शतरंज के लिए 9वीं में ही पढ़ाई छोड़ दी थी, 7400 करोड़ रुपए का बिजनेस खड़ा करने में ये ताकत बना कमजोरी नहीं

हमारे देश के ज्यादातर स्टार्टअप आईआईटी और आईआईएम से पासआउट इंजीनियरिंग एवं मैनेजमेंट के छात्रों ने ही खड़े किए हैं। हालांकि, हाल ही में हुरून की लिस्ट में स्थान पाने वाला और एक अरब डॉलर (करीब 7400 करोड़ रुपए) की वैल्यूएशन हासिल करने वाला एक स्टार्टअप ऐसा भी है, जिसके एक को-फाउंडर स्कूल ड्रॉपआउट हैं। हम बात कर रहे हैं डिस्काउंट ब्रोकरेज फर्म जीरोधा की।

इसके को-फाउंडर निखिल कामथ ने प्रोफेशनल शतरंज के लिए अपनी पढ़ाई नौंवी कक्षा में ही छोड़ दी थी। कामथ कहते हैं कि फॉर्मल एजुकेशन की कमी उनके लिए कमजोरी नहीं बनी, बल्कि शतरंज ने शेयर बाजार में उनकी काफी मदद की। निखिल ने बड़े भाई नितिन के साथ 2011 में जीरोधा की शुरुआत की थी। एक दशक से भी कम समय में जीरोधा देश की सबसे बड़ी ब्रोकरेज फर्म में तब्दील हो चुकी है। हालांकि, निखिल इसे एक फिनटेक कंपनी कहते हैं।
दैनिक भास्कर से बातचीत में निखिल ने कहा- ‘बचपन में ही मुझे शतरंज का शौक लग गया था। जल्द ही मैं प्रोफेशनल शतरंज खेलने लगा। साल 2002 में अंडर-16 लेवल इंटरनेशनल टूर्नामेंट में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया। चूंकि पढ़ाई शतरंज में कैरियर बनाने के लिए छोड़ी थी, इसलिए मेरे बैंक अधिकारी पिता और मां ने कोई शिकायत नहीं की।

कामथ कहते हैं कि फॉर्मल एजुकेशन का अपना महत्व है, इससे इनकार नहीं किया जा सकता। लेकिन स्कूल छोड़ने से मुझमें यह बदलाव आया कि अब मैं उन विषयों के बारे में अधिक पढ़ने लगा था, जिसमें मेरा मन लगता था।

अपने दोस्तों को स्कूल जाता देख मुझे भी पढ़ने की इच्छा करती थी और शायद इस वजह से मैंने बहुत सी किताबें पढ़ डालीं। शतरंज खेलते-खेलते ही बहुत कम उम्र में मैंने और नितिन ने शेयर बाजार में ट्रेडिंग करना शुरू कर दिया था। धीरे-धीरे हमारा ट्रेडिंग वॉल्यूम बहुत बढ़ गया और हमने मससूस किया कि हम बहुत ज्यादा ब्रोकरेज दे रहे हैं।

जीरोधा शुरू करने का शुरुआती मकसद उस ब्रोकरेज को बचाना था, जो हम भर रहे थे।’ शेयर बाजार को अपना पसंदीदा कारोबार बताते हुए कामथ कहते हैं कि शेयर बाजार की सबसे खास बात ये है कि इसके लिए किसी डिग्री की जरूरत नहीं होती। बतौर ट्रेडर किसी लाइसेंस की जरूरत नहीं होती। शेयर बाजार में कारोबार के लिए बहुत बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत नहीं होती।

शतरंज की तरह शेयर बाजार में भी मेमाेरी पाॅवर की जरूरत, समानताएं भी

कामथ कहते हैं कि शतरंज के खेल और शेयर बाजार में बहुत सारी समानताएं हैं। शायद शतरंज का एक अच्छा खिलाड़ी होने के कारण ही मैं शेयर बाजार में भी अच्छा प्रदर्शन कर सका। शतरंज में इंटेलिजेंस से ज्यादा मेमोरी पॉवर जरूरी होती है। आपको गेम याद रखना होता है। प्रिंसिपल फॉलो करने होते हैं। शेयर बाजार में भी ऐसा ही होता है। यह लेवल प्लेइंग फील्ड है।

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एक दशक से भी कम समय में जीरोधा देश की सबसे बड़ी ब्रोकरेज फर्म में तब्दील हो चुकी है। हालांकि, निखिल इसे एक फिनटेक कंपनी कहते हैं।