कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने बैठक में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ब्याज दरों पर फैसला हो गया है। कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) पर वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 8.5 फीसदी ब्याज तय किया गया है। लेकिन फिलहाल, EPFO की तरफ से सिर्फ 8.15 फीसदी ब्याज दिया जाएगा। बाकी का 0.35 फीसदी ब्याज दिसंबर महीने में दिया जाएगा। वित्त वर्ष 2018-19 में EPF या PF पर 8.65 फीसदी ब्याज दिया गया था।
मार्च में हुई बैठक में की थी 8.50% रखने की सिफारिश
EPFO के केंद्रीय न्यासी मंडल ने 5 मार्च की बैठक में ईपीएफ पर 2019-20 के लिए ब्याज दर 8.50 प्रतिशत रखने की सिफारिश की थी। काफी लंबे समय से यह मामला अटका हुआ था। आज श्रम मंत्री संतोष गंगवार की अध्यक्षता में CBT ने तय किया कि सिफारिश के अनुरूप ही ब्याज मिलेगा। इसे दो किस्तों में पहली अक्टूबर और दूसरी दिसंबर में जारी किया जाएगा। EPF की यह प्रस्तावित दर पिछले 7 साल की न्यूनतम दर होगी। केंद्रीय न्यासी बोर्ड के इस निर्णय को वित्त मंत्रालय की सहमति के लिए भेज दिया गया था पर अभी तक वित्त मंत्रालय से उसका अनुमोदन प्राप्त नहीं हुआ है।
कितना कटता है पीएफ?
नियमों के मुताबिक, सैलरी पाने वाले लोगों को अपने वेतन और महंगाई भत्ते की 12 फीसदी रकम पीएफ खाते में योगदान करना अनिवार्य होता है। नियोक्ता भी कर्मचारी के पीएफ अकाउंट में इतना ही योगदान देता है। हालांकि, कंपनी का हिस्सा दो हिस्सों में बांटा जाता है. इसमें से 8.33 फीसदी पेंशन स्कीम में जाता है। वहीं, बाकी हिस्सा PF खाते में जाता है। इस रकम को रिटायरमेंट के बाद ही निकाला जाता है। हालांकि, रिटायरमेंट से पहले भी पीएफ निकल सकते हैं इसके लिए कुछ शर्तें रहती हैं। पीएफ अकाउंट में योगदान किए गए अंश पर कम्पाउंडिंग के आधार पर ब्याज मिलता है।
किस साल कितनी रही EPF ब्याज दर
- वित्त वर्ष 2013-14 और 2014-15 में 8.75 फीसदी रहा था।
- वित्त वर्ष 2015-16 के लिए यह 8.80 फीसदी था।
- वित्त वर्ष 2016-17 के लिए ब्याज दर 8.65 फीसदी।
- वित्त वर्ष 2017-18 के लिए 8.55 फीसदी रहा था।
- वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 8.65 फीसदी रहा था।