सागर धनखड़ हत्याकांड, पहलवान सुशील कुमार को जमानत:सोनीपत में मृतक की मां बोली- इसे फांसी होनी चाहिए, हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे

ओलिंपियन पहलवान सुशील कुमार जेल से बाहर आ रहा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने पहलवान को जमानत दी है। वह जूनियर पहलवान सागर धनखड़ हत्याकांड मामले में 4 साल से तिहाड़ जेल में बंद था। हाईकोर्ट ने सुशील कुमार को 50 हजार के बॉन्ड और इसी राशि के जमानतदारों की गारंटी पर रिहा किया है। इस पर मृतक सागर धनखड़ के परिजनों ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा है कि वे सुशील कुमार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। उसे फांसी होनी चाहिए। सुशील कुमार पर आरोप है कि उसने 2021 में दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम की पार्किंग में सागर धनखड़ और उसके दो दोस्तों पर जानलेवा हमला किया था। इस हमले में सागर धनखड़ की मौत हो गई थी। जांच में सामने आया था कि यह हमला युवा पहलवानों में वर्चस्व बनाने और प्रॉपर्टी विवाद के लिए किया गया था। सागर के पिता बोले- बाहर आकर गवाहों को प्रभावित करेगा सुशील
सुशील कुमार को जमानत मिलने पर सागर धनखड़ के पिता अशोक कुमार ने कहा है कि सुशील कुमार को जमानत देने का निर्णय गलत है। उसने जेल में रहते हुए भी पंचायत और रिश्तेदारों के माध्यम से हमारे परिवार पर दबाव बनाने की कोशिश की थी। लगातार धमकियां दिलवाता रहा था। अब जमानत मिल गई है तो बाहर आकर मामले से जुड़े गवाहों को भी प्रभावित करेगा। सुशील के दबाव में मुख्य गवाह ने बयान बदले
उन्होंने आरोप लगाया है कि जब भी सुशील पैरोल पर बाहर आया, उसके दबाव के चलते गवाह मुकर गए। मामले में मुख्य गवाह जयभगवान उर्फ सोनू ने स्पष्ट गवाही दी थी, लेकिन बाद में सुशील कुमार ने हरियाणा में 2 अलग-अलग मुकदमे मुख्य गवाह के खिलाफ करवा दिए। जब गवाह ने अपने बयान बदले तो फिर उसके खिलाफ मामले वापस करवा दिए। बेटे का नाम सुनते ही मां रो पड़ी
वहीं, बेटे का नाम सुनते ही सागर की मां सविता रो पड़ीं। कहने लगीं- हमारे साथ गलत हो रहा है। अपने बेटे को न्याय दिलाने के लिए कोर्ट-कचहरी के 3 साल से धक्के खा रहे हैं। अभी तक कुछ नहीं हुआ है और धमकियां तो पहले से ही मिल रही हैं। हमारे घर पर कुछ व्यक्ति भेजे थे। वे जान से मारने की धमकी देकर गए। सर्जरी के लिए मिली थी अंतरिम जमानत
इससे पहले जुलाई 2023 में सर्जरी के लिए सुशील को 7 दिन की अंतरिम जमानत दी गई थी। दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने जमानत देते हुए कहा था कि 7 दिन की बेल अवधि में उसके साथ 2 सुरक्षाकर्मी 24 घंटे मौजूद रहेंगे। यह जमानत 23 जुलाई से 30 जुलाई तक के लिए मिली थी, जिसके लिए 1 लाख का निजी बॉन्ड भरना पड़ा था। सुशील को हिदायत दी गई थी कि इस दौरान न तो वह गवाहों को धमकाएंगे, और न ही सबूतों के साथ छेड़छाड़ करेंगे। 4 मई, 2021 की रात को क्या हुआ था
पुलिस की ओर से दाखिल की गई चार्जशीट के मुताबिक, 4 मई 2021 को रात करीब 1 बजे छत्रसाल स्टेडियम के पार्किंग एरिया में पहलवानों के 2 गुटों में झड़प हो गई थी। इस दौरान फायरिंग भी हुई, जिसमें 5 पहलवान जख्मी हो गए थे। इनमें सागर (23), सोनू (37), अमित कुमार (27) और 2 अन्य पहलवान शामिल थे। इनमें से सागर ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। वह दिल्ली पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल का बेटा था। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें सुशील कुमार अपने दोस्तों के साथ जूनियर पहलवान को हॉकी से पीटता दिख रहा था। यह वीडियो सुशील कुमार ने ही बनवाया था। सुशील कुमार को इस घटना के बाद 23 मई 2021 को मुंडका के मेट्रो स्टेशन से गिरफ्तार किया गया। दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर सुशील को रोहिणी कोर्ट भेज दिया था। अक्टूबर 2021 को उसे जेल भेज दिया गया। कैसे शुरू हुआ था विवाद… सुशील के फ्लैट में रहता था सागर
साल 2019 में 10 दिसंबर को दिल्ली के मॉडल टाउन में सुशील ने अपनी पत्नी सावी सोलंकी के नाम 90 लाख रुपए का एक फ्लैट खरीदा। सुशील कुमार ने B-10/6 नंबर के फ्लैट को खरीदने के बाद 40 हजार रुपए महीने के किराए पर दे दिया। इस फ्लैट में किराये पर पहलवान सागर धनखड़, सोनू, भक्तु और अमित थे। 2020 फरवरी में सागर का पड़ोसियों से पार्किंग को लेकर विवाद हो गया। पड़ोसियों ने सुशील को फोन कर सारी बातें बता दीं। सुशील ने सागर को तुरंत फ्लैट खाली करने को कह दिया, लेकिन सागर ने ऐसा नहीं किया। सुशील ने अपने साथी अजय और रघुवीर को फ्लैट खाली करवाने के लिए भेजा। फ्लैट खाली न करने पर गुस्साया था सुशील
ये दोनों पहुंचे और सागर से कहा, “पुराना बाकी किराया देकर इस फ्लैट को खाली करो।” सागर ने मना करते हुए कहा, तुम्हारे कहने से नहीं खाली करेंगे। अपने पहलवान से बोलो, वह खुद आकर खाली कराए। यह बात सुशील को पता चली, तो वह गुस्से से भर गया। हालांकि, बाद में फ्लैट को लेकर विवाद बढ़ा तो सागर ने फरवरी में उसे खाली कर दिया और मॉडल टाउन की ही M-2/1 बिल्डिंग में चौथी मंजिल पर फ्लैट ले लिया। इसके बाद भी सुशील कुमार ने हरियाणा से काला जठेड़ी से संपर्क कर कुछ गुंडे बुलाए और वारदात को अंजाम दिया। दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम से शुरुआत की
2 बार के ओलिंपिक मेडलिस्ट सुशील कुमार ने अपने करियर की शुरुआत दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम के अखाड़ा से की थी। उस वक्त उसकी उम्र 14 वर्ष थी। उसे रेसलिंग में प्रदर्शन के कारण मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार भी दिया गया था। सुशील कुमार ने 2014 और 2018 को कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक भी जीता था। ॰॰॰॰॰॰॰॰ पूरी कहानी के लिए यह खबर पढ़ें… मर्डर मिस्ट्री सीरीज-14:दो बार के ओलिंपिक पदक विजेता सुशील कुमार, जिसने अपने ही शिष्य को हॉकी से पीटकर मार डाला एक पहलवान जिसने राष्ट्रमंडल, एशियाड, विश्व चैंपियनशिप और ओलिंपिक में दो बार पदक जीतकर हिन्दुस्तान के गौरव को बढ़ाया। उसे एक समय बाद अपनी इज्जत की चिंता होने लगी। उसे लगने लगा कि जूनियर पहलवानों में उसकी इज्जत कम हो गई है। इससे वह इतना ज्यादा झल्ला गया कि अपने ही एक जूनियर पहलवान की पीट-पीटकर हत्या कर दी। पूरी खबर पढ़ें…