साउथ इंडियन कुकिंग को औषधीय गुणों की वजह से मिली खास पहचान, गुड़ और पाम शुगर के इस्तेमाल से दिया जा रहा डिफरेंट टेस्ट

वेस्टर्न कंट्रीज में रहने वाले अधिकांश लोग मीट या सीफूड खाते हैं। इसी के विपरीत नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के अनुसार 10 में से 3 भारतीय वेजिटेरियन डाइट फॉलो करते हैं। इंडियन वेजिटेरियन में से अधिकांश लोग लेक्टो वेजिटेरियन हैं जो चीज़, दूध और दूध से बने अन्य डेयरी प्रोडक्ट्स अपनी डाइट में शामिल करते हैं।

अगर बात हमारे देश की करें तो नॉर्थ से लेकर साउथ इंडिया तक कुकिंग स्टाइल अलग-अलग है। हर जगह खानाबनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले मसाले भी एक दूसरे से अलग हैं। वुडलैंड्स इंडियन वेजिटेरियन रेस्टोरेंट के ओनर अरुण एलेक्स पुडुपडी एगानाथनहॉन्गकॉन्ग में भारतीय रेस्टोरेंट का संचालन करते हैं।उनके अनुसार साउथ इंडियन डिश में उपयोग होने वाले कई मसालों में स्वाद के साथ-साथ मेडिसिनल प्रॉपर्टीज भी होती हैं। इसलिए सिर्फ भारत ही नहीं बल्किहॉन्गकॉन्ग में भी इसे खाने के शौकीनों की कमी नहीं है।

सांभर बनाने में इस्तेमाल होने वाले मसालों से डाइजेशन ठीक रहता है। लो कैलोरी होने की वजह ये यह वजन कम करने में मदद करता है।

जायफल और केसर जैसे मसालेइफेक्टिव

दक्षिण भारत के मसालों औरतेल भी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। यहां सांभर और रसम बनाने में इस्तेमाल होने वालीइमली और जीरे का इस्तेमाल डाइजेशन के लिए होता है, वहीं काली मिर्च जैसे गरम मसाले रेस्पिरेटरी सिस्टम के लिए फायदेमंद होते हैं। मेमोरी बढ़ाने में जायफल और केसर जैसे मसालेभी इफेक्टिव हैं।

वुडलैंड्स इंडियन वेजिटेरियन रेस्टोरेंट के ओनर अरुण एलेक्स पुडुपडी एगानाथनहॉन्गकॉन्ग में साउथ इंडियन डिशेज के नए फ्लेवर लोगों के लिए पेश करते हैं।

लोगों को इसे खाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं
दक्षिण भारतीय खाने को बनाने में चावल, तिल और नारियल का उपयोग होता है। डोसा बनाने में फर्मेंट किए हुए चावल का यूज होता है। सिर्फ भारत ही नहीं हॉन्गकॉन्ग में भी अरुण एलेक्स जैसे रेस्टोरेंट के मालिक डोसे की अलग-अलग वैरायटी पेश कर लोगों को इसे खाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। डोसे के साथ वुडलैंड्स में तीन तरह की डिप्स, सांभर, सूप, नारियल और टमाटर की चटनी सर्व की जाती है।

पुलिहारा जैसी डिशेज काफी फायदेमंद
साउथ इंडियन फूड में केरल, कर्नाटक, तमिलनाडू, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना शामिल है। यहां बनने वाली डिशेज में इडली और डोसा ही नहीं बल्कि औषधीय गुणों से भरपूर ऐसे कई पकवान हैं जिनके बारे में लोग कम जानते हैं।आंध्र प्रदेश का पेसा रूट्‌टीऔर पुलिहारा जैसी डिशेज काफी फायदेमंद हैं। इसी तरह कर्नाटक मेंसाउथ इंडियन अपने यूनिक टेस्ट के लिए जाने जाते हैं।

वहां के लोग खाने के स्वाद को सबसे अलग बनाने के लिए गुड़ या पाम शुगर का इस्तेमाल करते हैं। सेहत के लिए फायदेमंद होने के साथ ही इडली और सांभर जैसी डिशेज वजन कम करने में उपयोगी हैं। अगर आप अपने दिन की शुरुआत हेल्दी चीजों से करना चाहते है तो नाश्ते का ये विकल्प आपके लिए एकदम परफेक्ट है।

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South Indian cooking gets special recognition due to its medicinal properties, differential test given using jaggery and palm sugar