सत्र बुलाने के लिए गहलोत के तीसरे प्रस्ताव पर राज्यपाल के जवाब का इंतजार; बसपा ने अपने 6 विधायकों के कांग्रेस में जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में अर्जी लगाई

राजस्थान में सियासी घमासान के बीच विधानसभा का सत्र बुलाने को लेकर सरकार और राज्यपाल के बीच खींचतान जारी है। पहले दो प्रस्ताव खारिज होने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को तीसरी अर्जी राजभवन भेजी। अब राज्यपाल के जवाब का इंतजार है। दूसरी तरफ बसपा ने अपने 6 विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के खिलाफ हाईकोर्ट में पिटीशन फाइल कर दी है। पार्टी के महासचिव सतीश मिश्रा की ओर कोर्ट में अर्जी लगाई गई।

विधानसभा सत्र के मामले में आगे क्या हो सकता है?
राज्यपाल तीसरी अर्जी मंजूर करेंगे या नहीं?

तीसरी बार फाइल लौटाने की संभावना कम है। राज्यपाल पिछले 6 दिन से चल रहे टकराव को खत्म करने के मूड में हैं। ऐसे में 31 जुलाई या फिर से किसी और तारीख से सत्र बुलाने की मंजूरी दे सकते हैं।
अगर इस बार भी अर्जी खारिज हुई तो?
गहलोत के कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का कहना है कि राज्यपाल संविधान के खिलाफ जाकर सत्र बुलाने की फाइल लौटा देते हैं तो सरकार फिर से इसे कैबिनेट में ले जाएगी। फिर मुख्यमंत्री जो फैसला लेंगे वो फाइनल होगा।

बसपा विधायकों के मामले में भाजपा की 2 पिटीशन
उधर, अदालत में कांग्रेस के खिलाफ भाजपा और बसपा के दांवपेंच चल रहे हैं। यह मामला 9 महीने पहले बसपा के सभी 6 विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने से जुड़ा है। भाजपा विधायक मदन दिलावर ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
सोमवार को दिलावर की पिटीशन खारिज हो गई थी, लेकिन मंगलवार को उन्होंने नए सिरे से 2 अर्जी लगा दीं। एक अर्जी बसपा विधायकों के कांग्रेस में जाने के खिलाफ है। दूसरी दलबदल के खिलाफ स्पीकर से शिकायत करने के बावजूद कार्यवाही नहीं होने और बिना वजह बताए शिकायत खारिज करने को लेकर है। दोनों पर आज सुनवाई की उम्मीद है।

दूसरी तरफ बसपा खुद भी हाईकोर्ट पहुंची है। पार्टी प्रमुख मायावती ने मंगलवार को कहा था कि हमने राजस्थान में कांग्रेस को बिना शर्त समर्थन दिया, लेकिन अशोक गहलोत ने बसपा को नुकसान पहुंचाने के लिए हमारे विधायकों को असंवैधानिक तरीके से कांग्रेस में शामिल करवा दिया। अब उन्हें सबक सिखाने का वक्त आ गया है।

बसपा के ये 6 विधायक कांग्रेस में शामिल हुए थे
लखन सिंह (करौली), राजेन्द्र सिंह गुढ़ा (उदयपुरवाटी), दीपचंद खेड़िया (किशनगढ़ बास), जोगेन्दर सिंह अवाना (नदबई), संदीप कुमार (तिजारा) और वाजिब अली (नगर भरतपुर)।

अपडेट्स

  • सियासी उठापटक के बीच गोविंद सिंह डोटासरा आज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालेंगे। सचिन पायलट के बागी होने की वजह से उन्हें प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाकर डोटासरा को जिम्मेदारी दी गई थी।
  • राजस्थान की महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि हम राज्यपाल से लोकतांत्रिक परंपराओं को शुद्ध रखने की अपील करना चाहते हैं। हमने कैबिनेट की मीटिंग के बाद तीसरी बार सत्र बुलाने का प्रस्ताव भेजा है। देश के इतिहास में किसी भी राज्य में ऐसा नहीं हुआ होगा। क्या पता राज्यपाल किस दबाव में काम कर रहे हैं? उनके सवालों के आधार पर हम जबाव भेज रहे हैं, लेकिन हर बार कोई नया सवाल आ जाता है।

पायलट गुट भी हाईकोर्ट पहुंचा, एसओजी जांच रद्द करने की मांग
सचिन पायलट खेमे के विधायक भंवरलाल शर्मा ने मंगलवार को हाईकोर्ट में अर्जी लगाई। उन्होंने अपील की है कि विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले की जांच राजस्थान सरकार की एसओजी की जगह केंद्र की जांच एजेंसी एनआईए से करवाई जाए। एसओजी ने सोशल मीडिया पर वायरल हुई ऑडियो क्लिप के आधार पर एफआईआर दर्ज की है, इसलिए जांच रद्द होनी चाहिए। भंवरलाल ने केंद्र और राज्य सरकार के साथ जांच अधिकारी को भी पक्षकार बनाया है।

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