इस साल देवी सरस्वती के प्रकट उत्सव वसंत पंचमी की तारीख को लेकर पंचांग भेद हैं। इस पर्व को वागीश्वरी जयंती और श्रीपंचमी भी कहते हैं। इस साल विद्या की देवी सरस्वती का प्रकट उत्सव कुछ पंचांग में 2 फरवरी और कुछ में 3 फरवरी को बताया गया है। ज्योतिषियों के मुताबिक 3 तारीख को वसंत पंचमी मनाना ज्यादा श्रेष्ठ रहेगा। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, जो लोग कोई विद्या हासिल करना चाहते हैं या कोई कोर्स कर रहे हैं, उन्हें वसंत पंचमी पर देवी मंत्र ऊँ ऐं सरस्वत्यै नमः का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए। देवी सरस्वती की पूजा करें। धूप-दीप जलाएं और इस मंत्र का जप करें। पूजा में देवी प्रतिमा के साथ ही कमल का फूल, कलम यानी पेन, हंस की फोटो या मूर्ति, छोटी सी वीणा, मोर पंख भी जरूर रखना चाहिए। विद्यार्थियों को ये चीजें अपने स्टडी रूम में भी रखना चाहिए।