राजस्थान के तितली विशेषज्ञ मुकेश पंवार ने एक तितली की खोज की है। इसका नाम स्पीआलिया जेब्रा है। पिछले 15 सालों से तितलियों पर रिसर्च करने वाले मुकेश कहते हैं, इसे पहली बार 8 नवम्बर 2014 को उदयपुर के सागवाड़ा कस्बे के धनराज फार्म हाउस में देखा था। इस तितली फोटो खींचकर उत्तराखंड के भीमताल स्थित बंटरफ्लाय रिसर्च इंस्टीट्यूट को भेजी थी।
इस पर 6 साल तक रिसर्च के बाद इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर पीटर स्मेटाचौक ने इसकी घोषणा। यह देश की 1328वीं तितली है।
तेज उड़ान भरती है 2.5 सेमी चौड़ी यह तितली
बटरफ्लाई रिसर्च इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर पीटर स्मेटाचौक कहते हैं, तेज गति से उड़ान भरने वाली इस तितली की चौड़ाई 2.5 सेंटीमीटर चौड़ी है। इसे साल 1888 में पाकिस्तान के अटौक शहर में देखा गया था। उस समय इस शहर का नाम कैंप बैलपुर था। वर्ष 2016 में पाकिस्तान की पुस्तक बटरफ्लाई ऑफ पाकिस्तान में भी इसका जिक्र किया गया है।

82 तितली प्रजातियों का जीवनचक्र क्लिक कर चुके
उदयपुर के सागवाड़ा कस्बे रहने वाले मुकेश कहते हैं, वह अब तक राजस्थान में 111 प्रजातियों की तितलियों को देख और पहचान चुके हैं। उन्होंने इनमें से 82 प्रजातियों की तितलियों के जीवनचक्र का अध्ययन भी किया है। इन तितलियों के जीवनचक्र की हर तस्वीर इनके पास है।
मुकेश पंवार की पहल पर ही वन विभाग, राजपूताना सोसायटी आफ नेचुरल हिस्ट्री की ओर से 24 फरवरी 2018 को राजस्थान राज्य का पहला बटरफ्लाई फेस्टिवल भी सागवाड़ा में ही आयोजित किया गया था।