लंदन की लिंडसे बन लाखों के उपहार का लालच देकर फेसबुक के जरिए लोगों को ठगने वाले नाइजीरियन गिरोह का भंडाफोड़ कर पुलिस ने पांच नाइजीरियन समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक महिला और दो लोकल लोग भी शामिल हैं। आरोपी फेसबुक पर विदेशी लडक़ी बन लोगों से दोस्ती करते थे। फिर भरोसा जीतने के बाद विदेश से सोने के आभूषण, मोबाइल फोन आदि का गिफ्ट पार्सल से भेजने का झांसा देते थे। इनका एक साथी एयरपोर्ट पर कस्टम अधिकारी बनकर गिफ्ट पार्सल पर कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी, व अन्य टैक्स चुकाने की बात कहकर अपने अकांउट में पैसे डलवाता था। इस गिरोह का शिकार फरीदाबाद का भी एक व्यक्ति है।
उसकी शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू की थी। साइबर अपराध शाखा ने इस गिरोह का भंडाफोड़ कर सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपियों की पहचान पश्चिमी अफ्रीकी देश लाइब्रेरिया निवासी विलियम्स माइकल, प्रोमिस एबियर ओकेली, हेलीमत मोहम्मद, ओकेकी नैनाबूगो और किनी चुकहू ओकांटा के रूप में हुई है। जबकि गिरोह में शामिल लोकल ठगों की पहचान चावला कॉलोनी बल्लभगढ़ निवासी अनुराग पुत्र प्रेम सिंह और निशांत पुत्र सूरज के रूप में हुई है।
पुलिस प्रवक्ता एवं एसीपी धारणा यादव ने बताया कि आरोपी ठग गिरोह के सदस्य फेसबुक पर विदेशी लडक़ी के नाम से प्रोफाइल बनाकर लोगों से दोस्ती करते थे। उसके बाद शिकार का मोबाइल नंबर हासिल कर वाट्सएप काल कर उसे महंगा गिफ्ट भेजने का झांसा देते थे। किसी को ठगी का अहसास न हो इसके लिए फेसबुक पर विदेशी लड़की का फोटो भी लगा देते थे। महीने दो महीने तक चैटिंग कर लोगों का विश्वास हासिल करते थे। इस गिरोह ने विदेशी लड़की बन यहां के राजबीर नाम के व्यक्ति से दोस्ती की। वाट्सअप पर सुनीता, कस्टम अधिकारी बन उससे केनरा बैंक के खाते में कस्टम ड्यूटी व अन्य टैक्स के नाम पर कुल 35,500 रुपए जमा करा लिए थे। लेकिन राजवीर को कोई गिफ्ट नहीं मिला। ठगी का अहसास होने पर पीड़ित ने पुलिस कमिश्नर कार्यालय में शिकायत दी। 23 जुलाई को केस दर्ज किया गया।
आईजीआई एयरपोर्ट का नाम लेकर पैसे जमा कराने के लिए करते थे फोन
एसीपी ने बताया कि नकली कस्टम अधिकारी सुनीता (नाइजीरियन) इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से फोन कर गिफ्ट पार्सल का टैक्स चुकाने के लिए फोन करती थी। इससे ठगी के शिकार होने वाले को पता भी नहीं चलता था कि उसे शिकार बनाया जा रहा है। उसे आभास तब होता था जब पैसा जमा करने के बाद भी गिफ्ट नहीं मिलता था। एसीपी ने बताया कि बल्लभगढ़ के जो दो लोकल ठग पकड़े गए उनसे इनकी सांठ गांठ थी।
इन्हीं युवकों में एक अपने अकाउंट में पैसा जमा कराता था और दूसरा पैसा निकालकर आपस में बंटवारा करते थे। एसीपी ने बताया एक नाइजीरियन वर्ष 2012 और बाकी वर्ष 2015 से भारत में आकर फरीदाबाद में रह रहे हैं। नाइजीरियन आरोपी विलियम व प्रोमिस एवेयर के पास अलग-अलग देश के 2-2 पासपोर्ट मिले हैं। जबकि महिला आरोपी हेलीमेट का पासपोर्ट वर्ष 2017 में ही एक्सपायर हो चुका है।
ठगी करने वाला गिरोह इस तरह आया पकड़ में| पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि साइबर सेल ने जब अकाउंट नंबर की जांच की तो पता चला कि अकाउंट नंबर जिसमें पैसा जमा कराया गया है वह लोकल का है। फिर उस लोकल अकाउंट धारक तक पुलिस पहुंची। इसके बाद पूछताछ के आधार पर इस गिरोह का भंडाफोड़ हुआ। उन्होंने बताया पांच नाइजीरियन ठगों को ग्रीन फील्ड कॉलोनी के ए-ब्लॉक से गिरफ्तार किया गया। इनके कब्जे से फोन, लैपटॉप व कम्प्यूटर आदि बरामद कर लैब में भेजे जा रहे हैं। उन्होंने बताया अभी तक 20 ऐसे अकाउंट की बात सामने आ रही है जिनके जरिए लोगों से ठगी की गई है। इनमें दिल्ली एनसीआर के भी कई लोग शिकार हो सकते हैं।