वर्ल्ड अपडेट्स:पोप कल समर्थकों को दर्शन दे सकते हैं, फेफड़ों में इन्फेक्शन की वजह से एडमिट थे

पोप फ्रांसिस बीमारी से उबरने के बाद कल यानी रविवार को पहली बार सार्वजनिक तौर पर सामने आ सकते हैं। पोप रोम के जेमेली हॉस्पिटल से अपने समर्थकों को दर्शन दे सकते हैं। पोप को फेफड़ों में इन्फेक्शन की वजह से 14 फरवरी को एडमिट किया गया था। उनका निमोनिया और एनीमिया का इलाज भी चल रहा था। कैथलिक चर्च के हेडक्वॉर्टर वेटिकन ने बताया था कि पोप की ब्लड टेस्ट रिपोर्ट में किडनी फेल होने के लक्षण दिख रहे थे। साथ ही प्लेटलेट्स की कमी का भी पता चला था। पोप फ्रांसिस 1969 में पहली बार पादरी बन थे, उससे पहले उन्होंने बाउंसर और केमिस्ट टेक्नीशियन का काम किया था। 13 मार्च 2013 को उन्हें पोप चुना गया था। अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… अमेरिका से 5 लाख शरणार्थी निकाले जाएंगे, ट्रम्प प्रशासन ने 24 अप्रैल तक की मोहलत दी अमेरिकी प्रशासन ने 5 लाख से ज्यादा लोगों की कानूनी सुरक्षा छीनने का ऐलान किया है। होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के मुताबिक क्यूबा, हैती, निकारागुआ और वेनेजुएला के 5 लाख 32 हजार नागरिकों का कानूनी दर्जा 24 अप्रैल को खत्म हो जाएगा। यह फैसला उन लोगों पर लागू होगा जो अक्टूबर 2022 के बाद अमेरिका आए थे। ये सभी लोग ह्यूमैनिटेरियन पैरोल प्रोग्राम के तहत अमेरिका आए थे। यह कानूनी तरीका लंबे समय से उन लोगों को अस्थायी रूप से अमेरिका में रहने की इजाजत देता था, जिनके देशों में युद्ध या राजनीतिक अस्थिरता थी। ट्रम्प ने दूसरी बार राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद पहले ही दिन एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी कर ह्यूमैनिटेरियन पैरोल प्रोग्राम को खत्म कर दिया था। उनका मानना था कि इसका गलत इस्तेमाल हो रहा था। तुर्किये में इराकी वाणिज्य दूतावास पर AK-47 से गोलीबारी, हमलावर फरार तुर्किये के इस्तांबुल स्थित इराकी महावाणिज्य दूतावास पर अज्ञात बंदूकधारियों ने शुक्रवार शाम गोलीबारी की। विदेश मंत्रालय ने कहा कि बंदूकधारियों ने 8 गोलियां दागीं जिसमें कोई हताहत नहीं हुआ। तुर्किये विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ओन्कू केसेली ने कहा कि सिक्योरिटी यूनिट्स इस घटना की जांच कर रही है और दोषियों को पकड़ने में लगी है। अपराधियों को जल्द पकड़ा जाएगा। इस घटना को लेकर इराक के विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमले के दौरान बंदूकधारी AK-47 राइफल का इस्तेमाल कर रहे थे। हमले का मकसद अभी पता नहीं चल पाया है। अमेरिका में पढ़ रहे भारतीय स्टूडेंट्स के लिए सरकार की गाइडलाइन- अमेरिकी कानूनों का पालन करें भारत सरकार ने अमेरिका में पढ़ रहे भारतीय छात्रों के लिए गाइडलाइन जारी की है। सरकार ने कहा है कि छात्र अमेरिकी कानूनों का पालन करें। अमेरिका में एक भारतीय छात्र बदर खान सूरी की गिरफ्तारी और स्टूडेंट रंजिनी श्रीनिवासन के खुद को कनाडा डिपोर्ट करने के बाद सरकार ने ये गाइडलाइन जारी की है। बदर खान पर हमास का प्रोपेगैंडा फैलाने का आरोप लगा था, जबकि रंजिनी के फिलिस्तीन समर्थक रैली में शामिल होने के चलते वीजा रद किया गया था। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया था कि दोनों ही स्टूडेंट्स ने मदद के लिए अमेरिका में भारतीय दूतावास से संपर्क नहीं किया था। पूरी खबर यहां पढ़ें… यूक्रेन के पावर प्लांट पर ट्रम्प की नजर, कहा- रूसी हमलों से बचाना है तो अमेरिका को दें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अब यूक्रेन के बिजली और परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को अमेरिका को सौंपने की पेशकश की है। उनका दावा है कि इससे यूक्रेन को रूसी हमलों से ‘बेहतर सुरक्षा’ मिलेगी। इसके साथ ही अमेरिका की एनर्जी टेक्नोलॉजी से यूक्रेन को फायदा होगा। यूक्रेन में चार प्रमुख परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में कुल 15 रिएक्टर हैं, जिनमें से सबसे बड़ा जापोरिजिज्या संयंत्र 2022 से रूसी नियंत्रण में है। रूस के हमलों के कारण यूक्रेन की बिजली उत्पादन क्षमता 2022 की तुलना में एक-तिहाई रह गई है। ट्रम्प ने इससे पहले यूक्रेन में पाए जाने वाले दुर्लभ खनिजों को अमेरिका को सौंपने की बात कह चुके ​हैं। इस बीच यूक्रेन और अमेरिका के अधिकारी यूक्रेन युद्ध के मसले पर रविवार को मिलने वाले हैं। यह मुलाकात सऊदी अरब के रियाद में प्रस्तावित है।