इस साल का त्यौहारी सीजन फिलहाल ऑटो सेक्टर के लिए सफल नहीं लग रहा है। पिछले साल अगस्त-सितंबर में कुल 31.33 लाख गाड़ियां बिकी थीं, जबकि इस साल अगस्त-सितंबर में 25.60 लाख गाड़ियां बिकी हैं। इस तरह से 5.73 लाख कम गाड़ियां इस साल बिकी हैं। हालांकि अभी त्यौहारी सीजन में काफी समय बाकी है, पर शुरुआत अच्छी नहीं रही है। साल 2019 में जनवरी से दिसंबर तक कुल 2.14 करोड़ गाड़ियां बिकी थीं जबकि इस साल जनवरी से अभी तक 1.12 करोड़ गाड़ियां बिकी हैं।

पिछले साल अगस्त में 12.13 लाख वाहन बिके
वाहन पोर्टल से मिली जानकारी के मुताबिक, पिछले साल अगस्त में कुल 12 लाख 13 हजार 572 वाहनों की रजिस्ट्री हुई थी। जबकि सितंबर में 13 लाख 46 हजार 834 वाहनों की रजिस्ट्री हुई थी। इस साल अगस्त में कुल 16 लाख 29 हजार 833 वाहनों की रजिस्ट्री हुई थी जबकि सितंबर में 15 लाख तीन हजार 843 गाड़ियां बिकी थीं। पिछले साल अक्टूबर में कुल 18 लाख 66 हजार 608 गाड़ियां बिकी थीं। इस साल अभी तक अक्टूबर में पहले तीन दिनों में 60 हजार 821 गाड़ियां बिकी हैं। यानी यह भी शुरुआत काफी कम है।
25 प्रतिशत बिक्री त्यौहारी सीजन में होती है
आंकड़े बताते हैं कि पूरे साल में जितनी गाड़ियां बिकती हैं उसकी 25 प्रतिशत बिक्री केवल त्यौहारी सीजन में होती है। यानी सितंबर से नवंबर तक के बीच में यह बिक्री होती है। इस साल सितंबर में पैसेंजर व्हीकल में कुल दो लाख 73 हजार 809 गाड़ियां बिकी हैं। पिछले साल इसी महीने में दो लाख तीन हजार 255 गाड़ियां बिकी थीं। यानी इस सेगमेंट में सालाना आधार पर करीबन 35 प्रतिशत की बढ़त रही है। हालांकि इस साल अगस्त की तुलना में यह 30 प्रतिशत ज्यादा है। अगस्त में दो लाख 12 हजार 836 गाड़ियां बिकी थीं।

अगस्त में 25-30 दिनों की इनवेंटरी थी
बाजार के जानकारों के मुताबिक पिछले साल अगस्त में 25-30 दिनों की इनवेंटरी थी। जिसमें पैसेंजर व्हीकल की इनवेंटरी 21 दिनों की थी। दो पहिया वाहनों की इनवेंटरी 60-65 दिनों की थी जबकि कमर्शियल व्हीकल की इनवेंटरी 55-60 दिनों की थी। जानकार कहते हैं कि इस साल अप्रैल-जून 2020 की तिमाही में फाइनेंसिंग काफी मुश्किल रही है। लोन में 1.3 प्रतिशत की गिरावट दिखी है। बैंक पहले 80-85 प्रतिशत तक ऑन रोड फाइनेंस व्हीकल पर करते थे। अब यह 65 से 70 प्रतिशत पर आ गया है।
पिछले साल त्यौहारी सीजन में आई थी गिरावट
आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल त्यौहारी सीजन में 2018 की तुलना में ऑटो की बिक्री में गिरावट आई थी। साथ ही अक्टूबर महीने में ऑटो इंडेक्स में 12 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी। अक्टूबर में दोपहिया वाहनों की बिक्री 15 प्रतिशत गिरी थी। इसमें इनवेंटरी 30 दिनों की थी जो उससे पहले के महीनों में 55-60 दिनों की हुआ करती थी। पिछले साल नवंबर में कंपनियों ने डीलर्स को कुल 2.2 लाख पैसेंजर व्हीकल की बिक्री की जबकि इसमें से रोड पर केवल 1.5 लाख ही गाड़ियां निकलीं।
दो पहिया वाहनों की अच्छी बिक्री

इस साल सितंबर में दो पहिया वाहनों की बिक्री अच्छी रही है। इसमें 14 प्रतिशत की बढ़त देखी गई है। इसमें सबसे ज्यादा बढ़त बजाज ऑटो में रही जिसकी बिक्री में 24 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। 16.11 प्रतिशत की बढ़त हीरो मोटो कॉर्प में रही जबकि होंडा की बिक्री 10 प्रतिशत ज्यादा रही है। हालांकि इस साल सभी दो पहिया वाहनों की बिक्री अगस्त की तुलना में सितंबर में बढ़ी है।
ऑन रोड प्राइस पर कम मिल रहा है फाइनेंस
डीलर्स के मुताबिक इस समय ऑन रोड प्राइस पर 40-50 प्रतिशत ही फाइनेंस मिल रहा है। यह पहले 70 प्रतिशत था। इक्रा के मुताबिक, 74 प्रतिशत का कहना है कि बैंकों और एनबीएफसी की ओर से होलसेल फंडिंग इस समय टाइट है। 26 प्रतिशत का कहना है कि रिटेल फाइनेंस में लोन को रिजेक्ट करने की संख्या बढ़ रही है। इनवेंटरी फाइनेंसिंग कम हो रही है। एनबीएफसी कंपनियों का कहना है कि अगर पहले हमें 100 लीड्स मिलती थी तो इसमें से 60 लीड को हम पास कर देते थे। अब यह घटकर 20 और 30 के बीच में आ गया है।
मीडियम एवं हैवी व्हीकल की बिक्री पिछले साल के बराबर

मीडियम एवं हैवी व्हीकल की बात करें तो पिछले साल सितंबर के ही स्तर पर इसकी बिक्री रही है। हालांकि इस साल अगस्त की तुलना में इसमें बढ़त जरूर रही है। इस साल सितंबर में अच्छे मानसून की वजह से ट्रैक्टर्स की बिक्री पिछले साल सितंबर की तुलना में और इस साल अगस्त की तुलना में अच्छी रही है। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने इस साल सितंबर में 42,361 ट्रैक्टर बेचे हैं जबकि अगस्त में 23,503 ट्रैक्टर बिका था। एस्कार्ट ने इसी अवधि में 11,453 यूनिट बेचा है जो कि अगस्त में 6,700 था।
एडवर्टाइजिंग पर 1,500 करोड़ का होगा खर्च
उधर इस साल ऑटो कंपनियों ने अपने एडवर्टाइजिंग और प्रमोशनल की शुरुआत कर दी है। कंपनियों की सालाना बिक्री में से करीबन 25 प्रतिशत बिक्री इसी त्यौहारी सीजन में होती है। इस साल कंपनियां करीबन 1,500 करोड़ रुपए एडवर्टाइजिंग पर खर्च करने की योजना अगले तीन महीनों में बना रही हैं। ऑटो कंपनियां देश में एडवर्टाइजर्स के रूप में सबसे ज्यादा खर्च करनेवाले सेक्टर्स में है। एक तो इस समय आईपीएल भी चालू है और ऐसे में त्यौहारी सीजन को और ज्यादा रिस्पांस मिल सकता है। कंपनियां आईपीएल में भी एडवर्टाइज कर रही हैं।