केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को लोकसभा में इमिग्रेशन एंड फॉरनर्स बिल 2025 पर जवाब दिया। उन्होंने कहा- रोहिंग्या हों या बांग्लादेशी हों, अगर भारत को नुकसान पहुंचाने की मानसिकता के साथ आते हैं तो उनके साथ बड़ी ही कठोरता के साथ पेश आया जाएगा। अगर कोई योगदान देने के लिए आता है तो उसका स्वागत है। इस नीति में उदारता के साथ कठोरता की भी जरूरत है। भारत में आने वाले सभी विदेशी नागरिकों का अपडेट रखा जाएगा। वे किस रास्ते से आ रहे हैं। कहां रुक रहे हैं। क्या कर रहे हैं, इसकी जानकारी अपडेट की जाएगी। मोदी जी का लक्ष्य है 2047 तक विकसित भारत बनाना और इसी को ध्यान में रखते हुए ढेर सारे बिल पिछले 10 साल में इस सदन में आए। हर क्षेत्र के हर कानून को मजबूत करने का काम हमने किया है। आज इस बिल को लेकर आया हूं तो इससे तीसरे नंबर का अर्थव्यवस्था बनाने, अनुसंधान के क्षेत्र में आर एंड डी करने वालों को उदार तंत्र मिलने वाला है। अप्रवास अधिनियम अंग्रेजों ने बनाया था
यह बिल लोकसभा में 11 मार्च को पेश किया गया था। इस पर सत्ता और विपक्ष के 30 सांसदों ने अपनी बात रखी। इस पर चर्चा का जवाब देते हुए शाह ने कहा- इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में भी यहां ढेर सारे क्षेत्रों में अनुसंधान की व्यवस्था होगी। अभी चार अधिनियमों में कई व्यवस्थाएं छिटपुट है। ये एक ही विधेयक चार अधिनियमों को निरस्त करके एक कानून का रूप देने का काम करेगा और 2047 तक विकसित भारत बनाने के लक्ष्य में आगे जाएगा। इसमें सशक्त अप्रवासन नीति का बड़ा महत्व है। ये हमारी प्रणाली को आसान करेगा, विश्वसनीय भी बनेगा। तीन साल के गहन विचार के बाद इसे डिजाइन किया गया है। इसका राजनीतिक कारणों से विरोध नहीं करना चाहिए। भारत आने वाले यात्रियों का डेटाबेस बन जाएगा, टूरिज्म के क्षेत्र में भी वृद्धि होगी। ग्लोबल ब्रांडिंग बढ़ाने में ये बिल महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। निवेश-रोजगार और जीडीपी के क्षेत्र में बहुत फायदा होगा। भारत का डंका बजने के काम की गति और तेज होगी। रोगों का दमन करने की जगह रोग न हो, ऐसा मानव शरीर बनाना हमारा पुरातन विचार था जो आज पूरी दुनिया को अच्छा लग रहा है। सुरक्षा की दृष्टि से ड्रग्स कार्टल, घुसपैठियों की कार्टल, हवाला व्यापारियों को समाप्त करने की व्यवस्था हम इस विधेयक में कर रहे हैं। पासपोर्ट एक्ट में पासपोर्ट-वीजा की आवश्यकता को पुख्ता करेगा, विदेशियों के पंजीकरण को और पुख्ता करेगा। अप्रवास अधिनियम 2002 को भी थोड़ा परिवर्तन करके इसमें समाहित किया गया है। 1920, 1930 और 1946, ब्रिटेन की संसद में बने थे। हमारे देश की इतनी महत्वपूर्ण नीति जो सुरक्षा, विकास सुनिश्चित करती है। इस पर विदेशी सांसदों ने चर्चा की थी। आज 30 सांसदों ने अपने विचार दिए हैं और एक भी विदेशी नहीं हैं। संसद भी हमारी है। ये गौरव की बात है। ये अमृतकाल में भारत के हितों के लिए बनाया गया है। डेटा प्रबंधन और सत्यापन की जटिलता को समाप्त किया गया है। अधिकार क्षेत्र की स्पष्टता भी की गई है। लीगल कन्फ्यूजन को एक ही बिल समाप्त कर देगा। इससे पहले लोकसभा ने डिजास्टर मैनेजमेंट (अमेंटमेंड) बिल और रेलवे (अमेंटमेंड) बिल में टेक्निकल बदलाव को मंजूरी दे दी। राज्यसभा से इन्हें पहले ही मंजूरी मिल चुकी थी। दोनों बिल पिछले साल लोकसभा से पास हो गए थे। लेकिन अब ये बिल जब कानून बनेंगे तो इनके नाम के आगे 2024 की जगह 2025 लिखा जाएगा। उधर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस खारिज कर दिया। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने 25 मार्च को सदन को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए गृह मंत्री के खिलाफ यह नोटिस दिया था। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में एक लिखित में बताया कि AI टूल्स के इस्तेमाल पर सरकारी विभागों पर कोई प्रतिबंध नहीं है। हालांकि, किसी भी टेक्नोलॉजी या प्लेटफॉर्म का उपयोग करते समय सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए उचित सावधानी बरतने की अपेक्षा की जाती है। उनसे पूछा गया था कि क्या अधिकारी चिट्ठियों का मसौदा तैयार करने और रिपोर्ट बनाने के लिए चैटजीपीटी जैसे टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर रहे हैं। बजट सत्र के पिछले 11 दिन की कार्यवाही पढ़ें… 26 मार्च: विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मुझे लोकसभा में बोलने नहीं दिया जाता है। संसद अलोकतांत्रिक तरीके से चलाई जा रही है। उन्होंने कहा- विपक्ष के सवालों का जवाब नहीं मिलता है। संसद केवल सरकार के लिए चल रही है। इस बीच विपक्ष के 70 सांसद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मिले। सांसदों ने स्पीकर से अपनी नाराजगी जताई। 25 मार्च: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बताया कि नए आयकर बिल पर मानसून सत्र में चर्चा होगी। बिल अभी सेलेक्ट कमेटी के पास है। कमेटी को अगले सत्र के पहले दिन तक अपनी रिपोर्ट देनी है। मौजूदा कानून में 819 धाराएं हैं जबकि नए कानून में सिर्फ 536 धाराएं होगीं। चैप्टर भी 47 से घटकर 23 रह जाएंगे। इसके अलावा 1200 प्रावधान और 900 स्पष्टीकरण हट जाएंगे। 24 मार्च: भाजपा ने मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा उठाया। सपा सांसद पोस्टर लेकर सदन में आए। इस पर स्पीकर ओम बिरला ने आपत्ति जताई। रिजिजू सदन पहुंचे और कर्नाटक के डिप्टी CM को बर्खास्त करने की मांग की। वहीं, मामला बढ़ने पर कर्नाटक के डिप्टी CM डीके शिवकुमार ने कहा, ‘मैंने संविधान बदलने की बात नहीं कही। ये लोग (BJP) गलत बातें फैला रहे हैं।’ 21 मार्च: शाह ने कहा- पिछले 10 साल में प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में बहुत कुछ बदला। आतंकवाद, नक्सलवाद और पूर्वोत्तर में उग्रवाद नासूर बने थे। हमें पिछली सरकार ने इसे विरासत में दिया था। 2014 में हमारी सरकार बनी तो हमने तीनों मोर्चों पर मुकाबला किया। जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं से हुई मौतों में 70% कमी आई है। 20 मार्च: DMK सांसदों की टीशर्ट पर परिसीमन के विरोध में नारे लिखे थे। टीशर्ट पर लिखा था- तमिलनाडु लड़ेगा और जीतेगा। यह देखकर स्पीकर ओम बिरला नाराज हो गए। उन्होंने चेतावनी दी कि सांसद जब टीशर्ट बदलकर आएंगे तभी सदन चलेगा। 19 मार्च: बजट सत्र के छठे दिन गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने आतंकी घटनाओं पर केंद्र सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा- पहले आतंकवादियों का महिमामंडन किया जाता था, लेकिन मोदी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी अपनाई है। मोदी सरकार में आतंकवादी घटनाओं में 71 प्रतिशत की कमी आई है और आतंकवादी अब या तो जेल जाएंगे या जहन्नुम जाएंगे।’ 18 मार्च: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कहा- महाकुंभ पर सवाल उठाने वालों को जवाब मिला है। देश के कोने-कोने में आध्यात्मिक चेतना उभरी है। महाकुंभ में राष्ट्रीय चेतना के दर्शन हुए और महाकुंभ के उत्साह-उमंग को महसूस किया। देश की सामूहिक चेतना का नतीजा महाकुंभ के दौरान देखने को मिला। युवा पीढ़ी भी पूरे भाव से महाकुंभ से जुड़ी। राहुल गांधी ने मोदी के महाकुंभ पर दिए वक्तव्य पर कहा- मैं प्रधानमंत्री की बात का समर्थन करना चाहता था। कुंभ हमारी परंपरा है, संस्कृति है, इतिहास है। एक शिकायत थी कि प्रधानमंत्री ने जिनकी मृत्यु हुई उन्हें श्रद्धांजलि नहीं दी। 17 मार्च: होली की छुट्टियों के बाद सोमवार को बजट सत्र के दूसरे फेज का चौथा दिन था। राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस (TMC), कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों के 10 सांसदों ने पूरे दिन सदन की कार्यवाही रोककर डुप्लीकेट वोटर आईडी पर चर्चा की मांग की। उपसभापति हरिवंश के इनकार के बाद कांग्रेस और TMC ने राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया। उधर लोकसभा में रेल मंत्रालय की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान महाराष्ट्र से कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ ने रेल मंत्री को घेरा। उन्होंने कहा कि दावा किया जाता है कि रेल बजट में अभूतपूर्व बदलाव किए गए, जबकि सच ये है कि फेल बजट है। मौजूदा सरकार नरेटिव बनाने की कोशिश करती है कि विकास के सभी काम 2014 के बाद हुए। जबकि तथ्य ये है कि पब्लिक सेक्टर की कंपनियां खराब स्थिति में हैं। 12 मार्च: भारत-पाक बॉर्डर पर एनर्जी प्रोजेक्ट का विरोध
बजट सत्र के तीसरे दिन लोकसभा में देश की सुरक्षा का मुद्दा उठा। कांग्रेस और DMK ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट को मंजूरी दिए जाने पर आपत्ति जताई। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि इस प्रोजेक्ट से देश की सुरक्षा को खतरा है। ये प्रोजेक्ट बॉर्डर से 1 किमी के दायरे में लगेंगे, जबकि बॉर्डर के 10 किमी तक के दायरे में किसी तरह का निर्माण नहीं किया जा सकता। दरअसल, गुजरात सरकार ने भारत-पाक सीमा से 1 किमी के दायरे में एनर्जी प्रोजेक्ट के लिए अडाणी ग्रुप को 25 हजार हेक्टेयर जमीन दी है। कांग्रेस सांसद ने सवाल किया कि क्या इस प्रोजेक्ट को कोई छूट दी गई थी। इस पर सरकार ने कहा कि केंद्र, राज्य और संबंधित एजेंसियों से मंजूरी मिलने के बाद किसी ही प्रस्ताव को मंजूरी और लाइसेंस दिए जाते हैं। 11 मार्च: खड़गे के ठोकेंगे बयान पर हंगामा, फिर माफी मांगी
राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के ‘ठोकेंगे’ वाले बयान पर हंगामा हुआ। दरअसल, डिप्टी चेयरमैन ने दिग्विजय सिंह को बोलने के लिए कहा, लेकिन खड़गे बीच में अपनी बात रखने लगे। इस पर डिप्टी चेयरमैन हरिवंश ने उन्हें टोका, कहा- आप सुबह बोल चुके हैं। इस पर खड़गे ने कहा- ‘ये क्या डिक्टेटरशिप है। मैं हाथ जोड़कर आपसे बोलने की अनुमति मांग रहा हूं।’ इस पर हरिवंश ने कहा- अभी दिग्विजय सिंह के बोलने का मौका है, इसलिए आप बैठ जाइए। इसके बाद खड़गे ने कहा- वो तो बोलेंगे ही, लेकिन आपको क्या-क्या ठोकना है हम ठीक से ठोकेंगे, सरकार को भी ठोकेंगे। जब हरिवंश ने खड़गे के बयान पर आपत्ति जताई तो उन्होंने कहा कि हम सरकार की नीतियों को ठोकने की बात कर रहे हैं। इमिग्रेशन बिल पेश, बिना वैध पासपोर्ट भारत में एंट्री पर 5 साल जेल
भारत आने वाले विदेशी नागरिकों की आवाजाही को व्यवस्थित बनाने के लिए लोकसभा में इमिग्रेशन और फॉरेनर्स बिल-2025 पेश किया। इस बिल के मुताबिक, कोई व्यक्ति अगर गैर कानूनी तरीके से किसी विदेशी को देश में लाता, ठहराता या बसाता है, तो उसे 3 साल जेल या 2 से 5 लाख रुपए का जुर्माना या फिर दोनों हो सकते हैं। भारत में आने के लिए किसी भी विदेशी के पास ‘वैध पासपोर्ट और वीजा’ अनिवार्य होगा। विपक्ष ने लोकसभा में इस बिल का विरोध किया। 10 मार्च: ट्राई-लैंग्वेज पर विवाद, शिक्षा मंत्री बोले- DMK के लोग बेईमान सत्र का पहला दिन हंगामे भरा रहा था। सदन शुरू होते ही लोकसभा में DMK सांसदों ने नई शिक्षा नीति (NEP) और ट्राय-लैंग्वेज को लेकर खूब हो-हल्ला किया। विवाद पर शिक्षा मंत्री ने कहा- DMK के लोग बेईमान हैं। वे तमिलनाडु के छात्रों के प्रति प्रतिबद्ध नहीं हैं। उनका एकमात्र काम भाषा की बाधाएं खड़ी करना है। वे राजनीति कर रहे हैं। वे अलोकतांत्रिक और असभ्य हैं। पूरी खबर पढ़ें…
यह बिल लोकसभा में 11 मार्च को पेश किया गया था। इस पर सत्ता और विपक्ष के 30 सांसदों ने अपनी बात रखी। इस पर चर्चा का जवाब देते हुए शाह ने कहा- इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में भी यहां ढेर सारे क्षेत्रों में अनुसंधान की व्यवस्था होगी। अभी चार अधिनियमों में कई व्यवस्थाएं छिटपुट है। ये एक ही विधेयक चार अधिनियमों को निरस्त करके एक कानून का रूप देने का काम करेगा और 2047 तक विकसित भारत बनाने के लक्ष्य में आगे जाएगा। इसमें सशक्त अप्रवासन नीति का बड़ा महत्व है। ये हमारी प्रणाली को आसान करेगा, विश्वसनीय भी बनेगा। तीन साल के गहन विचार के बाद इसे डिजाइन किया गया है। इसका राजनीतिक कारणों से विरोध नहीं करना चाहिए। भारत आने वाले यात्रियों का डेटाबेस बन जाएगा, टूरिज्म के क्षेत्र में भी वृद्धि होगी। ग्लोबल ब्रांडिंग बढ़ाने में ये बिल महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। निवेश-रोजगार और जीडीपी के क्षेत्र में बहुत फायदा होगा। भारत का डंका बजने के काम की गति और तेज होगी। रोगों का दमन करने की जगह रोग न हो, ऐसा मानव शरीर बनाना हमारा पुरातन विचार था जो आज पूरी दुनिया को अच्छा लग रहा है। सुरक्षा की दृष्टि से ड्रग्स कार्टल, घुसपैठियों की कार्टल, हवाला व्यापारियों को समाप्त करने की व्यवस्था हम इस विधेयक में कर रहे हैं। पासपोर्ट एक्ट में पासपोर्ट-वीजा की आवश्यकता को पुख्ता करेगा, विदेशियों के पंजीकरण को और पुख्ता करेगा। अप्रवास अधिनियम 2002 को भी थोड़ा परिवर्तन करके इसमें समाहित किया गया है। 1920, 1930 और 1946, ब्रिटेन की संसद में बने थे। हमारे देश की इतनी महत्वपूर्ण नीति जो सुरक्षा, विकास सुनिश्चित करती है। इस पर विदेशी सांसदों ने चर्चा की थी। आज 30 सांसदों ने अपने विचार दिए हैं और एक भी विदेशी नहीं हैं। संसद भी हमारी है। ये गौरव की बात है। ये अमृतकाल में भारत के हितों के लिए बनाया गया है। डेटा प्रबंधन और सत्यापन की जटिलता को समाप्त किया गया है। अधिकार क्षेत्र की स्पष्टता भी की गई है। लीगल कन्फ्यूजन को एक ही बिल समाप्त कर देगा। इससे पहले लोकसभा ने डिजास्टर मैनेजमेंट (अमेंटमेंड) बिल और रेलवे (अमेंटमेंड) बिल में टेक्निकल बदलाव को मंजूरी दे दी। राज्यसभा से इन्हें पहले ही मंजूरी मिल चुकी थी। दोनों बिल पिछले साल लोकसभा से पास हो गए थे। लेकिन अब ये बिल जब कानून बनेंगे तो इनके नाम के आगे 2024 की जगह 2025 लिखा जाएगा। उधर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस खारिज कर दिया। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने 25 मार्च को सदन को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए गृह मंत्री के खिलाफ यह नोटिस दिया था। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में एक लिखित में बताया कि AI टूल्स के इस्तेमाल पर सरकारी विभागों पर कोई प्रतिबंध नहीं है। हालांकि, किसी भी टेक्नोलॉजी या प्लेटफॉर्म का उपयोग करते समय सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए उचित सावधानी बरतने की अपेक्षा की जाती है। उनसे पूछा गया था कि क्या अधिकारी चिट्ठियों का मसौदा तैयार करने और रिपोर्ट बनाने के लिए चैटजीपीटी जैसे टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर रहे हैं। बजट सत्र के पिछले 11 दिन की कार्यवाही पढ़ें… 26 मार्च: विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मुझे लोकसभा में बोलने नहीं दिया जाता है। संसद अलोकतांत्रिक तरीके से चलाई जा रही है। उन्होंने कहा- विपक्ष के सवालों का जवाब नहीं मिलता है। संसद केवल सरकार के लिए चल रही है। इस बीच विपक्ष के 70 सांसद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मिले। सांसदों ने स्पीकर से अपनी नाराजगी जताई। 25 मार्च: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बताया कि नए आयकर बिल पर मानसून सत्र में चर्चा होगी। बिल अभी सेलेक्ट कमेटी के पास है। कमेटी को अगले सत्र के पहले दिन तक अपनी रिपोर्ट देनी है। मौजूदा कानून में 819 धाराएं हैं जबकि नए कानून में सिर्फ 536 धाराएं होगीं। चैप्टर भी 47 से घटकर 23 रह जाएंगे। इसके अलावा 1200 प्रावधान और 900 स्पष्टीकरण हट जाएंगे। 24 मार्च: भाजपा ने मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा उठाया। सपा सांसद पोस्टर लेकर सदन में आए। इस पर स्पीकर ओम बिरला ने आपत्ति जताई। रिजिजू सदन पहुंचे और कर्नाटक के डिप्टी CM को बर्खास्त करने की मांग की। वहीं, मामला बढ़ने पर कर्नाटक के डिप्टी CM डीके शिवकुमार ने कहा, ‘मैंने संविधान बदलने की बात नहीं कही। ये लोग (BJP) गलत बातें फैला रहे हैं।’ 21 मार्च: शाह ने कहा- पिछले 10 साल में प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में बहुत कुछ बदला। आतंकवाद, नक्सलवाद और पूर्वोत्तर में उग्रवाद नासूर बने थे। हमें पिछली सरकार ने इसे विरासत में दिया था। 2014 में हमारी सरकार बनी तो हमने तीनों मोर्चों पर मुकाबला किया। जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं से हुई मौतों में 70% कमी आई है। 20 मार्च: DMK सांसदों की टीशर्ट पर परिसीमन के विरोध में नारे लिखे थे। टीशर्ट पर लिखा था- तमिलनाडु लड़ेगा और जीतेगा। यह देखकर स्पीकर ओम बिरला नाराज हो गए। उन्होंने चेतावनी दी कि सांसद जब टीशर्ट बदलकर आएंगे तभी सदन चलेगा। 19 मार्च: बजट सत्र के छठे दिन गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने आतंकी घटनाओं पर केंद्र सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा- पहले आतंकवादियों का महिमामंडन किया जाता था, लेकिन मोदी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी अपनाई है। मोदी सरकार में आतंकवादी घटनाओं में 71 प्रतिशत की कमी आई है और आतंकवादी अब या तो जेल जाएंगे या जहन्नुम जाएंगे।’ 18 मार्च: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कहा- महाकुंभ पर सवाल उठाने वालों को जवाब मिला है। देश के कोने-कोने में आध्यात्मिक चेतना उभरी है। महाकुंभ में राष्ट्रीय चेतना के दर्शन हुए और महाकुंभ के उत्साह-उमंग को महसूस किया। देश की सामूहिक चेतना का नतीजा महाकुंभ के दौरान देखने को मिला। युवा पीढ़ी भी पूरे भाव से महाकुंभ से जुड़ी। राहुल गांधी ने मोदी के महाकुंभ पर दिए वक्तव्य पर कहा- मैं प्रधानमंत्री की बात का समर्थन करना चाहता था। कुंभ हमारी परंपरा है, संस्कृति है, इतिहास है। एक शिकायत थी कि प्रधानमंत्री ने जिनकी मृत्यु हुई उन्हें श्रद्धांजलि नहीं दी। 17 मार्च: होली की छुट्टियों के बाद सोमवार को बजट सत्र के दूसरे फेज का चौथा दिन था। राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस (TMC), कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों के 10 सांसदों ने पूरे दिन सदन की कार्यवाही रोककर डुप्लीकेट वोटर आईडी पर चर्चा की मांग की। उपसभापति हरिवंश के इनकार के बाद कांग्रेस और TMC ने राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया। उधर लोकसभा में रेल मंत्रालय की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान महाराष्ट्र से कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ ने रेल मंत्री को घेरा। उन्होंने कहा कि दावा किया जाता है कि रेल बजट में अभूतपूर्व बदलाव किए गए, जबकि सच ये है कि फेल बजट है। मौजूदा सरकार नरेटिव बनाने की कोशिश करती है कि विकास के सभी काम 2014 के बाद हुए। जबकि तथ्य ये है कि पब्लिक सेक्टर की कंपनियां खराब स्थिति में हैं। 12 मार्च: भारत-पाक बॉर्डर पर एनर्जी प्रोजेक्ट का विरोध
बजट सत्र के तीसरे दिन लोकसभा में देश की सुरक्षा का मुद्दा उठा। कांग्रेस और DMK ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट को मंजूरी दिए जाने पर आपत्ति जताई। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि इस प्रोजेक्ट से देश की सुरक्षा को खतरा है। ये प्रोजेक्ट बॉर्डर से 1 किमी के दायरे में लगेंगे, जबकि बॉर्डर के 10 किमी तक के दायरे में किसी तरह का निर्माण नहीं किया जा सकता। दरअसल, गुजरात सरकार ने भारत-पाक सीमा से 1 किमी के दायरे में एनर्जी प्रोजेक्ट के लिए अडाणी ग्रुप को 25 हजार हेक्टेयर जमीन दी है। कांग्रेस सांसद ने सवाल किया कि क्या इस प्रोजेक्ट को कोई छूट दी गई थी। इस पर सरकार ने कहा कि केंद्र, राज्य और संबंधित एजेंसियों से मंजूरी मिलने के बाद किसी ही प्रस्ताव को मंजूरी और लाइसेंस दिए जाते हैं। 11 मार्च: खड़गे के ठोकेंगे बयान पर हंगामा, फिर माफी मांगी
राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के ‘ठोकेंगे’ वाले बयान पर हंगामा हुआ। दरअसल, डिप्टी चेयरमैन ने दिग्विजय सिंह को बोलने के लिए कहा, लेकिन खड़गे बीच में अपनी बात रखने लगे। इस पर डिप्टी चेयरमैन हरिवंश ने उन्हें टोका, कहा- आप सुबह बोल चुके हैं। इस पर खड़गे ने कहा- ‘ये क्या डिक्टेटरशिप है। मैं हाथ जोड़कर आपसे बोलने की अनुमति मांग रहा हूं।’ इस पर हरिवंश ने कहा- अभी दिग्विजय सिंह के बोलने का मौका है, इसलिए आप बैठ जाइए। इसके बाद खड़गे ने कहा- वो तो बोलेंगे ही, लेकिन आपको क्या-क्या ठोकना है हम ठीक से ठोकेंगे, सरकार को भी ठोकेंगे। जब हरिवंश ने खड़गे के बयान पर आपत्ति जताई तो उन्होंने कहा कि हम सरकार की नीतियों को ठोकने की बात कर रहे हैं। इमिग्रेशन बिल पेश, बिना वैध पासपोर्ट भारत में एंट्री पर 5 साल जेल
भारत आने वाले विदेशी नागरिकों की आवाजाही को व्यवस्थित बनाने के लिए लोकसभा में इमिग्रेशन और फॉरेनर्स बिल-2025 पेश किया। इस बिल के मुताबिक, कोई व्यक्ति अगर गैर कानूनी तरीके से किसी विदेशी को देश में लाता, ठहराता या बसाता है, तो उसे 3 साल जेल या 2 से 5 लाख रुपए का जुर्माना या फिर दोनों हो सकते हैं। भारत में आने के लिए किसी भी विदेशी के पास ‘वैध पासपोर्ट और वीजा’ अनिवार्य होगा। विपक्ष ने लोकसभा में इस बिल का विरोध किया। 10 मार्च: ट्राई-लैंग्वेज पर विवाद, शिक्षा मंत्री बोले- DMK के लोग बेईमान सत्र का पहला दिन हंगामे भरा रहा था। सदन शुरू होते ही लोकसभा में DMK सांसदों ने नई शिक्षा नीति (NEP) और ट्राय-लैंग्वेज को लेकर खूब हो-हल्ला किया। विवाद पर शिक्षा मंत्री ने कहा- DMK के लोग बेईमान हैं। वे तमिलनाडु के छात्रों के प्रति प्रतिबद्ध नहीं हैं। उनका एकमात्र काम भाषा की बाधाएं खड़ी करना है। वे राजनीति कर रहे हैं। वे अलोकतांत्रिक और असभ्य हैं। पूरी खबर पढ़ें…