नागपुर हिंसा को लेकर शिवसेना (उद्धव गुट) के मुखपत्र ‘सामना’ ने भाजपा और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधा। लेख में कहा गया है भाजपा के पेट में नया शिवाजी पल रहा है। इसी वजह से वे छत्रपति शिवाजी के इतिहास को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। सामना ने लिखा कि लोकसभा में भाजपा के ओडिशा के बारगढ़ से सांसद प्रदीप पुरोहित ने कहा था, ‘हमारे शिवाजी मोदी हैं। मोदी पिछले जन्म में छत्रपति शिवाजी थे।’ तो अब भाजपा ने नए शिवाजी को जन्म दिया है और इसके लिए मूल शिवाजी को खत्म करने की उनकी योजना है। फिर छत्रपति शिवाजी महाराज को खत्म करना है तो पहले औरंगजेब की कब्र को ध्वस्त करना होगा। मतलब इतिहास अपने आप नष्ट हो जाएगा। सामना ने लिखा- फडणवीस सिर्फ भाषण देने में व्यस्त
सामना ने लिखा कि नागपुर का 300 साल पुराना इतिहास है और वहां कभी दंगे नहीं हुए, लेकिन अब शहर को हिंसा की आग में झोंक दिया गया है। सामना ने पूछा है कि जब फडणवीस खुद होम मिनिस्ट्री संभाल रहे हैं, तो फिर दंगाइयों को शहर में घुसने और आगजनी करने की परमिशन कैसे मिली? देवेंद्र फडणवीस सिर्फ भाषण देने में व्यस्त हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे। अगर दंगाई बाहरी थे, तो गृह विभाग और सुरक्षा एजेंसियां क्या कर रही थीं? सामना के आर्टिकल के 3 बड़े बयान… 1. महाराष्ट्र में औरंगजेब का महिमामंडन कोई नहीं करेगा
महाराष्ट्र में औरंगजेब का महिमामंडन कोई नहीं करेगा। यहां केवल छत्रपति शिवाजी महाराज की ही जय-जयकार होगी। ‘छावा’ फिल्म के प्रदर्शन के बाद से संघ, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल जैसे संगठनों और भाजपा के नवहिंदुत्ववादी तत्वों ने औरंगजेब की कब्र के खिलाफ राजनीतिक रौद्ररूप दिखाया और महाराष्ट्र का माहौल खराब कर दिया। 2. मोदी- भागवत को खुद औरंगजेब की कब्र को खोदना चाहिए
केंद्र में मोदी और महाराष्ट्र में फडणवीस हैं। दोनों भाजपा के। इसलिए खुद मोदी, फडणवीस, मोहन भागवत, एकनाथ शिंदे और अजीत पवार इन पांच लोगों को सरकारी आदेश के तहत औरंगजेब की कब्र को खोदना चाहिए। इससे महाराष्ट्र में दंगे रुकेंगे और उन्मादियों के दिमाग शांत होंगे। 3. औरंगजेब को फिर से जिंदा किया गया
आज महाराष्ट्र बंटा हुआ है और धर्म के नाम पर धधक रहा है। कुरान की प्रति कहीं मिल जाए तो सम्मान से वापस करें, ऐसा छत्रपति शिवाजी महाराज का आदेश पत्र बताता है। लेकिन नागपुर में कुरान की आयतों को जलाने की घटना हुई। चार सौ साल पहले दफनाया गया औरंगजेब फिर से जिंदा किया गया है। नागपुर हिंसा के बाद 11 इलाकों में कर्फ्यू
नागपुर में औरंगजेब का पुतला जलाने पर हुई हिंसा के बाद मंगलवार को 11 इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। सोमवार शाम हुई हिंसा में 33 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, इनमें 3 DCP हैं। 5 आम लोग भी घायल हैं, इनमें से एक ICU में भर्ती है। दंगाइयों ने 12 बाइक, कई कारें, 1 JCB जला दी। पुलिस ने दंगे के आरोप में 50 लोगों को अरेस्ट किया गया है। वहीं, संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। कब्र की ओर जाने वाले रास्तों पर बैरिकेडिंग कर दी गई है। हर आने-जाने वालों की जांच की जा रही है। भाजपा औरंगजेब की कब्र हटा सकती है
शिवसेना (UBT) चीफ उद्धव ठाकरे ने कहा- भाजपा छत्रपति संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र हटा सकती है, क्योंकि पार्टी केंद्र और राज्य दोनों में सत्ता में है। मैं मुख्यमंत्री नहीं हूं, न ही मैं गृह मंत्री हूं, मुख्यमंत्री से पूछिए कि नागपुर हिंसा के पीछे कौन है। क्योंकि RSS मुख्यालय वहीं है। उन्होंने कहा- महाराष्ट्र डबल इंजन की सरकार है। अगर डबल इंजन की सरकार विफल हो गई है, तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। अगर आप चाहें, तो आप औरंगजेब की कब्र हटा सकते हैं, लेकिन उस दौरान चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार को बुलाएं। उन्होंने कहा कि औरंगजेब वास्तव में गुजरात में पैदा हुए। उनका जन्म 1618 में गुजरात के दाहोद में हुआ था और उनकी मृत्यु 1707 में महाराष्ट्र के भिंगर के पास हुई थी। उनकी मौत को 300 साल हो चुके हैं। वहीं, आदित्य ठाकरे ने कहा- भाजपा महाराष्ट्र को मणिपुर बनाने की कोशिश कर रही है। दुख की बात है कि जब भाजपा शासन नहीं कर पाती तो हिंसा और दंगों का सहारा लेती है। अगर आप मणिपुर को देखें तो वे महाराष्ट्र को बिल्कुल वैसा ही बनाना चाहते हैं। वे 300 साल से भी पहले जीने वाले किसी व्यक्ति का इतिहास खोदने की कोशिश कर रहे हैं। औरंगजेब की प्रतीकात्मक कब्र जलाने से बवाल हुआ
सोमवार को नागपुर में विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन के दौरान गोबर के कंडों से भरा एक हरे रंग का कपड़ा जलाया गया। VHP के मुताबिक, ये औरंगजेब की प्रतीकात्मक कब्र थी। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद देर शाम 7:30 बजे नागपुर के महल इलाके में हिंसा भड़क गई। पथराव और तोड़फोड़ शुरू हो गई। उपद्रवियों ने घरों पर पथराव किया और सड़क पर खड़े दर्जनों वाहनों में तोड़फोड़-आगजनी की। पुलिस पर भी हमला किया गया। DCP निकेतन कदम कुल्हाड़ी के हमले से घायल हो गए। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। रात 10.30 बजे से 11.30 बजे के बीच ओल्ड भंडारा रोड के पास हंसपुरी इलाके में एक और झड़प हुई। हिंसा से जुड़ी तस्वीरें… औरंगजेब पर कैसे शुरू हुआ पूरा विवाद… सपा विधायक बोले- औरंगजेब क्रूर शासक नहीं
पूरा विवाद महाराष्ट्र के सपा विधायक अबू आजमी के बयान से शुरू हुआ। उन्होंने 3 मार्च को कहा- हमें गलत इतिहास दिखाया जा रहा है। औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए हैं। मैं उसे क्रूर शासक नहीं मानता। अगर कोई कहता है कि यह लड़ाई हिंदू-मुसलमान को लेकर थी, तो मैं इस पर विश्वास नहीं करता। आरोप लगे कि आजमी ने शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज पर अपमानजनक टिप्पणी की। विवाद बढ़ने पर आजमी ने 4 मार्च को अपना बयान वापस ले लिया। उन्होंने कहा- ‘मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है। फिर भी मेरी बात से कोई आहत हुआ है तो मैं अपना स्टेटमेंट वापस लेता हूं।’ आजमी पूरे बजट सत्र के लिए सस्पेंड
महाराष्ट्र विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। अबू आजमी के बाद उन्हें पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा के अंदर उनके बयान की निंदा की। डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि आजमी पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए। मामला यहीं नहीं रुका उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी UP विधानसभा में बजट सत्र के दौरान आजमी के बयान की आलोचना की उन्होंने कहा- भारत की आस्था को रौंदने वाले का महिमामंडन करने वाले सदस्य को सपा से बाहर निकाल देना चाहिए। उसे (अबू आजमी) यहां बुलाइए। UP ऐसे लोगों का उपचार करने में देर नहीं करता। औरंगजेब की कब्र ढहाने की मांग, CM फडणवीस का समर्थन
बढ़ते विवाद के बीच छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और सातारा से भाजपा सांसद उदयनराजे भोंसले ने औरंगजेब की कब्र को ढहाने की मांग की। उन्होंने कहा- एक JCB मशीन भेजकर उसकी (औरंगजेब) कब्र को गिरा दो, वह एक चोर और लुटेरा था। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस मांग का समर्थन किया। तेलंगाना के भाजपा विधायक टी राजा सिंह ने भी कब्र हटाने की मांग की। उन्होंने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को चिट्ठी लिखकर कब्र के रखरखाव पर खर्च का विवरण मांगा। राजा ने कहा- हमारी संस्कृति का दमन करने वाले की कब्र पर करदाताओं का एक भी रुपया खर्च नहीं किया जाना चाहिए। राउत बोले- ये मराठाओं के शौर्य का स्मारक
उधर शिवसेना उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने कब्र विवाद को लेकर भाजपा नेताओं पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- औरंगजेब की कब्र मराठाओं के शौर्य का एक स्मारक है। यह आने वाली पीढ़ी को बताएगा कि किस तरह से शिवाजी महाराज और मराठा सैनिक आक्रांताओं से लड़ते रहे। 1707 में बनी थी औरंगजेब की कब्र
मुगल सम्राट औरंगजेब की कब्र छत्रपति संभाजीनगर से 25 किमी दूर खुल्दाबाद में है। इतिहासकारों के मुताबिक, 1707 में जब औरंगजेब की मौत के बाद बादशाह की इच्छा के अनुसार उसे खुल्दाबाद में उसके आध्यात्मिक गुरु शेख जैनुद्दीन की दरगाह के पास दफनाया गया। औरंगजेब की कब्र साधारण मिट्टी की बनी हुई थी, जिसमें बाद में ब्रिटिश वायसरॉय कर्जन ने संगमरमर लगवाया था। इस स्थान को ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है, जहां लोग आज भी श्रद्धांजलि देने पहुंचते हैं। ——————————————————– औरंगजेब विवाद से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… प्रमोद कृष्णम् बोले- कब्र तोड़ना तालिबान का काम, भारत की संस्कृति मुर्दों से लड़ने की नहीं औरंगजेब कब्र विवाद के बीच के कांग्रेस के पूर्व नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम् ने कहा- कब्र तोड़ना तालिबान का काम है। भारत की संस्कृति मुर्दों से लड़ने की नहीं है। हिंदू संगठनों ने औरंगजेब की कब्र तोड़ने की मांग की है। इस पर विवाद छिड़ा है। पूरी खबर पढ़ें…
सामना ने लिखा कि नागपुर का 300 साल पुराना इतिहास है और वहां कभी दंगे नहीं हुए, लेकिन अब शहर को हिंसा की आग में झोंक दिया गया है। सामना ने पूछा है कि जब फडणवीस खुद होम मिनिस्ट्री संभाल रहे हैं, तो फिर दंगाइयों को शहर में घुसने और आगजनी करने की परमिशन कैसे मिली? देवेंद्र फडणवीस सिर्फ भाषण देने में व्यस्त हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे। अगर दंगाई बाहरी थे, तो गृह विभाग और सुरक्षा एजेंसियां क्या कर रही थीं? सामना के आर्टिकल के 3 बड़े बयान… 1. महाराष्ट्र में औरंगजेब का महिमामंडन कोई नहीं करेगा
महाराष्ट्र में औरंगजेब का महिमामंडन कोई नहीं करेगा। यहां केवल छत्रपति शिवाजी महाराज की ही जय-जयकार होगी। ‘छावा’ फिल्म के प्रदर्शन के बाद से संघ, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल जैसे संगठनों और भाजपा के नवहिंदुत्ववादी तत्वों ने औरंगजेब की कब्र के खिलाफ राजनीतिक रौद्ररूप दिखाया और महाराष्ट्र का माहौल खराब कर दिया। 2. मोदी- भागवत को खुद औरंगजेब की कब्र को खोदना चाहिए
केंद्र में मोदी और महाराष्ट्र में फडणवीस हैं। दोनों भाजपा के। इसलिए खुद मोदी, फडणवीस, मोहन भागवत, एकनाथ शिंदे और अजीत पवार इन पांच लोगों को सरकारी आदेश के तहत औरंगजेब की कब्र को खोदना चाहिए। इससे महाराष्ट्र में दंगे रुकेंगे और उन्मादियों के दिमाग शांत होंगे। 3. औरंगजेब को फिर से जिंदा किया गया
आज महाराष्ट्र बंटा हुआ है और धर्म के नाम पर धधक रहा है। कुरान की प्रति कहीं मिल जाए तो सम्मान से वापस करें, ऐसा छत्रपति शिवाजी महाराज का आदेश पत्र बताता है। लेकिन नागपुर में कुरान की आयतों को जलाने की घटना हुई। चार सौ साल पहले दफनाया गया औरंगजेब फिर से जिंदा किया गया है। नागपुर हिंसा के बाद 11 इलाकों में कर्फ्यू
नागपुर में औरंगजेब का पुतला जलाने पर हुई हिंसा के बाद मंगलवार को 11 इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। सोमवार शाम हुई हिंसा में 33 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, इनमें 3 DCP हैं। 5 आम लोग भी घायल हैं, इनमें से एक ICU में भर्ती है। दंगाइयों ने 12 बाइक, कई कारें, 1 JCB जला दी। पुलिस ने दंगे के आरोप में 50 लोगों को अरेस्ट किया गया है। वहीं, संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। कब्र की ओर जाने वाले रास्तों पर बैरिकेडिंग कर दी गई है। हर आने-जाने वालों की जांच की जा रही है। भाजपा औरंगजेब की कब्र हटा सकती है
शिवसेना (UBT) चीफ उद्धव ठाकरे ने कहा- भाजपा छत्रपति संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र हटा सकती है, क्योंकि पार्टी केंद्र और राज्य दोनों में सत्ता में है। मैं मुख्यमंत्री नहीं हूं, न ही मैं गृह मंत्री हूं, मुख्यमंत्री से पूछिए कि नागपुर हिंसा के पीछे कौन है। क्योंकि RSS मुख्यालय वहीं है। उन्होंने कहा- महाराष्ट्र डबल इंजन की सरकार है। अगर डबल इंजन की सरकार विफल हो गई है, तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। अगर आप चाहें, तो आप औरंगजेब की कब्र हटा सकते हैं, लेकिन उस दौरान चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार को बुलाएं। उन्होंने कहा कि औरंगजेब वास्तव में गुजरात में पैदा हुए। उनका जन्म 1618 में गुजरात के दाहोद में हुआ था और उनकी मृत्यु 1707 में महाराष्ट्र के भिंगर के पास हुई थी। उनकी मौत को 300 साल हो चुके हैं। वहीं, आदित्य ठाकरे ने कहा- भाजपा महाराष्ट्र को मणिपुर बनाने की कोशिश कर रही है। दुख की बात है कि जब भाजपा शासन नहीं कर पाती तो हिंसा और दंगों का सहारा लेती है। अगर आप मणिपुर को देखें तो वे महाराष्ट्र को बिल्कुल वैसा ही बनाना चाहते हैं। वे 300 साल से भी पहले जीने वाले किसी व्यक्ति का इतिहास खोदने की कोशिश कर रहे हैं। औरंगजेब की प्रतीकात्मक कब्र जलाने से बवाल हुआ
सोमवार को नागपुर में विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन के दौरान गोबर के कंडों से भरा एक हरे रंग का कपड़ा जलाया गया। VHP के मुताबिक, ये औरंगजेब की प्रतीकात्मक कब्र थी। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद देर शाम 7:30 बजे नागपुर के महल इलाके में हिंसा भड़क गई। पथराव और तोड़फोड़ शुरू हो गई। उपद्रवियों ने घरों पर पथराव किया और सड़क पर खड़े दर्जनों वाहनों में तोड़फोड़-आगजनी की। पुलिस पर भी हमला किया गया। DCP निकेतन कदम कुल्हाड़ी के हमले से घायल हो गए। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। रात 10.30 बजे से 11.30 बजे के बीच ओल्ड भंडारा रोड के पास हंसपुरी इलाके में एक और झड़प हुई। हिंसा से जुड़ी तस्वीरें… औरंगजेब पर कैसे शुरू हुआ पूरा विवाद… सपा विधायक बोले- औरंगजेब क्रूर शासक नहीं
पूरा विवाद महाराष्ट्र के सपा विधायक अबू आजमी के बयान से शुरू हुआ। उन्होंने 3 मार्च को कहा- हमें गलत इतिहास दिखाया जा रहा है। औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए हैं। मैं उसे क्रूर शासक नहीं मानता। अगर कोई कहता है कि यह लड़ाई हिंदू-मुसलमान को लेकर थी, तो मैं इस पर विश्वास नहीं करता। आरोप लगे कि आजमी ने शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज पर अपमानजनक टिप्पणी की। विवाद बढ़ने पर आजमी ने 4 मार्च को अपना बयान वापस ले लिया। उन्होंने कहा- ‘मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है। फिर भी मेरी बात से कोई आहत हुआ है तो मैं अपना स्टेटमेंट वापस लेता हूं।’ आजमी पूरे बजट सत्र के लिए सस्पेंड
महाराष्ट्र विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। अबू आजमी के बाद उन्हें पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा के अंदर उनके बयान की निंदा की। डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि आजमी पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए। मामला यहीं नहीं रुका उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी UP विधानसभा में बजट सत्र के दौरान आजमी के बयान की आलोचना की उन्होंने कहा- भारत की आस्था को रौंदने वाले का महिमामंडन करने वाले सदस्य को सपा से बाहर निकाल देना चाहिए। उसे (अबू आजमी) यहां बुलाइए। UP ऐसे लोगों का उपचार करने में देर नहीं करता। औरंगजेब की कब्र ढहाने की मांग, CM फडणवीस का समर्थन
बढ़ते विवाद के बीच छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और सातारा से भाजपा सांसद उदयनराजे भोंसले ने औरंगजेब की कब्र को ढहाने की मांग की। उन्होंने कहा- एक JCB मशीन भेजकर उसकी (औरंगजेब) कब्र को गिरा दो, वह एक चोर और लुटेरा था। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस मांग का समर्थन किया। तेलंगाना के भाजपा विधायक टी राजा सिंह ने भी कब्र हटाने की मांग की। उन्होंने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को चिट्ठी लिखकर कब्र के रखरखाव पर खर्च का विवरण मांगा। राजा ने कहा- हमारी संस्कृति का दमन करने वाले की कब्र पर करदाताओं का एक भी रुपया खर्च नहीं किया जाना चाहिए। राउत बोले- ये मराठाओं के शौर्य का स्मारक
उधर शिवसेना उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने कब्र विवाद को लेकर भाजपा नेताओं पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- औरंगजेब की कब्र मराठाओं के शौर्य का एक स्मारक है। यह आने वाली पीढ़ी को बताएगा कि किस तरह से शिवाजी महाराज और मराठा सैनिक आक्रांताओं से लड़ते रहे। 1707 में बनी थी औरंगजेब की कब्र
मुगल सम्राट औरंगजेब की कब्र छत्रपति संभाजीनगर से 25 किमी दूर खुल्दाबाद में है। इतिहासकारों के मुताबिक, 1707 में जब औरंगजेब की मौत के बाद बादशाह की इच्छा के अनुसार उसे खुल्दाबाद में उसके आध्यात्मिक गुरु शेख जैनुद्दीन की दरगाह के पास दफनाया गया। औरंगजेब की कब्र साधारण मिट्टी की बनी हुई थी, जिसमें बाद में ब्रिटिश वायसरॉय कर्जन ने संगमरमर लगवाया था। इस स्थान को ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है, जहां लोग आज भी श्रद्धांजलि देने पहुंचते हैं। ——————————————————– औरंगजेब विवाद से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… प्रमोद कृष्णम् बोले- कब्र तोड़ना तालिबान का काम, भारत की संस्कृति मुर्दों से लड़ने की नहीं औरंगजेब कब्र विवाद के बीच के कांग्रेस के पूर्व नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम् ने कहा- कब्र तोड़ना तालिबान का काम है। भारत की संस्कृति मुर्दों से लड़ने की नहीं है। हिंदू संगठनों ने औरंगजेब की कब्र तोड़ने की मांग की है। इस पर विवाद छिड़ा है। पूरी खबर पढ़ें…