आज (25 जनवरी) माघ कृष्ण एकादशी है, इसका नाम षट्तिला है। शनिवार और एकादशी के योग में भगवान विष्णु के साथ ही शनि देव की पूजा का शुभ योग बना है। इस एकादशी पर तिल से जुड़े 6 शुभ काम करने की परंपरा है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा से जानिए षट्तिला एकादशी और शनिवार के योग में कौन-कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं… शनि के दस नामों का करें जप शास्त्रों में शनि देव के दस नाम बताए गए हैं, इन दस नामों का जप करते हुए शनि पूजा करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं, ऐसी मान्यता है। ये हैं शनि के दस नाम- शनि देव की सरल पूजा विधि शनि के मंत्रों का जप करें ऊँ शं शनैश्चराय नम:। ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः। ऊँ सूर्यपुत्राय विद्महे, महाकायाय धीमहि। तन्नो मंदः प्रचोदयात्। शनि से जुड़ी ज्योतिष की मान्यताएं शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है। यही ग्रह हमें हमारे कर्मों का फल देता है। शनि एक राशि में करीब ढाई साल रुकता है। शनि साढ़ेसाती और ढय्या की स्थिति में सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। शनि धीमी गति से चलने वाले ग्रह हैं और इसका प्रभाव लंबे समय तक बना रहता है। ये ग्रह मकर और कुंभ राशि के स्वामी है। तुला राशि में शनि उच्च का और मेष में नीच का रहता है। ऐसे कर सकते हैं षट्तिला एकादशी व्रत एकादशी पर करें तिल से जुड़े 6 शुभ काम