अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मेक्सिको पर लगाए गए 25% टैरिफ को एक महीने के लिए रोक दिया है। अब मेक्सिको को 2 अप्रैल तक अमेरिका एक्सपोर्ट होने वाले सामान पर टैरिफ नहीं देना होगा। हालांकि अभी तय यह साफ नहीं है कि यह आदेश कनाडा पर लागू होगा या नहीं। ट्रम्प ने दो दिन पहले कनाडा और मेक्सिको पर 25% टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। इसके अलावा फरवरी में चीन पर लगाए गए 10% टैरिफ को बढ़ाकर 20% कर दिया था। ट्रम्प के इस फैसले के विरोध में कनाडा ने अगले 21 दिनों में 155 अरब डॉलर की अमेरिकी आयात पर 25% टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। डोनाल्ड ट्रम्प ने 1 फरवरी को भी कनाडा-मेक्सिको पर 25% टैरिफ लगाने के लिए आदेश जारी किए थे। इसे 4 फरवरी से लागू होना था। बाद में ट्रम्प के साथ दोनों देशों के नेताओं ने बातचीत की। इसके बाद टैरिफ को अगले 30 दिनों के लिए टाल दिया गया था। अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुड़ी अन्य बड़ी खबरें… पूर्व रूसी राष्ट्रपति ने मैक्रों को माइक्रोन कहा; रूस ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति के बयान की निंदा की रूस ने गुरुवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के उस भाषण की निंदा की है, जिसमें उन्होंने रूस को फ्रांस और यूरोप के लिए खतरा बताया था। रूसी राष्ट्रपति के निवास क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि मैक्रों का बयान बताता है कि फ्रांस यूक्रेन में युद्ध जारी रखना चाहता है। रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति का मजाक उड़ाते हुए उन्हें माइक्रोन कहा है। मैक्रों ने बुधवार एक भाषण में रूस को फ्रांस और यूरोप के लिए खतरा बताया था और यूक्रेन जंग को वैश्विक संघर्ष बताया था। दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि मैक्रों का बयान टकराव बढ़ाने वाला था। इसे किसी ऐसे नेता का भाषण नहीं माना जा सकता जो शांति के बारे में सोच रहा हो। मैक्रों बोले- पुतिन यूरोप और फ्रांस के लिए खतरा, सिर्फ देखते रहना और कुछ न करना पागलपन है फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि रूस से पूरे यूरोप की सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो रहा है। अपने टेलीविजन भाषण में बुधवार को मैक्रों ने कहा कि पुतिन की लीडरशिप में रूस, फ्रांस और यूरोप के लिए खतरा बन गया है। सिर्फ देखते रहना और कुछ न करना पागलपन होगा। फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने कहा कि वे यूरोपीय सहयोगियों को फ्रांस की परमाणु क्षमताओं की सुरक्षा देने पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। मैक्रों ने कहा कि यूक्रेन और यूरोप की हर संभव मदद की जाएगी। इसके लिए फ्रांस को रक्षा पर अधिक खर्च करना होगा और यूक्रेन की मदद जारी रखेगा। मैक्रों ने कहा कि हम अमेरिका से साथ मिलने की उम्मीद करते हैं, लेकिन ऐसा नहीं होता है तो उस स्थिति के लिए भी यूरोप को तैयार रहना चाहिए। भारतीय छात्र की अमेरिका में गोली मारकर हत्या, डकैती की कोशिश में फायरिंग की आशंका तेलंगाना के रहने वाले छात्र प्रवीण कुमार (27) की बुधवार को अमेरिका के विस्कॉन्सिन में गोली मारकर हत्या कर दी गई। प्रणीण बीटेक की पढ़ाई करने के बाद 2023 में अमेरिका गए थे। प्रवीण के कुछ दोस्तों ने बताया कि उसका शव गोलियों से छलनी मिला है। हालांकि उनकी मौत के हालात स्पष्ट नहीं हैं। आशंका जताई जा रही है कि डकैती के प्रयास के दौरान उनकी हत्या हुई। प्रवीण विस्कॉन्सिन के मिल्वौकी में एमएस की पढ़ाई कर रहे थे। बुधवार सुबह (भारतीय समयानुसार) अमेरिकी अधिकारियों ने उनके परिवार को उसके मरने की जानकारी दी। ग्रीनलैंड के PM ने किया ट्रम्प का विरोध, कहा- ग्रीनलैंड को खरीदा नहीं जा सकता ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री म्यूटे बोरुप एगेडे ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का विरोध जताते हुए कहा कि ग्रीनलैंड हमारा है। इसे खरीदा नहीं जा सकता है। सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने कहा कि ग्रीनलैंड के लोग न तो अमेरिकी हैं और न ही डेनिश हैं, वो ग्रीनलैंडिक हैं। अमेरिका को यह समझने की जरूरत है। ग्रीनलैंड का भविष्य उसके लोग तय करेंगे। दरअसल ट्रम्प ने बुधवार को अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा था कि हम ग्रीनलैंड को किसी न किसी तरह हासिल कर लेंगे। ट्रम्प इससे पहले भी ग्रीनलैंड को अमेरिकी कंट्रोल में लेने की बात कह चुके हैं। ग्रीनलैंड उत्तरी अटलांटिक महासागर में मौजूद एक आइलैंड है। यह डेनमार्क के कंट्रोल वाला एक स्वायत्त क्षेत्र है। जिसका अपना प्रधानमंत्री होता है। खालिस्तान समर्थकों ने लंदन में एस जयशंकर की कार घेरी: तिरंगा फाड़ा भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर को लंदन में खालिस्तानी समर्थकों ने निशाना बनाया। प्रो-खालिस्तान समर्थकों ने उस स्थान के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, जहां विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने चैथम हाउस द्वारा आयोजित एक चर्चा में भाग लिया। जब वे अपनी कार से जा रहे थे, तो एक शख्स उनकी ओर भागने की कोशिश करता हुआ दिखाई दिया। इस दौरान उसने भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को फाड़ने जैसी शर्मनाक हरकत भी की। घटना के दौरान पुलिस वहां मौजूद थी, लेकिन खालिस्तानी गुंडों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं देखी गई। इस घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिससे भारतीय समुदाय में आक्रोश है। पूरी खबर यहां पढ़ें… ब्रिटिश विदेश मंत्री से मिले एस जयशंकर, यूक्रेन-बांग्लादेश समेत कई मुद्दों पर बात की भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को इंग्लैंड दौरे पर ब्रिटिश विदेश मंत्री डेविड लैमी से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत-ब्रिटेन संबंधों के सभी जरूरी मुद्दों पर बात की। इस बातचीत में यूक्रेन, बांग्लादेश, पश्चिम एशिया और राष्ट्रमंडल के साथ व्यापार समझौते और रणनीतिक सहयोग पर भी बात हुई। दोनों नेताओं यह बैठक इंग्लैंड के केंट में मौजूद शेवेनिंग हाउस में हुई। इस दौरान भारतीय विदेश मंत्री की पत्नी क्योको जयशंकर और ब्रिटिश विदेश मंत्री की पत्नी निकोला ग्रीन मौजूद थीं। दोनों नेताओं ने आपसी संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए आगे की रूपरेखा पर सहमति जताई। जयशंकर 6 दिवसीय इस यात्रा पर ब्रिटेन और आयरलैंड पहुंचे हैं। वे यहां कई उच्चस्तरीय मीटिंग कर रह रहे हैं। PM शहबाज शरीफ ने ट्रम्प को शुक्रिया कहा, US प्रेसिडेंट ने आज पाकिस्तान की तारीफ की थी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को शुक्रिया कहा है। ट्रम्प ने आज अमेरिकी कांग्रेस (संसद) को संबोधित करते हुए कहा था कि 2021 में अफगानिस्तान में आतंकियों ने 13 अमेरिकी सैनिकों की हत्या कर दी थी। उन्हें पकड़ने में पाकिस्तान सरकार ने मदद की थी। शहबाज शरीफ ने कहा अमेरिकी राष्ट्रपति ने आज 2021 के काबुल एयरपोर्ट बम विस्फोट में शामिल आतंकवादी मोहम्मद शरीफुल्लाह को गिरफ्तार करने में पाकिस्तान के सहयोग का जिक्र किया। शरीफुल्लाह की गिरफ्तारी में पाकिस्तान के रोल को स्वीकार करने और उसकी तारीफ करने के लिए ट्रम्प को धन्यवाद। पाकिस्तान ने हमेशा से आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने में जरूरी रोल निभाया है। हमारा मकसद है कि आतंकवादी किसी दूसरे देश के खिलाफ काम करने के लिए हमारी जमीन का इस्तेमाल न कर सकें। अमेरिका से ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम पर बात करेगा रूस, कहा- मुद्दे का डिप्लोमैटिक हल निकले रूस का कहना है कि अमेरिका के साथ भविष्य में होने वाली वार्ता में ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर भी चर्चा होगी। बुधवार को क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि रूस का मानना है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़ी परेशानियों का हल डिप्लोमैटिक तरीकों से किया जाना चाहिए। इससे पहले ब्लूमबर्ग ने मंगलवार को बताया था कि रूस ने राष्ट्रपति ट्रम्प को ईरान के साथ विभिन्न मुद्दों पर बातचीत करने में सहायता करने पर सहमति व्यक्त की है। ट्रम्प ने कुछ दिन पहले एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन करके ईरान के खिलाफ ‘अधिकतम दबाव’ अभियान को फिर से लागू किया। इसके तहत ईरान पर सख्त आर्थिक प्रतिबंध लगाए गए हैं। खासतौर पर उसके तेल एक्सपोर्ट को निशाना बनाने के आदेश दिए गए हैं।