ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में पिछले साल लगी आग में करीब तीन अरब जानवरों की या तो मौत हो गई या फिर उन्हें कहीं और भागना पड़ा। वैज्ञानिकों ने ये जानकारी दी है। वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (डब्ल्यू डब्ल्यू एफ) के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया के जंगल में लगी आग आधुनिक इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक है। इसे लेकर संस्था ने एक आयोग का गठन किया था।
पिछले साल की गर्मियों में लगी आग में ऑस्ट्रेलिया के कई राज्य प्रभावित हुए थे। इससे लगभग 33 लोगों की जान गई थी। इस आग में स्तनधारी, रेपटाइल्स, चिड़िया और मेंढक मारे गए थे। जनवरी में आग अपने पीक पर था। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि न्यू साउथ वेल्स औप विक्टोरिया राज्य में ही केवल 125 करोड़ जानवरों की मौत हुई थी।
हालांकि, नए आंकड़ों के मुताबिक, आग से 1.146 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र, करीब इंग्लैंड के बराबर क्षेत्रफल के हिस्से में सितंबर से फरवरी तक आग लगी थी। ऑस्ट्रेलिया के यूनिवर्सिटी के 10 वैज्ञानिकों के इस प्रोजेक्ट के प्रमुख प्रोफेसर क्रिस डिकमैन ने कहा कि जब आप यह सोचते हैं कि 300 करोड़ जानवर इस आग में मारे गए। यह एक बहुत बड़ी संख्या है। इसका अंदाजा लगाना ही मुश्किल है।
जानवरों की मौतों का सही अनुमान लगाना मुश्किल
उन्होंने कहा कि जानवरों के मौतों का सही अनुमान लगाना नहीं लगाया जा सका है। हालांकि, माना जा रहा है कि खाना और घर की कमी के चलते इसका चांस कम ही है कि वे यहां से कहीं और भागे होंगे। आपदा से पहले के जानवरों की संख्या और उनके घनत्व के आधार पर यह आंकड़े तैयार किए गए हैं।
फरवरी में ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने 113 ऐसे जानवरों की पहचान की थी, जिन्हें तत्काल मदद की जरूरत थी। इनमें से लगभग 30% ऐसे थे, जिन्होंने अपना प्राकृतिक आवास खोया।
जंगल को फिर से बसाने के लिए 262 करोड़ रु. की घोषणा
सरकार ने वन्य जीवन और प्राकृतिक आवास को फिर से बसाने के लिए करीब 262 करोड़ रुपए की घोषणा की है। ऑस्ट्रेलिया ने आग से हुए नुकसान की जांच के लिए एक आयोग का गठन किया है, जो अक्टूबर में अपनी रिपोर्ट देगी।
ये भी पढ़ें
दक्षिण-पूर्वी ऑस्ट्रेलिया भीषण आग की चपेट में, 4000 से ज्यादा लोग फंसे; हजारों ने घर छोड़ा