कोरोनावायरस महामारी के दौरान अधिकतर निवेश साधनों का परफॉर्मेंस अच्छा नहीं रहा। लेकिन इस दौरान रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट ट्रस्ट (रीट) सबसे व्यावहारिक निवेश विकल्पों में शामिल रहा। यह बात सैविल्स और फिक्की द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट- इंडिया रीट : अ पोटेंशियल इनवेस्टमेंट विंडो में कही गई।
देश का पहला रीट पिछले साल शेयर बाजार में लिस्ट हुआ था। यह अब तक देश का एकमात्र लिस्टेड रीट है। रिपोर्ट के मुताबिक रिटर्न के मामले में इस रीट ने सेंसेक्स, रियल्टी इंडेक्स और अधिकतर स्मॉल, मिड और लार्जकैप म्यूचुअल फंड्स को पीछे छोड़ दिया।
उथल-पुथल के माहौल में भी देश में ऑफिस स्पेस की रिकॉर्ड मांग
सैविल्स इंडिया के सीईओ अनुराग माथुर ने कहा कि रीट पर कई कारणों से मुझे भरोसा है। सबसे पहला कारण यह है कि 2018-19 के वैश्विक और घरेलू आर्थिक उथल-पुथल के माहौल में भी भारत में लगातार दूसरे साल ऑफिस स्पेस की मांग सबसे ज्यादा रही। एकमात्र लिस्टेड रीट का यील्ड भी काफी आकर्षक रहा। लॉकडाउन के दौरान भी इसका रिटर्न 10 वर्षीय जी-सेक से बेहतर रहा।
सुरक्षित निवेश है रीट
रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी भी निवेश प्रोडक्ट की तरह रीट की भी अपनी चुनौतियां हैं। लेकिन यह एक सुरक्षित निवेश है। इसका कारण यह है कि नियम के अनुसार रीट का कम से कम 80 फीसदी असेट ऑपरेशनल और इनकम देने वाला होता है।
बेहतर प्री-टैक्स यील्ड
अन्य निवेश प्रोडक्ट के मुकाबले ज्यादा प्री-टैक्स यील्ड कारण भी रीट एक आकर्षक विकल्प है। अभी सबसे ज्यादा सुरक्षित निवेश विकल्पों में प्रोविडेंट फंड, फिक्स्ड डिपॉजिट, रेकरिंग डिपॉजिट, पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट और सेविंग बैंक डिपॉजिट शामिल हैं। इनका रिटर्न अभी ऐतिहासिक निचले स्तर पर है।
टैक्स एडजस्ट करने के बाद रीट का यील्ड और भी बेहतर हो जाता है
रीट का प्री-टैक्स यील्ड अभी देश में सबसे लोकप्रिय निवेश विकल्पों से बेहतर है। टैक्स को एडजस्ट करने के बाद रीट का यील्ड अन्य निवेश विकल्पों की तुलना में और भी बेहतर हो जाता है। रीट के इनकम में से डिविडेंट का जो हिस्सा होता है, उस पर टैक्स नहीं लगता है। इसके कारण छोटे निवेशकों के लिए रीट और भी ज्यादा फायदेमंद है।