन वंश (1392-1910) की एक बौद्ध वास्तुकला संरचना भी आग में नष्ट हो गई। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि मंदिर में मौजूद भिक्षु और अन्य लोग क्षेत्र में आग पहुंचने से पहले ही सुरक्षित स्थान पर चले गए थे। जंगल की आग के फैलने के कारण, कोरिया हेरिटेज सर्विस ने राष्ट्रीय धरोहर स्थलों को आग के खतरे से बचाने के लिए अपनी आपदा चेतावनी स्तर को ‘गंभीर’ तक बढ़ा दिया है। यह पहली बार है जब चेतावनी स्तर को उच्चतम स्तर तक बढ़ाया गया है। स्विट्जरलैंड में बुर्का‎ पहनने पर पहली बार जुर्माना लगा‎, महिला ने देने से इनकार किया स्विट्जरलैंड में बुर्का पहनने‎ पर लगे प्रतिबंध का उल्लंघन करने‎ पर पहली बार जुर्माना लगाया गया है। ज्यूरिख‎ में एक महिला ने सार्वजनिक‎ स्थान पर बुर्का पहना। इसके बाद‎ स्थानीय पुलिस ने यह कार्रवाई की। ‎पुलिस प्रवक्ता माइकल वॉकर के मुताबिक, महिला पर 100 स्विस फ्रैंक‎ (9,600 रु.) का जुर्माना लगाया ‎गया। महिला ने जुर्माना देने से‎ इनकार कर दिया। अब यह मामला‎ आगे की प्रक्रिया के लिए कैंटनल‎ गवर्नर के कार्यालय में जाएगा।‎ स्विट्जरलैंड में 2021 में जनमत ‎संग्रह कराने के बाद सार्वजनिक ‎स्थानाें पर चेहरा ढकने पर प्रतिबंध‎ लगाने का कानून पास किया गया‎ था। इसका उल्लंघन करने पर जुर्माने ‎का प्रावधान है।‎ पाकिस्तान के आर्मी चीफ मुनीर पर प्रतिबंध लगा सकता है अमेरिका, संसद में बिल पेश पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर पर अमेरिका प्रतिबंध लगा सकता है। इसके लिए कांग्रेस में बिल पेश किया गया है। इस बिल का मकसद पाकिस्तान में राजनीतिक विरोधियों पर दमन, खासतौर पर पूर्व PM इमरान खान की गिरफ्तारी को लेकर सैन्य नेतृत्व की जवाबदेही तय करना है। इस बिल को रिपब्लिकन सांसद जो विल्सन और डेमोक्रेटिक सांसद जिमी पनेटा ने अमेरिकी संसद में पेश किया है। यह प्रस्ताव ‘ग्लोबल मैग्निट्सकी ह्यूमन राइट्स अकाउंटेबिलिटी एक्ट’ के तहत पाक के सैन्य अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश करता है। अगर यह बिल पास हो जाता है, तो जनरल मुनीर और अन्य अधिकारियों पर प्रतिबंध के अलावा विदेशों में उनकी संपत्ति जब्त हो सकती है। इस बिल का डेमोक्रेट सांसद रो खन्ना व इल्हान उमर और रिपब्लिकन सांसद जैक बर्गमैन जैसे 10 सांसद ने पहले ही समर्थन दे चुके हैं। सैन्य अफसरों के अमेरिकी वीजा पर रोक लगेगी विधेयक पास होने पर अमेरिका 180 दिनों के भीतर पाकिस्तान की सैन्य लीडरशिप पर प्रतिबंध लागू करेगा। जनरल मुनीर सहित अन्य अधिकारियों की पहचान की जाएगी, जिन्होंने राजनीतिक दमन में भूमिका निभाई है। इन अधिकारियों को अमेरिकी वीजा नहीं मिलेगा और उनके अमेरिका में प्रवेश पर पाबंदी लगेगी। बिल में यह भी शर्त रखी गई है कि अगर सेना का सत्ता में दखल कम होता है तो पाक पर पहले से लगे कई प्रतिबंध हटाए जा सकते हैं। अमेरिका में टॉप सीक्रेट वॉर प्लान लीक होने से हड़कंप, रक्षा मंत्री हेगसेथ घिरे अमेरिका में टॉप सीक्रेट वॉर प्लान लीक होने से हड़कंप मच गया है। दरअसल, यमन में हूती विद्रोहियों पर हमले की सीक्रेट प्लानिंग पर चर्चा के लिए ट्रम्प कैबिनेट के शीर्ष अधिकारियों ने मैसेजिंग ऐप सिग्नल पर ग्रुप बनाया था। इसमें संवेदनशील जानकारियां शेयर की गई थीं। मसलन, हूती विद्रोहियों पर अगला हमला कब होगा। इस लीक के बाद रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ घिर गए हैं। पटेल व तुलसी समेत ट्रम्प सेना के दिग्गजों तक आंच हूती विद्रोहियों पर हमले की रणनीति से जुड़ी चैट लीक होने के मामले में FBI निदेशक काश पटेल, राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड और CIA निदेशक जॉन रैटक्लिफ पर गंभीर आरोप लग रहे हैं। यह सुरक्षा चूक इतनी गंभीर थी कि सीनेट इंटेलिजेंस कमेटी को तुरंत इस पर सुनवाई करनी पड़ी, जहां ट्रम्प प्रशासन के दिग्गजों को कड़े सवालों का सामना करना पड़ा। सुनवाई के दौरान गबार्ड ने कहा कि चैट में कोई गोपनीय जानकारी नहीं थी। जब सीनेटर एंगस किंग ने पूछा कि क्या हथियार, लक्ष्य और हमले की टाइमिंग गोपनीय नहीं होती है। इस पर गबार्ड बोलीं- रक्षा मंत्री जवाब देंगे। काश पटेल से पूछे जाने पर कि क्या FBI इस मामले की जांच शुरू करेगा। इस पर उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। चैट में गोपनीय जानकारी हुई तो मुकदमा अगर FBI जांच शुरू करती है, तो इसमें शामिल अधिकारियों को राष्ट्रीय सुरक्षा उल्लंघन के तहत दंडित किया जा सकता है। वहीं, चैट में गोपनीय जानकारी पाई गई, तो इस लीक में शामिल अधिकारियों पर जासूसी अधिनियम के तहत मुकदमा चल सकता है। रक्षा मंत्री को पद भी छोड़ना पड़ सकता है। कनाडा बोला- भारत-पाकिस्तान हमारे चुनाव में दखल दे सकते हैं कनाडा की खुफिया एजेंसी की उप निदेशक वनेसा लॉयड ने दावा किया है कि कनाडा के आम चुनाव में भारत हस्तक्षेप कर सकता है। वनेसा ने कहा, भारत के पास कनाडा की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने की मंशा और क्षमता दोनों है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भी कनाडा के खिलाफ अपनी रणनीतिक नीतियों के अनुसार दखल दे सकता है। लॉयड ने सोमवार को चुनावी सुरक्षा पर मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा कि भारत कनाडा में अपने प्रभाव को स्थापित करने के लिए हस्तक्षेप कर सकता है। लॉयड ने एक मीडिया रिपोर्ट के हवाले से कहा कि कुछ देशों ने 2022 के कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पियरे पोलीएवरे के चुनाव में धन जुटाने और समर्थन हासिल करने में भूमिका निभाई थी। चीन AI की मदद से अपने पक्ष में नरेटिव बना रहा है वनेसा ने यह भी कहा कि चीन AI की मदद से अपने पक्ष में नरेटिव बना रहा है। इसके अलावा वह सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर अपने अनुकूल नरेटिव बना सकता है। रूस अपने प्रचार तंत्र और बॉट आर्मी के जरिए कनाडाई मतदाताओं को प्रभावित करने की रणनीति बना रहा है।