चीन के ऐप बैन होने के बाद इनमें काम कर रहे कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। देसी ऐप कई तरह के पोस्ट क्रिएट कर रहे हैं जिनमें उनको बड़ी संख्या में कर्मचारियों की जरूरत होगी। ये ऐप उन कर्मचारियों पर ज्यादा फोकस करेगी जिनके पास चीनी कंपनियों में काम करने का अच्छा अनुभव होगा।
बता दें कि वर्तमान में देसी ऐप डेवलेपमेंट पर तेजी से काम चल रहा है। एक ओर जहां एक दिन में लाखों की संख्या में यूजर्स देसी ऐप से जुड़ रहे हैं वहीं, दूसरी तरफ बड़े-बड़े इन्वेस्टर्स इन ऐप्स के प्रति इन्वेस्टमेंट में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। वर्तमान में इन ऐप कंपनियों में यूजर्स की संख्या बढ़ाने को लेकर कंपटीशन बढ़ गया है। ऐसे में इन ऐप कंपनियों पर वर्कलोड भी काफी बढ़ा है। लगातार ऐप को अपडेट किया जा रहा है। इससे इन कंपनियों ने बड़े लेवल पर हायरिंग प्रोसेस शुरू कर दी है।
चिंगारी ऐप चार गुना वर्कफोर्स बढ़ाएगी
टिकटॉक को मात देने वाली देसी ऐप चिंगारी की बात करें तो इस समय अपनी मार्केटिंग स्ट्रेटजी को पूरी तरह से बदल दी है। कंपनी के को-फाउंडर और चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर सुमित घोष के मुताबिक, यूजर्स के बीच तेजी से बढ़ रही डिमांड को देखते हुए ऐप को लगातार अपडेट किया जा रहा है। ऐसे में कंपनी को भारी संख्या में एम्पलॉईज की जरूरत होगी। सुमित बताते हैं कि फिलहाल हमारे पास 25 कर्मचारी ही हैं, जल्द ही हम इस माह के अंत तक या अगस्त माह के पहले सप्ताह तक कर्मचारियों की संख्या बढ़ाकर 100 करेंगे। यानी की चार गुना हायरिंग होगी। चिंगारी ऐप को कई कंपनियों की तरफ से फंडिंग और इन्वेस्टर्स के ऑफर भी मिले हैं।
ट्रेल करेगी कर्मचारियों की संख्या दोगुना
बेंगलुरू की शार्ट वीडियो ऐप ट्रेल (Trell) इस समय काफी ट्रेंड में है। 2017 में लॉन्च हुए देसी ऐप ट्रेल की लोकप्रियता चीनी ऐप्स के बैन होने के बाद मिली है। पिछले छह दिनों में डेली एक्टिव यूजर्स की संख्या में 5 गुना ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। इस ऐप से अब तक 21 मिलियन यूजर्स जुड़ चुके हैं। ट्रेल के को-फाउंडर पुलकित अग्रवाल ने बताया कि पिछले 10 दिनों से उनका काम अचानक बढ़ गया है। एम्पलॉईज ठीक से सो नहीं पा रहे हैं। काम के साथ यूजर्स की डिमांड देखकर सब में उत्साह बढ़ा है।
पुलकित बताते हैं कि फिलहाल हमारे पास सिर्फ 50 कर्मचारी हैं। अगस्त तक कर्मचारियों की संख्या दोगुना करेंगे। पुलकित के मुताबिक, पहले कंपनी कर्मचारियों की संख्या को 100 करेगी इसके बाद 60 इंटर्न को भी जॉब पर रखने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा है कि कंपनी
बाइटडांस के एम्पलॉईज को दी जाएगी प्राथमिकता
पुलकित ने कहा कि इस समय 5-7 बड़े इन्वेस्टर्स से हमारी बात चल रही है। अगर सब ठीक रहा तो हम जल्द ही बेंगलुरू के अलावा मुंबई या दिल्ली जैसे शहरों में अपना ऑफिस का विस्तार कर सकते हैं। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा है कि हायरिंग में हम चीनी ऐप कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों को पहली प्राथमिकता देंगे। उनके काम के दम पर ही टिकटॉक ने भारत में इतनी मजबूती के साथ पकड़ बनाई थी।
- कंटेंट मैनेजमेंट, मार्केटिंग, इंजीनियरिंग समेत कई पोस्ट होंगे क्रिएट
चिंगारी और ट्रेल ऐप के फाउंडर की मानें तो ऐप कंपनियां इस समय टक्नोलॉजी के जानकार को हायरिंग करने पर फोकस कर रही हैं। इसके अलावा कंपनियां इंजीनिरिंग, प्रोडक्ट मैनेजर, मार्केटिंग, सेल्स, कंटेंट मैनेजमेंट, ऐप डेवलपर्स, क्रिएटिव राइटर्स, डेटा साइंटिस्ट, कम्यूनिकेशन मैनेजमेंट समेत कई पोस्ट के लिए हायरिंग होगी।
शेयरचैट भी करेगी नई हायरिंग
टिकटॉक ऐप का सबसे पुराना विकल्प शेयरचैट को माना जाता है। हालांकि लोकप्रियता में यह टिकटॉक से काफी पीछे ही थी। अब चीनी ऐप के बैन होने के बाद शेयरचैट की लोक्रपियता तेजी से बढ़ी है। मौका को देखते हुए कंपनी जल्द ही शॉट वीडियो प्लेटफार्म मोज को लॉन्च कर रही है। अभी यह बीटा वर्जन में ही लेकिन 5 मिलियन से ज्यादा बार डाउनलोड कर लिया गया है। शेयरचैट ऐप के मुताबिक, कंपनी जल्द ही नई हायरिंग कर सकती है। यूजर्स के बढ़ते डिमांड को देखते हुए यह विचार किया जा रहा है। हालांकि कितनी संख्या में हायरिंग होगी इसकी अभी पुष्टि नहीं की गई है।
Zee5 का शार्ट वीडियो प्लेटफार्म 30% वर्कफोस बढ़ा सकती है
ओटीटी प्लेटफॉर्म Zee5 ने अपना शॉर्ट वीडियो एप हाईपाई (HiPi) पेश करने का एलान किया है। जी5 का कहना है कि हाईपाई (HiPi) एप को आत्मनिर्भर भारत के तहत बनाया गया है और इसे भारतीय यूजर्स की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इसे 15 जुलाई से पहले सार्वजनिक कर दिया जाएगा। इसे फिलहाल डाउनलोड नहीं किया जा सकता है। इसे हेलो और टिकटॉक का विकल्पबताया जा रहा है।
कंपनी के सूत्रों का कहना है कि ऐप में काम करने वाले ज्यादातर कर्मचारी Zee5 के ही हैं। हालांकि जल्द ही कंपनी बाहर से कुछ फीसदी हायरिंग कर सकती है। शायद 20-30 फीसदी हायरिंग होने की संभावना है। बता दें कि ओटीटी मार्केट में Zee5 की पकड़ पहले से ही मजबूत है। कंपनी का दावा है कि उसके प्लेटफॉर्म पर 1.25 लाख घंटे का वीडियो डिमांड है जिसमें 100 लाइव चैनल्स भी हैं। वोडाफोन, जियो फाइबर और एयरटेल के ग्राहकों को जी5 का फ्री एक्सेस भी मिला है।