शापूरजी-ग्रुप की कंपनी को IPO के लिए SEBI की मंजूरी:₹7,000 करोड़ जुटाएगी एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर, इसमें ₹1,250 करोड़ का फ्रेश इश्यू शामिल

शापूरजी पल्लोनजी ग्रुप की प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन कंपनी, एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (AIL) को सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) से IPO लाने की मंजूरी मिल गई है। कंपनी इस इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग के जरिए 7,000 करोड़ रुपए जुटाएगी। इसके लिए कंपनी 1,250 करोड़ रुपए के फ्रेश शेयर इश्यू करेगी। जबकि, एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर के मौजूदा निवेशक गोस्वामी इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड ऑफर फॉर सेल यानी OFS के जरिए 5,750 करोड़ रुपए के शेयर बेचेगी। कंपनी ने 28 मार्च 2024 को SEBI के पास IPO के लिए ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) फाइल किया था। कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट के लिए ₹150 करोड़ खर्च करेगी कंपनी फ्रेश इश्यू से मिले 150 करोड़ रुपए तक की आय का इस्तेमाल कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट की खरीद के लिए कैपिटल रिक्वायरमेंट के लिए किया जाएगा। वहीं, वर्किंग कैपिटल रिक्वायरमेंट की फंडिंग के लिए 350 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। जबकि, कंपनी की ओर से लिए गए कुछ बकाया उधारों और स्वीकृतियों के एक हिस्से के प्री पेमेंट या शेड्यूल्ड रीपेमेंट और जनरल कॉर्पोरेट पर्पज के लिए 500 करोड़ रुपए खर्च होंगे। एफकॉन्स पांच प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर बिजनेस वर्टिकल्स में काम करता है: लिंक इनटाइम, एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर के IPO का रजिस्ट्रार
ICICI सिक्योरिटीज लिमिटेड, DAM कैपिटल एडवाइजर्स लिमिटेड, जेफरीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, नोमुरा फाइनेंशियल एडवाइजरी एंड सिक्योरिटीज (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, नुवामा वेल्थ मैनेजमेंट लिमिटेड और SBI कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड बुक-रनिंग लीड मैनेजर हैं, और लिंक इनटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड इश्यू के रजिस्ट्रार है। DRHP क्या होता है? DRHP वो डॉक्यूमेंट होते हैं जिसमें IPO की योजना बनाने वाली कंपनी के बारे में आवश्यक जानकारी रहती है। इसे सेबी के पास दाखिल किया जाता है। इसमें कंपनी के फाइनेंस, इसके प्रमोटर, कंपनी में इन्वेस्ट करने के जोखिम, फंड जुटाने के कारण, फंड का उपयोग कैसे किया जाएगा, अन्य बातों के साथ महत्वपूर्ण जानकारियां दी जाती हैं। IPO क्या होता है? जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।