शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे विकलांग अध्यापकों की सूची वरिष्ठता को आधार मानते हुए मांगी गई हैं। ऐसे में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, मौलिक शिक्षा अधिकारियों और डाइट प्रिंसिपल को अपने-अपने जिलों के ऐसे मुख्याध्यापक जो कि उच्च विद्यालयों में विकलांग का भत्ता प्राप्त कर रहे हैं और उनमें से जो कर्मचारी वर्ष 1996 के बाद नियुक्त किए गए हैं, उनकी जानकारी देनी होगी। साथ ही यह भी बताना होगा कि यह शिक्षक जन्म से विकलांग है या बाद में विकलांग हुए हैं। उनका विकलांगता प्रमाण पत्र सिविल सर्जन या फिर पीजीआईएमएस रोहतक से प्रमाणित हो।