चालू वित्त वर्ष में सरकार की ओर से किए गए प्रयास अगले साल आर्थिक विकास को गति देंगे। इन प्रयासों की बदौलत वित्त वर्ष 2022 में देश का ग्रोथ रेट कम से कम 6 फीसदी रहेगा। यह बात देश के प्रमुख अर्थशास्त्रियों और इंडस्ट्री लीडर्स ने कही है।
अभूतपूर्व रहे हैं पिछले तीन महीने: अजित रानाडे
एसोचैम की ओर से आयोजित वेबिनार ‘इकोनॉमिक आउटलुक: पोस्ट पैनडेमिक’ में आदित्य बिरला ग्रुप के प्रेसीडेंट और चीफ इकोनॉमिस्ट अजित रानाडे ने कहा कि पिछले तीन महीने काफी अभूतपूर्व रहे हैं। अप्रैल-जून तिमाही में 15 फीसदी की गिरावट रही है। विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों से 16 बिलियन डॉलर की निकासी की है। हालांकि, इस अवधि में घरेलू निवेशकों ने निवेश जारी रखा और स्टॉक मार्केट में करीब 90 हजार करोड़ रुपए वापस आए। यहां काफी उत्साह और आशावाद है जो बाजारों का नेतृत्व कर रहा है। यह वास्तव में आश्चर्यजनक है। रानाडे के मुताबिक, कई कारणों से वित्त वर्ष 2022 में कम से कम 6 फीसदी की दर से तेज रिकवरी होगी।
कृषि क्षेत्र से मिलेगी मदद
रानाडे का कहना है कि कृषि क्षेत्र काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। इससे कम से कम 3 से 4 फीसदी की ग्रोथ का अनुमान है। पंजाब-हरियाणा समेत कई राज्य सरकारों की ओर से शुरू किया गया मिनिमम सपोर्ट प्राइस (एमएसपी) कार्यक्रम निश्चित रूप से अगले साल कुछ गति देगा। उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम काफी सफल रहा है और इससे निश्चित तौर पर नंबर दोगुने होंगे। मनरेगा कार्यक्रम ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। वित्तीय पैकेज 2.0 अर्थव्यवस्था को रिवाइव करने और विकास को गति देने में महत्वपूर्ण मदद करेगा।
संयुक्त रूप से योजना बनाए इंडस्ट्री: रॉय
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी के डायरेक्टर रातिन रॉय का कहना है कि इंडस्ट्री को संयुक्त रूप से एक योजना बनानी चाहिए और इसे सरकार के सामने पेश करना चाहिए। यह योजना कम से कम तीन वर्ष के लिए होनी चाहिए। रॉय का कहना है कि सरकार की भूमिका सीमित है और इंडस्ट्री को नेतृत्व करना चाहिए।
बाजार ने कम समय में वापसी की: पटनायक
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के चीफ इकोनॉमिस्ट तीर्थंकर पटनायक का कहना है कि शेयर बाजारों में शुरुआत में नकारात्मकता के बावजूद इसने वापसी करने में काफी कम समय लिया है। 20 मार्च से बाजार लगातार वापसी कर रहे हैं। इसका कारण यह है कि भारतीय और वैश्विक शेयर बाजारों ने कोरोनावायरस को शॉर्ट टर्म प्रकृति का माना है। उन्होंने कहा कि एनपीए बढ़कर 12 से 15 फीसदी हो सकता है। हालांकि, बाजार में यह लंबे समय तक नहीं दिखेगा। पटनायक ने कहा कि वित्त वर्ष 2022 में कमाई में गिरावट नहीं आएगी और इसके बढ़ने की उम्मीद जताई।
बड़े बदलाव की ओर जा रहा देश: शाह
नेशनल काउंसिल ऑफ अप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च के महानिदेशक शेखर शाह का कहना है कि देश इस समय बड़े बदलाव की ओर जा रहा है। इसमें डिजिटलाइजेशन एक प्रमुख फैक्टर है। पिछले चार महीनों में अधिकांश कर्मचारी घर से कम कर रहे हैं और वह 80 से 90 फीसदी उत्पादकता को बनाए हुए हैं। इससे हमें बचत के बारे में सोचना चाहिए जो बाहरी कारण है। यह कुछ क्षेत्रों में बड़ी छलांग लगाएगा।