साइबर फ्रॉड के नए तरीके ‘डिजिटल अरेस्ट’ के बारे में तो आपने सुना ही होगा। डिजिटलाइजेशन के इस दौर में यह सबसे खतरनाक और तेजी से बढ़ने वाला फ्रॉड है। यह ठगी का ऐसा जाल है, जिसमें आम नागरिक, प्रोफेशनल्स, बड़े बिजनेसमैन से लेकर छात्र-छात्राएं भी फंस रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक, भारत में 2024 के पहले 10 महीनों के भीतर ही डिजिटल अरेस्ट स्कैम के जरिए 2,140 करोड़ रुपए की ठगी हुई। यानी कि डिजिटल स्कैम से औसतन हर महीने 214 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी हो रही है। इसलिए इससे बचने के लिए जागरूकता और सतर्कता बेहद जरूरी है। तो चलिए, आज ‘साइबर लिटरेसी’ कॉलम में बात करेंगे कि डिजिटल अरेस्ट क्या है? साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: राजेश दंडोतिया, एडिशनल डीसीपी, क्राइम ब्रांच, इंदौर राहुल मिश्रा, साइबर सिक्योरिटी एडवाइजर, उत्तर प्रदेश पुलिस सवाल- डिजिटल अरेस्ट क्या है? जवाब- यह साइबर फ्रॉड का ऐसा तरीका है, जिसमें साइबर अपराधी खुद को पुलिस अधिकारी, साइबर सेल एजेंट या सरकारी जांच एजेंसी का सदस्य बताकर कॉल करते हैं। वे दावा करते हैं कि आपके खिलाफ कोई गंभीर मामला (अश्लील वीडियो शेयर करने, मनी लॉन्ड्रिंग या ड्रग्स से जुड़ा) दर्ज है। इस बीच वह वॉट्सएप पर वीडियो कॉल करके नकली पुलिस आईडी कार्ड, वारंट या कोर्ट ऑर्डर दिखाते हैं। वे वीडियो कॉल पर ही पूछताछ के लिए ‘डिजिटल अरेस्ट’ करते हैं। इसके बाद पीड़ित को डरा-धमकाकर जुर्माना या जमानत राशि का भुगतान करने का दबाव बनाते हैं। सवाल- क्या भारतीय कानून में डिजिटल अरेस्ट का कोई प्रावधान है? जवाब- इंदौर क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया कहते हैं कि भारतीय कानून में डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई चीज नहीं है। अगर कोई आपको डिजिटल अरेस्ट के नाम पर डराने-धमकाने या गुमराह करने की कोशिश कर रहा है तो वह फ्रॉड है। ऐसी स्थिति में तुरंत संबंधित साइबर सेल या पुलिस को सूचना दें। सवाल- डिजिटल अरेस्ट से जुड़े लीगल फैक्ट क्या हैं? जवाब- भारतीय कानून के तहत किसी भी व्यक्ति की गिरफ्तारी के लिए ठोस कानूनी आधार होना जरूरी है। बिना उचित जांच और कानूनी प्रक्रिया के गिरफ्तारी संभव नहीं है। कोई भी पुलिस अधिकारी या सरकारी एजेंसी सिर्फ ऑनलाइन नोटिस, ईमेल या मैसेज के जरिए आपको ‘डिजिटल अरेस्ट’ नहीं कर सकती है। कुछ जरूरी बातें जो हमेशा गांठ बांध लें- सवाल- डिजिटल अरेस्ट को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा क्या कदम उठाए गए हैं? जवाब- हाल ही में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने लोकसभा में जानकारी दी कि सरकार डिजिटल स्कैम को रोकने के लिए लगातार काम कर रही है। फरवरी 2025 तक 83,668 वॉट्सएप अकाउंट और 3,962 स्काइप आईडी को ब्लॉक किया है। यह कार्रवाई साइबर स्कैम और डिजिटल अरेस्ट जैसे अपराधों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से की गई है। सवाल- डिजिटल अरेस्ट से बचने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? जवाब- उत्तर प्रदेश पुलिस के साइबर सिक्योरिटी एडवाइजर राहुल मिश्रा इससे बचने के लिए जरूरी सावधानियां बताते हैं। इन्हें नीचे दिए ग्राफिक में देखिए- सवाल- अगर कोई डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर फोन करे तो क्या करना चाहिए? जवाब- अगर कोई व्यक्ति फोन करके डिजिटल अरेस्ट की धमकी देता है तो घबराने के बजाय इन सावधानियों को बरतें। जैसेकि- सवाल- अगर डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो जाएं तो क्या करें? जवाब- डिजिटल अरेस्ट का शिकार होने पर तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें। अगर स्कैमर्स ने आपके फोन या ईमेल को हैक करने की कोशिश की है तो तुरंत पासवर्ड बदलें और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) चालू करें। साथ ही अपने सोशल मीडिया और बैंकिंग एप्स को सुरक्षित करें। स्थानीय पुलिस स्टेशन से मामले की शिकायत दर्ज करें। ……………… ये खबर भी पढ़ें… साइबर लिटरेसी- चारधाम यात्रा के नाम पर साइबर फ्रॉड:हजारों की चपत, रहें सतर्क, जानें रजिस्ट्रेशन और बुकिंग का सही तरीका अगर आप चार धाम यात्रा पर जाने की तैयारी कर रहे हैं तो श्रद्धा के साथ-साथ सतर्कता भी जरूरी है। दरअसल श्रद्धा की आड़ में अब ऑनलाइन ठग भी सक्रिय हो गए हैं। हाल ही में गोरखपुर के गोरखनाथ इलाके में एक युवक को फेसबुक पर हेलिकॉप्टर से चार धाम यात्रा कराने का लालच देकर ठगों ने करीब 36 हजार रुपए की ठगी कर ली। पूरी खबर पढ़िए…