वास्तु के अनुसार सोने का तरीका बदलने पर नकारात्मकता से मिल सकता है छुटकारा

वास्तुशास्त्र के अनुसार सोने का एक सही तरीका होता है। पूर्व या दक्षिण दिशा में सिर रखकर सोना धर्म शास्त्रों के साथ सेहत के नजरिये से भी महत्वपूर्ण है। इसके उलट अगर दक्षिण दिशा की तरफ पैर करके सोते हैं तो ये स्थिति सेहत को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है। धर्म ग्रंथों में दक्षिण को यम की और पूर्व को देवताओं की दिशा बताया गया है। इसलिए इन दिशाओं की तरफ पैर रखकर सोने से दोष लगता है। जिसका नकारात्मक असर शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से दिखाई देता है।

स्वास्थ्य और मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव
विज्ञान के अनुसार पृथ्वी के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों के भीतर चुंबकीय शक्ति मौजूद है। वहीं शारीरिक संरचना के अनुसार सिर को उत्तर और पैरों को दक्षिण दिशा माना गया है। जब उत्तर दिशा की तरफ सिर और दक्षिण दिशा की ओर पांव रखकर सोते हैं तो यह स्थिति प्रतिरोधक का काम करती हैं। विपरीत दिशाएं एक-दूसरे को आकर्षित करती हैं और समान दिशाएं प्रति रोधक बन जाती हैं, जिसके चलते सेहत और मस्तिष्क पर गहरा असर पड़ता है।

  • यह माना गया है कि दक्षिण दिशा की ओर पैर रखकर सोने से व्यक्ति की शारीरिक ऊर्जा खत्म होती है। इससे सुबह उठने पर अजीब सी थकावट महसूस होती है। जबकि दक्षिण या पूर्व दिशा की ओर सिर रखकर सोया जाए तो सुबह तरोताजा महसूस किया जा सकता है।

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According to Vastu, changing sleep patterns can get rid of negativity