देश में संविधान के 75 साल पूरे होने पर संसद में 4 दिन की चर्चा की शुरुआत शुक्रवार को 12 बजे से लोकसभा में होगी। यहां 13 और 14 दिसंबर को पक्ष और विपक्ष के सांसद अपनी बात रखेंगे। राज्यसभा में 16 और 17 दिसंबर को चर्चा होगी। लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चर्चा की शुरुआत कर सकते हैं। वहीं, विपक्ष से नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी या प्रियंका गांधी अपनी बात रखेंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार (14 दिसंबर) को लोकसभा और मंगलवार (17 दिसंबर) को राज्यसभा में चर्चा पर जवाब देंगे। विपक्ष ने शीतकालीन सत्र की शुरुआत में संविधान पर बहस की मांग की थी। इस पर सरकार ने सहमति जताई थी। भाजपा के 12 सांसद चर्चा में हिस्सा लेंगे, कांग्रेस से 6
भाजपा की ओर से 12 सांसदों के इस चर्चा में भाग लेने की खबर है। जबकि NDA के सहयोगी दलों में JDS से एचडी कुमारस्वामी, शिवसेना से श्रीकांत शिंदे, LJP से शांभवी चौधरी, RLD से राजकुमार सांगवान, HAM से जीतन राम मांझी, अपना दल से अनुप्रिया पटेल और JDU से राजीव रंजन सिंह बोल सकते हैं। विपक्षी पार्टियों से कांग्रेस से 5 से 6 सांसद शामिल होंगे। इनमें कांग्रेस के राहुल, प्रियंका के अलावा मनीष तिवारी और शशि थरूर हो सकते हैं। DMK की ओर से टीआर बालू और ए राजा, TMC से कल्याण बनर्जी और मोहुआ मोइत्रा बहस में भाग ले सकती हैं। राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह चर्चा की शुरुआत करेंगे। वहीं, विपक्ष की ओर से मल्लिकार्जुन खड़गे होंगे। दोनों पार्टियों ने अपनी बैठक की, व्हिप जारी किया
संविधान पर चर्चा को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने गुरुवार को अपने वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की थी। इस पर दोनों पार्टियों ने व्हिप भी जारी किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने अमित शाह, राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक की थी। इससे पहले शाह ने संसद के अपने ऑफिस में पीयूष गोयल, किरेन रिजिजू समेत वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक की थी। वहीं, कांग्रेस मुख्यालय पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं ने बैठक की थी। विपक्ष ने संविधान पर चर्चा की मांग की, मोदी सरकार के खिलाफ नैरेटिव सेट किया सरकार ने 2015 से संविधान दिवस मनाने की शुरुआत की
भारत की संविधान सभा ने 26 नवंबर, 1949 को संविधान ऑफिशियली अपनाया गया था, लेकिन लागू 26 जनवरी, 1950 को हुआ था। भारत सरकार ने 2015 में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाने की घोषणा की थी। इस साल 26 नवंबर को संविधान सदन (पुरानी संसद) के सेंट्रल हॉल में विशेष कार्यक्रम हुआ था। आयोजन की थीम हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान रखी गई थी। संविधान अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर विशेष सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया गया था। जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में 1929 में पहली बार पूर्ण स्वराज की शपथ ली गई थी। अंग्रेज सरकार से मांग की गई थी कि 26 जनवरी, 1930 तक भारत को संप्रभु दर्जा दिया जाए। इसके बाद 26 जनवरी, 1930 को पहली बार ‘पूर्ण स्वराज या स्वतंत्रता दिवस’ मनाया गया था। तब से 1947 में आजादी मिलने तक इस दिन को इसी रूप में मनाया जाता रहा। इस दिन के महत्व की वजह से 1950 में 26 जनवरी को देश का संविधान लागू किया गया और इसे गणतंत्र दिवस घोषित किया गया। —————————————————— संविधान से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… संविधान लिखने में 432 निब घिस गईं, मूल कॉपी का वजन 13 किलो डॉ. अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है, मगर प्रेम बिहारी वे शख्स हैं जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि लिखी थी। इस काम में उन्हें 6 महीने लगे और कुल 432 निब घिस गईं। पूरी खबर पढ़ें… धर्मनिरपेक्ष-समाजवादी शब्द हटाने की मांग खारिज, SC ने कहा- ये संविधान के बुनियादी ढांचे का हिस्सा सुप्रीम कोर्ट ने 25 नवंबर को संविधान की प्रस्तावना से ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों को हटाने की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया। 22 नवंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। पूरी खबर पढ़ें…
भाजपा की ओर से 12 सांसदों के इस चर्चा में भाग लेने की खबर है। जबकि NDA के सहयोगी दलों में JDS से एचडी कुमारस्वामी, शिवसेना से श्रीकांत शिंदे, LJP से शांभवी चौधरी, RLD से राजकुमार सांगवान, HAM से जीतन राम मांझी, अपना दल से अनुप्रिया पटेल और JDU से राजीव रंजन सिंह बोल सकते हैं। विपक्षी पार्टियों से कांग्रेस से 5 से 6 सांसद शामिल होंगे। इनमें कांग्रेस के राहुल, प्रियंका के अलावा मनीष तिवारी और शशि थरूर हो सकते हैं। DMK की ओर से टीआर बालू और ए राजा, TMC से कल्याण बनर्जी और मोहुआ मोइत्रा बहस में भाग ले सकती हैं। राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह चर्चा की शुरुआत करेंगे। वहीं, विपक्ष की ओर से मल्लिकार्जुन खड़गे होंगे। दोनों पार्टियों ने अपनी बैठक की, व्हिप जारी किया
संविधान पर चर्चा को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने गुरुवार को अपने वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की थी। इस पर दोनों पार्टियों ने व्हिप भी जारी किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने अमित शाह, राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक की थी। इससे पहले शाह ने संसद के अपने ऑफिस में पीयूष गोयल, किरेन रिजिजू समेत वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक की थी। वहीं, कांग्रेस मुख्यालय पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं ने बैठक की थी। विपक्ष ने संविधान पर चर्चा की मांग की, मोदी सरकार के खिलाफ नैरेटिव सेट किया सरकार ने 2015 से संविधान दिवस मनाने की शुरुआत की
भारत की संविधान सभा ने 26 नवंबर, 1949 को संविधान ऑफिशियली अपनाया गया था, लेकिन लागू 26 जनवरी, 1950 को हुआ था। भारत सरकार ने 2015 में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाने की घोषणा की थी। इस साल 26 नवंबर को संविधान सदन (पुरानी संसद) के सेंट्रल हॉल में विशेष कार्यक्रम हुआ था। आयोजन की थीम हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान रखी गई थी। संविधान अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर विशेष सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया गया था। जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में 1929 में पहली बार पूर्ण स्वराज की शपथ ली गई थी। अंग्रेज सरकार से मांग की गई थी कि 26 जनवरी, 1930 तक भारत को संप्रभु दर्जा दिया जाए। इसके बाद 26 जनवरी, 1930 को पहली बार ‘पूर्ण स्वराज या स्वतंत्रता दिवस’ मनाया गया था। तब से 1947 में आजादी मिलने तक इस दिन को इसी रूप में मनाया जाता रहा। इस दिन के महत्व की वजह से 1950 में 26 जनवरी को देश का संविधान लागू किया गया और इसे गणतंत्र दिवस घोषित किया गया। —————————————————— संविधान से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… संविधान लिखने में 432 निब घिस गईं, मूल कॉपी का वजन 13 किलो डॉ. अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है, मगर प्रेम बिहारी वे शख्स हैं जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी यानी पांडुलिपि लिखी थी। इस काम में उन्हें 6 महीने लगे और कुल 432 निब घिस गईं। पूरी खबर पढ़ें… धर्मनिरपेक्ष-समाजवादी शब्द हटाने की मांग खारिज, SC ने कहा- ये संविधान के बुनियादी ढांचे का हिस्सा सुप्रीम कोर्ट ने 25 नवंबर को संविधान की प्रस्तावना से ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों को हटाने की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया। 22 नवंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। पूरी खबर पढ़ें…