फोन कॉल्स में हमारी पहचान का सबसे अहम हिस्सा हमारी आवाज होती है। जब कोई हमें फोन करता है तो बिना चेहरा देखे हम सिर्फ आवाज सुनकर ही पहचानते हैं कि सामने वाला कौन है। इसी का फायदा उठाकर साइबर क्रिमिनल्स ‘वॉयस क्लोनिंग स्कैम’ को अंजाम दे सकते हैं। इस स्कैम में साइबर क्रिमिनल्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से किसी व्यक्ति की आवाज कॉपी करते हैं। इसके बाद उसके परिवार के सदस्यों, दोस्तों या ऑफिस के कलीग को फोन करके पैसे या सेंसिटिव जानकारी हासिल करने की कोशिश करते हैं। इसलिए इस स्कैम से सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है। इसलिए आज ‘साइबर लिटरेसी’ कॉलम में बात करेंगे कि वॉयस क्लोनिंग स्कैम कितना खतरनाक है। साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: ईशान सिन्हा, साइबर एक्सपर्ट, नई दिल्ली सवाल- लोग वॉयस क्लोनिंग स्कैम का शिकार कैसे हो जाते हैं? जवाब- इस स्कैम में साइबर क्रिमिनल्स लोगों को इमोशनली ब्लैकमेल करते हैं। AI टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके पहले किसी व्यक्ति की आवाज क्लोन करते हैं। इसके बाद उसके किसी परिचित को कॉल करते हैं और अपहरण, एक्सीडेंट या किसी मुसीबत में होने का नाटक करते हैं। जब कोई अपने परिचित, दोस्त, रिश्तेदार या कलीग की जानी-पहचानी आवाज सुनता है तो बिना शक किए उस पर भरोसा कर लेता है। लोग मदद के नाम पर बिना जांचे-परखे पैसे ट्रांसफर कर देते हैं और फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं। सवाल- साइबर क्रिमिनल्स वॉयस क्लोन करने के लिए आवाज कहां से कॉपी करते हैं? जवाब- साइबर एक्सपर्ट ईशान सिन्हा बताते हैं कि वॉयस क्लोन करने के लिए एक छोटे से वॉयस सैंपल की जरूरत होती है। आजकल कुछ ऐसे एप्स हैं, जिन्हें वॉयस क्लोन करने के लिए महज 3 सेकेंड के ऑडियो की जरूरत होती है। साइबर क्रिमिनल्स यह ऑडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किसी वीडियो से प्राप्त कर सकते हैं। वॉयस क्लोनिंग आवाज और असली आवाज के बीच मामूली अंतर होता है। अगर इसे गौर से न सुना जाए तो इसकी पहचान नहीं की जा सकती है। सवाल- वॉयस क्लोनिंग स्कैम से खुद को कैसे बचा सकते हैं? जवाब- अगर कोई परिचित व्यक्ति अचानक पैसे मांगता है तो पहले उसकी पहचान को वेरिफाई करें। कॉल काटकर सीधे उस व्यक्ति से संपर्क करें और उसे अज्ञात कॉल के बारे में जानकारी दें। सवाल- अपने माता-पिता और घर के बुजुर्गों को वॉयस क्लोनिंग स्कैम के प्रति कैसे जागरूक करें? जवाब- अक्सर बुजुर्ग आधुनिक टेक्नोलॉजी के खतरों से अनजान होते हैं, जिससे वे वॉयस क्लोनिंग फ्रॉड का आसानी से शिकार बन सकते हैं। उन्हें इस स्कैम के बारे में जागरूक करना और सुरक्षा के तरीके सिखाना बेहद जरूरी है। उन्हें इस तरह समझाएं सवाल- AI वॉयस क्लोन कॉल को कैसे वेरिफाई कर सकते हैं? जवाब- साइबर एक्सपर्ट ईशान सिन्हा इससे बचने के कुछ तरीके बताते हैं। जैसेकि- अगर किसी एजेंसी के नंबर से आपसे रुपए की डिमांड की जा रही है तो कॉल को काटकर अपनी तरफ से फोन लगाएं। कई बार साइबर ठग नंबरों को हैक कर लेते हैं। इसे ‘कॉल्स बूफिंग’ कहा जाता है। जब कॉल को काटकर अपनी तरफ से कॉल लगाएंगे तो कॉल साइबर ठग को नहीं, बल्कि असली नंबर पर जाएगा। सवाल- अगर आपके पास ऐसा कोई फोन आए तो क्या करें? जवाब- अगर किसी परिचित की आवाज में कोई संदिग्ध कॉल आए, जिसमें पैसे मांगने या किसी आपात स्थिति का दावा किया जाए, तो घबराने की बजाय ध्यान से जांच करें और सतर्क रहें। ध्यान दें कि आवाज असली है या इसमें कोई बनावटीपन है। अगर कॉलर जल्दी में पैसे ट्रांसफर करने के लिए दबाव डाल रहा है तो सावधान हो जाएं। फोन काटकर उसी व्यक्ति को उनके रजिस्टर्ड नंबर (जो पहले से सेव हो) पर कॉल करें। परिवार के अन्य सदस्यों या दोस्तों से भी पुष्टि करें कि कोई आपात स्थिति तो नहीं है। साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर शिकायत करें अगर आपको लगता है कि यह वॉयस क्लोनिंग स्कैम है तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन (1930) पर शिकायत करें। इसके अलावा https://cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन रिपोर्ट दर्ज करें। अगर आप पहले ही पैसे भेज चुके हैं तो तुरंत बैंक से संपर्क करें और ट्रांजैक्शन रोकने की कोशिश करें। ……………………… ये खबर भी पढ़े… वीडियो कॉल पर गिरफ्तारी, जानिए क्या है ‘डिजिटल अरेस्ट’:फोन पर धमकी मिले तो क्या करें, जानें इस स्कैम से बचने के 5 तरीके केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक, भारत में 2024 के पहले 10 महीनों के भीतर ही डिजिटल अरेस्ट स्कैम के जरिए 2,140 करोड़ रुपए की ठगी हुई। यानी कि डिजिटल स्कैम से औसतन हर महीने 214 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी हो रही है। इसलिए इससे बचने के लिए जागरूकता और सतर्कता बेहद जरूरी है। पूरी खबर पढ़िए…