श्रद्धालुओं ने ढोल के थाप पर नाचकर मनाई खुशिंया, राजधानी में मनाई गई दिवाली

अयोध्या में राम जन्मभूमि के शिलान्यास के अवसर पर बुधवार को दिल्ली जय श्री राम के उद्घोष से गूंज उठी। रामजन्म भूमि पूजन पर कोरोना काल होते हुए भी श्रद्धालु मास्क और सोशल डिस्टेंस के तहत भगवान राम के दर्शन करने के लिए मंदिरों में भगवान श्री राम के नारे लगाते हुए भगवान राम के दर्शन करने उमड़े। श्रद्धालु अपनी भावनाओं में बेकाबू होकर मास्क और सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखते हुए ढोल के थाप पर नाच कर, भजन गाकर खुशियां मनाई। दिवाली से पहले ही श्रद्धालु अपने घरों में दीप जलाकर दिवाली मना रहे है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट में लिखा, भूमि पूजन के मौके पर पूरे देश को बधाई भगवान राम का आशीर्वाद हम पर बना रहे। उनके आशीर्वाद से हमारे देश को भुखमरी, अशिक्षा और गरीबी से मुक्ति मिले और भारत दुनिया का सबसे शक्तिशाली राष्ट्र बने। आने वाले समय में भारत दुनिया को दिशा दे। जय श्री राम! जय बजरंग बली!

दिल्ली के मंदिरों में सुबह से ही विशेष पूजा अर्चना का आयोजन किया गया। लोगों ने बड़ी संख्या में पहुंचकर अपने अराध्य भगवान राम के दर्शन किए। वहीं कनॉट प्लेस स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर में एक भक्त भगवान हनुमान का रूप धारण करके पहुंचा और मंदिर परिसर में उसने जमकर नृत्य किया। मंदिर के महंत सुरेश शर्मा ने बताया कि सुबह से ही बड़ी संख्या में लोग भगवान के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। रिंग रोड स्थित मरघट वाले मंदिर के बाहर भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया। झंडेवालान मंदिर में भगवान राम के कटआउट लगाए गए जिनमें राम दरबार सजाया गया है। लोगों ने हाथ जोड़कर भगवान का बधाइयां दीं। वहीं चांदनी चौक स्थित गौरी शंकर मंदिर में भी सुबह से ही भजन कीर्तन हुए और भगवान का विशेष श्रृंगार किया गया।

कनॉट प्लेस, पटेल नगर, करोलबाग, जे-जे काॅलोनी, बंगाली मार्केट आदि इलाकों की कालोनियों में आरडब्ल्यूए ने मंदिर और घरों में फूलों से सजावट की गई। राममंदिर के निमार्ण की लोगाें ने एक दूसरे की बधाई दी, लड्‌डू, पेड़े, खीर-पूड़ी के प्रसाद मंदिरों में भगवान श्री राम, माता सीते, लक्ष्मण और हनुमान को चढाएं और बाद में प्रसाद स्वरूप खुद खाए और जमकर दूसरों को खिलाए। आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों का कहना है कि करीब 500 साल से इस शुभ अवसर का इंतजार थाए जो अब जाकर पूरा हुआ है। यह एक ऐतिहासिक दिन हैं, जिसे लोग अपनी जिंदगी में कभी नहीं भूल सकते हैं।

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Devotees celebrated by dancing on the beat of Dhol, Diwali celebrated in the capital