हिन्दी पंचांग का दूसरा महीना वैशाख इस वर्ष 13 अप्रैल से प्रारंभ हो गया है, ये महीना 12 मई तक चलेगा। यह मास धार्मिक आस्था, तप, सेवा और पर्यावरण संरक्षण की भावना से भरपूर होता है। गर्मी के इस मौसम में जल और छाया का दान जितना धार्मिक दृष्टि से फलदायक है, उतना ही मानवीय और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी आवश्यक है। इस माह में दो विशेष तिथियां रहेंगी, अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को है। यह तिथि बिना पंचांग देखे कोई भी शुभ कार्य प्रारंभ करने की उत्तम मानी जाती है। बुद्ध पूर्णिमा 12 मई को है। ये भगवान बुद्ध की जयंती के रूप में मनाई जाती है, साथ ही यह वैशाख स्नान का अंतिम दिन भी होता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा बताते हैं कि इस माह में भीषण गर्मी के कारण प्राकृतिक जल स्रोत जैसे तालाब और नदियां सूखने लगती हैं। ऐसे में पक्षियों के लिए दाने और पानी की व्यवस्था, गायों के लिए हरी घास, और जरूरतमंदों के लिए जूते-चप्पल, छाते व वस्त्रों का दान अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। यह दान न केवल धार्मिक कर्म है, बल्कि मानवीय संवेदनाओं की सच्ची अभिव्यक्ति भी है। अब जानिए वैशाख मास में कौन-कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं