वास्तुशास्त्र का कहना है कि उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए पानी का टैंक, इससे बढ़ती है घर में समृद्धि

ज्योतिष ग्रंथ बृहत्संहिता में पानी, अग्नि, वायु, आकाश और पृथ्वी तत्व के लिए अलग-अलग दिशाएं यानी जगह बताई गई हैं। काशी के ज्योतिषाचार्य और वास्तु विशेषज्ञ पं. गणेश मिश्र का कहना है कि घर में इन तत्वों से जुड़ी चीजें भी इनकी दिशाओं के अनुसार रखनी चाहिए। ऐसा नहीं करने से दोष होने लगता है और नकारात्मकता बढ़ती है। वास्तु के अनुसार पूर्व और उत्तर दिशा पानी के लिए अनुकूल है। इन दिशाओं में जल स्थान, टंकी या पीने का पानी रखा जाए तो घर में परेशानियां नहीं होती, लेकिन इसके उलट यानी अन्य दिशाओं में पानी रखा जाए तो धन हानि और बीमारियां होती हैं और घर में रहने वाले लोगों की परेशानियां बढ़ने लगती है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार पानी रखने का सही स्थान

  1. वास्तुशास्त्र के अनुसार उत्तर-पूर्व दिशा भी पानी का टैंक रखने के लिए शुभ है। इस दिशा में पानी होने से धन लाभ होता है। ऐसा घर उन्नति और समृद्धि देने वाला माना गया है।
  2. उत्तर दिशा में पानी का टेंक या पीने का पानी रखा जाए तो ऐसे घर में शांति और सुख बढ़ता है।

इन दिशाओं में नहीं रखना चाहिए पानी

  1. दक्षिण पूर्व दिशा को भी पानी का टैंक लगाने के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता है क्योंकि इसे अग्नि की दिशा कहा गया है। अग्नि और पानी का मेल गंभीर वास्तु दोष उत्पन्न होता है।
  2. दक्षिण दिशा में पानी की टंकी या भूमिगत टेंक नहीं होना चाहिए। इससे परिवार में अशांति और धन हानि होती है।
  3. दक्षिण-पश्चिम दिशा यानी नैऋत्य कोण में भी पानी की टंकी का होना अशुभ माना गया है। इस स्थान में पानी होने से घर में बीमारियां होने लगती है और कर्जा भी बढ़ने लगता है। ऐसे घर में रहने वाले लोगों को मानसिक बीमारियां भी हो सकती हैं।

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Vaastu Shastra says that the water tank should be in the northeast direction, it increases prosperity in the house