सरकार ने लग्जरी आइटम और तंबाकू पर लगने वाले टैक्स पर सरचार्ज को बढ़ाने का फैसला लिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में राजस्व की कमी को पूरा करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। इससे यह फैसला जीएसटी की 42वीं बैठक के दौरान लिया गया है।
जीएसटी की अगली बैठक 12 अक्टूबर को
बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि जीएसटी काउंसिल ने सरचार्ज को पांच साल से आगे बढ़ाने पर मंजूरी दे दी है। टैक्स से मिलने वाली रकम की कमी से जूझ रही केंद्र सरकार ने इससे पहले राज्यों को कर्ज लेने की सीमा को बढ़ाकर 1.1 लाख करोड़ रुपए कर दिया था। पहले यह सीमा 97,000 करोड़ रुपए रखी गई थी। जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक 12 अक्टूबर को होगी।
राज्यों के पास दो विकल्प
चालू वित्त वर्ष में राज्यों को जीएसटी कलेक्शन से मिलने वाला रेवेन्यू 2.35 लाख करोड़ रुपए घटने का अनुमान है। इसमें से 97 हजार करोड़ रुपए की कमी जीएसटी लागू करने के कारण हुई है। जबकि 1.38 लाख करोड़ रुपए का नुकसान कोविड-19 की वजह से है। केंद्र सरकार ने राज्यों दो विकल्प दिया है – इसमें पहला आरबीआई के स्पेशल विंडो से 97 हजार करोड़ रुपए कर्ज लेना और दूसरा बाजार से 2.35 लाख करोड़ रुपए का लोन लेने का विकल्प शामिल है।
चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था 10% तक फिसलने का अनुमान
लग्जरी आइटम पर लगने वाला सरचार्ज 12% से 200% तक है, जो जीएसटी का तहत आता है। जीएसटी को 2017 में लाया गया था। सालाना आधार पर अप्रैल से अगस्त महीने के दौरान टैक्स कलेक्शन 40% कम हुआ था। इसकी बड़ी वजह कोरोना महामारी है। ऐसे में अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 10% तक नीचे गिर सकती है। जबकि सरकार को इसमें 6% की ग्रोथ का अनुमान है।