दिन और रात का बदलना हो या सूरज का एक तय गति से हर दिन उगना-डूबना। पृथ्वी का अपनी धुरी पर घूमना हो या ऋतुओं का आना-जाना… पूरी प्रकृति एक अदृश्य अनुशासन से बंधी हुई है। अगर ये अनुशासन जरा भी डगमगाए, तो पूरी दुनिया अस्त-व्यस्त होने लगेगी। हमारा शरीर भी एक निश्चित अनुशासन में चलता है। दिल की धड़कन से लेकर सांसों की लय तक सबकुछ एक तय क्रम से होता है। ये लय बिगड़ते ही शरीर बीमार हो जाता है। थकान, कमजोरी या बीमारी- सब अनुशासन टूटने होने के ही संकेत हैं। यहां तक कि दीवार पर टंगी एक घड़ी भी तभी सही समय बताती है, जब उसकी छोटी-बड़ी सुइयां अनुशासन में चलती हैं। अगर सुइयों की रफ्तार बिगड़ जाए, तो पूरा समय गड़बड़ा जाएगा। तो सोचिए, अगर ब्रह्मांड, शरीर और घड़ी सब कुछ अनुशासन से चलता है, तो हमें जिंदगी में अनुशासन के बिना मंजिल कैसे मिल सकती है? भला हमें सफलता कैसे मिल सकती है? आज के सक्सेस मंत्रा कॉलम का टॉपिक है ‘अनुशासन’ यानी डिसिप्लिन। हम समझेंगे कि कैसे अनुशासन सफलता की राह पर चलने की मजबूत कड़ी है। अनुशासन कैसे हमारी सफलता के सफर को आसान बनाता है और इसे अपनी जिंदगी में कैसे उतार सकते हैं। अनुशासन ही है सफलता का आधार हमारे जीवन में अनुशासन का महत्व किसी से छुपा नहीं है। जब हम हर दिन निश्चित समय पर काम पूरे करना शुरू करते हैं तो यह आदत हमें सफलता की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाती है। यह चाहे सुबह की शुरुआत हो या दिन के बाकी कामों की योजना बनाना, अनुशासन हर काम को सही दिशा में ले जाता है। जब हम अनुशासन को ही आदत में बदल देते हैं तो यही हमारी सफलता की नींव बन जाता है। अनुशासन का सबसे अहम हिस्सा है- टाइम मैनेजमेंट। अगर हम समय का सही इस्तेमाल करें तो हर दिन अपने कामों को ज्यादा बेहतर तरीके से कर सकते हैं। इससे हमारे जीवन में संतुलन और प्रगति दोनों आते हैं। प्रतिभा होने पर भी अनुशासन और निरंतरता जरूरी बहुत प्रतिभावान व्यक्ति भी बिना अनुशासन और निरंतरता के सफलता नहीं प्राप्त कर सकता है। आपने खरगोश और कछुए की कहानी पढ़ी होगी, जिसमें खरगोश इतनी प्रतिभा के बावजूद अनुशासन और निरंतरता की कमी के कारण रेस हार जाता है। अनुशासन और सफलता का संबंध हर किसी के जीवन में कोई-न-कोई लक्ष्य जरूर होता है। ये बड़ा लक्ष्य हो सकता है या टुकड़ों में कई छोटे-छोटे लक्ष्य हो सकते हैं। इन्हें पाने के लिए अगर कोई चीज सबसे जरूरी है तो वह अनुशासन है। अनुशासन ही हमें अपने लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध बनाए रखता है। जीवन या रास्ते में आई चुनौतियों में डिगने नहीं देता है। इसके कारण ही निरंतरता भी बनी रहती है। अनुशासन से जीवन में 4 बड़े बदलाव आएंगे 1. टाइम मैनेजमेंट की क्षमता बढ़ेगी अनुशासन का पहला फायदा ये है कि जीवन में टाइम मैनेजमेंट आता है। जब हम अपने दिन की शुरुआत रोज एक निर्धारित समय पर करते हैं और हर काम को उसकी प्राथमिकता के अनुसार करते हैं तो इससे हमारी प्रोडक्टिविटी बढ़ती है और मानसिक शांति मिलती है। 2. स्वास्थ्य में सुधार होगा हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करने के लिए अनुशासन जरूरी है। नियमित एक्सरसाइज, सही डाइट और पर्याप्त नींद हमें शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त बनाती है। जब कोई इन आदतों को अनुशासन के साथ अपनाता है तो उसका स्वास्थ्य बेहतर होता है। 3. स्वयं पर नियंत्रण बढ़ेगा अनुशासन हमें विकर्षणों (लक्ष्य से भटकाने वाली चीजें) से दूर रखने में मदद करता है। इससे एकाग्रता बढ़ती है। जब हम किसी काम में पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करते हैं तो बेहतर रिजल्ट्स मिलते हैं और सफलता नजदीक लगने लगती है। 4. अनुशासन से मिलती है मंजिल की सही राह अनुशासन हमें अपने लक्ष्य की ओर सही दिशा में आगे बढ़ने में मदद करता है। जब हम रोज थोड़ा-थोड़ा करके लगातार मेहनत करते हैं, तो वह आदत बन जाती है और यही आदत हमें मंजिल तक पहुंचाती है। सफलता सिर्फ एक बड़ा परिणाम नहीं होती, बल्कि यह एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है, जो अनुशासन से ही संभव होती है। अनुशासन हमें भटकने से रोकता है और सही दिशा में ध्यान केंद्रित रखने में मदद करता है। हालांकि, कुछ ऐसी चीजें भी हैं, जो अनुशासन की दुश्मन हैं। इनसे बचना चाहिए- अनुशासन अपनाने के 5 आसान तरीके जब हम अनुशासन को अपने जीवन का हिस्सा बनाते हैं, तो इससे हमारी आदतें भी बदल जाती हैं। आइए कुछ आसान उपाय जानते हैं, जिन्हें अपनाकर हम अनुशासन को अपने जीवन में प्रभावी रूप से लागू कर सकते हैं। तय वक्त पर सोएं-उठें हर दिन एक ही समय पर सोना और उठना, शरीर की बायोलॉजिकल वॉच को सेट करता है। इससे दिन भर एनर्जी बनी रहती है और दिमाग भी ज्यादा फोकस्ड रहता है। काम की लिस्ट बनाएं, टिक करें सुबह उठकर सबसे पहले पूरे दिन का प्लान बनाएं। इसमें जो काम पूरे होते जाएं, उन्हें टिक करें। यह तरीका न सिर्फ हमें प्रोडक्टिव बनाता है, बल्कि माइंड को भी क्लियर रखने में मदद करता है। ‘ना’ कहना सीखें हर बात पर हां कहने से खुद के टाइम और काम दोनों का नुकसान होता है। यह बिल्कुल भी जरूरी नहीं है कि कोई काम तुरंत किया जाए या उसे लेकर तुरंत फैसला किया जाए। हमेशा पहले सोचें, फिर फैसला लें। अगर काम कोई काम गैर-जरूरी लग रहा है तो ना कहना सीखें। फोन से थोड़ी दूरी बनाएं रोज कम-से-कम 2 घंटे बिना फोन के बिताएं। यह दिमाग को रीसेट करने में मदद करता है और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता भी बढ़ाता है। छोटी जीत को सेलिब्रेट करें हर छोटे लक्ष्य को पूरा करने पर खुद को शाबाशी दें। ये छोटे-छोटे सेलिब्रेशन आपको लंबे सफर में मोटिवेटेड बनाए रखते हैं। महात्मा गांधी का जीवन है बेहतरीन उदाहरण महात्मा गांधी का जीवन अनुशासन का बेहतरीन उदाहरण है। उनका कहना था, ‘सत्य की राह पर चलो, चाहे कितनी भी कठिनाइयां आएं।’ गांधी जी के जीवन में अनुशासन था, जिसने उन्हें अपने आदर्शों से कभी भटकने नहीं दिया और उन्हें भारत की स्वतंत्रता की दिशा में अनगिनत प्रयासों के लिए प्रेरित किया। इसी तरह अल्बर्ट आइंस्टीन भी अनुशासन के बल इतने महान वैज्ञानिक बने। यहां तक कि हमारे छोटे लक्ष्य भी अनुशासन के बिना अधूरे रह जाते हैं। अगर आप अपने जीवन में सफलता पाना चाहते हैं, तो अनुशासन को अपनी आदत बना लीजिए। यह न केवल आपके लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा, बल्कि आपका मानसिक संतुलन और आत्मसम्मान भी बनाए रखेगा।
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