एजुकेशन मिनिस्ट्री ने 19 फरवरी को में सेंट्रल बोर्ड ऑफ एजुकेशन (CBSE) के साथ मिलकर अगले एकेडमिक ईयर 2026-27 में दो बार बोर्ड एग्जाम आयोजित करने को लेकर मीटिंग की। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा- इन विचार-विमर्शों की योजना जल्द ही सीबीएसई द्वारा सार्वजनिक परामर्श के लिए रखी जाएगी। स्टूडेंट्स के लिए तनाव मुक्त शिक्षण वातावरण बनाने के लिए दो बोर्ड परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया जा रहा है। पब्लिक डोमेन में फीडबैक मांगा एजुकेशन मिनिस्ट्री ने बोर्ड से एक पब्लिक डोमेन फीडबैक भी मांगा है। इसमें बोर्ड से एक फॉर्मेट तैयार करने को कहा है कि दोनों परीक्षाएं कैसे आयोजित की जाएंगी ये बताएं। फाइनल ड्राफ्ट तैयार करने से पहले सुझावों पर विचार किया जाएगा।
क्या मिलेगा ऑप्शन सीबीएसई की परीक्षा साल में दो बार होने के बाद, स्टूडेंट्स के टॉप स्कोर को फाइनल माना जाएगा। ये शुरुआत 2026-27 से लागू होगी। इसमें स्टूडेंट्स के पास तीन ऑप्शन हो सकते हैं क्या बदलेगा साल में दो बार परीक्षा होने से
सूत्रों के मुताबिक, अगर साल में दो बार परीक्षा का सिस्टम शुरू होता है, तो सीबीएसई को पेपर के बीच के इस अंतर को काफी कम करना पड़ सकता है। ताकि यह तय हो सके कि दोनों परीक्षाएं आयोजित की जाएं और जून तक सभी रिजल्ट घोषित किए जाएं। इसका मतलब यह हो सकता है कि परीक्षाएं एक सप्ताह या 10 दिन में ही खत्म करनी होंगी। सप्लीमेंट्री परीक्षा खत्म होगी नए सिस्टम के लागू होने के बाद सप्लीमेंट्री परीक्षा नहीं होगी। स्टूडेंट्स को ऑप्शन मिलेगा कि वे साल में एक बार एग्जाम दें या दोनों एग्जाम में शामिल हों। यदि कोई स्टूडेंट दोनों परीक्षाएं देता है, तो उसके बेस्ट स्कोर को ही फाइनल माना जाएगा। साथ ही, यदि कोई स्टूडेंट किसी सब्जेक्ट में अच्छा परफॉर्म नहीं कर पाता है, तो वह दूसरी बार में उस सब्जेक्ट को दोबारा दे सकेगा। सूत्रों की मानें तो जरूरी नहीं होगा कि स्टूडेंट पहली और दूसरी परीक्षा में सभी सब्जेक्टस का एग्जाम दे और दूसरी में भी वही दोहराए। वह अपने नंबर में सुधार के लिए सिर्फ उस सब्जेक्ट की परीक्षा दे सकेगा जिसमें उसके मार्क्स अच्छे नहीं हैं। शुरुआत में सिर्फ 10वीं बोर्ड के लिए आएगा नियम शुरुआत में, केंद्र सरकार सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों के 10वीं बोर्ड की परीक्षाएं शुरू करना चाहती है। सीबीएसई अधिकारी के मुताबिक, क्लास 12वीं के स्टूडेंट्स के लिए इसे कब शुरू किया जाए, इस पर विचार तभी किया जाएगा, जब 10वीं में दो बार परीक्षा कितनी सफल साबित होती है इसके बेसिस पर ही फैसला लिया जाएगा। 2026-27 से विदेशों में भी CBSE सिलेबस शुरू मंत्रालय ने सरकार को एकेडमिक ईयर 2026-27 के लिए विदेशी स्कूलों के लिए ग्लोबल सिलेबस शुरू करने का भी आदेश दिया। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में हुई बैठक में CBSE को अगले एकेडमिक ईयर में विदेशी स्कूलों के लिए सीबीएसई सिलेबस शुरू करने लिए एक प्लान तैयार करने को कहा है। बैठक के मुताबिक, CBSE अगले साल से ड्यूल एग्जामिनेशन सिस्टम को शुरू करेगा। बोर्ड क्लास 10वीं की बोर्ड परीक्षा को दो हफ्ते में ही खत्म करने पर भी विचार कर रहा है। एक महीने चलती हैं 10वीं बोर्ड परीक्षाएं 10वीं बोर्ड का एग्जाम प्रोग्राम ऐसे तैयार किया जाता है कि स्टूडेंट ने अगर एक साथ दो सब्जेक्ट सिलेक्ट किए हैं, तो दो पेपर एक साथ न एक ही तारीख को न हों। मतलब एक महीने का शेड्यूल होगा, जिसमें कभी-कभी दो पेपर के बीच तीन से लेकर 10 दिन का अंतर भी हो सकता है। उदाहरण के लिए, इस साल क्लास 10वीं बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी 2025 से शुरू हुईं हैं और 18 मार्च 2025 तक चलेंगी। छात्रों के लिए एक नया रास्ता खोलना नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 स्टूडेंट्स को और ज्यादा मौके देने के लिए साल में दो बार बोर्ड परीक्षाओं को प्रपोज कर रही है। बोर्ड परीक्षाएं आमतौर पर फरवरी में शुरू होती हैं, और यह टाइम लिमिट नई दो-एग्जाम प्रोसेस के साथ जारी रहने की संभावना है। सूत्रों ने कहा कि देश के कुछ हिस्सों में ज्यादा सर्दियों की स्थिति के कारण पहले एग्जाम करवाना मुश्किल और चैलेंजिंग होगा। इससे स्टूडेंट्स के पास पढ़ने का समय भी कम हो जाएगा। 19 फरवरी को हुई मीटिंग शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने CBSE, NCERT, KVS, NVS और कई स्कूल पदाधिकारियों के साथ साल में 2 बार परीक्षाएं कराने पर चर्चा की। उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी भी जारी की।
नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क में भी दो बार बोर्ड एग्जाम कराने का प्रपोजल पिछले साल अगस्त में शिक्षा मंत्रालय ने नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) रिलीज किया था। NCF में भी स्टूडेंट्स को साल में दो बार बोर्ड एग्जाम देने का ऑप्शन देने की बात थी। अक्टूबर 2023 में शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा था कि साल में दो बार बोर्ड एग्जाम होंगे लेकिन स्टूडेंट्स को दोनों बार एग्जाम देना जरूरी नहीं होगा। स्टूडेंट्स जब चाहें उस अटेम्प्ट में बोर्ड एग्जाम दे सकते हैं। JEE की तरह दो बार बोर्ड एग्जाम देना ऑप्शनल होगा अगस्त 2024 में इसका ड्राफ्ट तैयार किया गया था। इस दौरान शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था- जिस तरह स्टूडेंट्स के पास साल में दो साल इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम देने का ऑप्शन होता है उसी तरह स्टूडेंट्स 10वीं या 12वीं के एग्जाम साल में दो बार दे सकेंगे। दो बार बोर्ड एग्जाम कराने के लिए कैलेंडर डिजाइन कर रहा है CBSE CBSE को 12वीं के स्टूडेंट्स के लिए कुछ इस तरह से कैलेंडर डिजाइन करना होगा कि साल में दो बार पूरे सिलेबस के साथ बोर्ड एग्जाम कराए जा सकें और 12वीं के बाद अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज में एडमिशन प्रोसेस पर भी कोई असर न पड़े। जानकारी के मुताबिक, शिक्षा मंत्रालय अगस्त 2024 में शिक्षा मंत्रालय के निर्देश के बाद CBSE साल में दो बार एग्जाम कंडक्ट कराने को लेकर लॉजिस्टिक्स यानी सिस्टमैटिक तरीके से प्लानिंग कर रहा है। ये खबरें भी पढ़ें… UPSC CSE रजिस्ट्रेशन डेट एक्सटेंड: अब 21 फरवरी तक कर सकेंगे अप्लाई; करेक्शन के लिए भी ज्यादा दिन मिलेंगे UPSC ने एक बार फिर सिविल सेवा परीक्षा (CSE) की लास्ट डेट को एक्सटेंड किया है। अब कैंडिडेट्स 21 फरवरी 2025 तक अप्लाई कर सकते हैं। इसका नोटिफिकेशन 22 जनवरी को जारी किया गया था।
क्या मिलेगा ऑप्शन सीबीएसई की परीक्षा साल में दो बार होने के बाद, स्टूडेंट्स के टॉप स्कोर को फाइनल माना जाएगा। ये शुरुआत 2026-27 से लागू होगी। इसमें स्टूडेंट्स के पास तीन ऑप्शन हो सकते हैं क्या बदलेगा साल में दो बार परीक्षा होने से
सूत्रों के मुताबिक, अगर साल में दो बार परीक्षा का सिस्टम शुरू होता है, तो सीबीएसई को पेपर के बीच के इस अंतर को काफी कम करना पड़ सकता है। ताकि यह तय हो सके कि दोनों परीक्षाएं आयोजित की जाएं और जून तक सभी रिजल्ट घोषित किए जाएं। इसका मतलब यह हो सकता है कि परीक्षाएं एक सप्ताह या 10 दिन में ही खत्म करनी होंगी। सप्लीमेंट्री परीक्षा खत्म होगी नए सिस्टम के लागू होने के बाद सप्लीमेंट्री परीक्षा नहीं होगी। स्टूडेंट्स को ऑप्शन मिलेगा कि वे साल में एक बार एग्जाम दें या दोनों एग्जाम में शामिल हों। यदि कोई स्टूडेंट दोनों परीक्षाएं देता है, तो उसके बेस्ट स्कोर को ही फाइनल माना जाएगा। साथ ही, यदि कोई स्टूडेंट किसी सब्जेक्ट में अच्छा परफॉर्म नहीं कर पाता है, तो वह दूसरी बार में उस सब्जेक्ट को दोबारा दे सकेगा। सूत्रों की मानें तो जरूरी नहीं होगा कि स्टूडेंट पहली और दूसरी परीक्षा में सभी सब्जेक्टस का एग्जाम दे और दूसरी में भी वही दोहराए। वह अपने नंबर में सुधार के लिए सिर्फ उस सब्जेक्ट की परीक्षा दे सकेगा जिसमें उसके मार्क्स अच्छे नहीं हैं। शुरुआत में सिर्फ 10वीं बोर्ड के लिए आएगा नियम शुरुआत में, केंद्र सरकार सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों के 10वीं बोर्ड की परीक्षाएं शुरू करना चाहती है। सीबीएसई अधिकारी के मुताबिक, क्लास 12वीं के स्टूडेंट्स के लिए इसे कब शुरू किया जाए, इस पर विचार तभी किया जाएगा, जब 10वीं में दो बार परीक्षा कितनी सफल साबित होती है इसके बेसिस पर ही फैसला लिया जाएगा। 2026-27 से विदेशों में भी CBSE सिलेबस शुरू मंत्रालय ने सरकार को एकेडमिक ईयर 2026-27 के लिए विदेशी स्कूलों के लिए ग्लोबल सिलेबस शुरू करने का भी आदेश दिया। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में हुई बैठक में CBSE को अगले एकेडमिक ईयर में विदेशी स्कूलों के लिए सीबीएसई सिलेबस शुरू करने लिए एक प्लान तैयार करने को कहा है। बैठक के मुताबिक, CBSE अगले साल से ड्यूल एग्जामिनेशन सिस्टम को शुरू करेगा। बोर्ड क्लास 10वीं की बोर्ड परीक्षा को दो हफ्ते में ही खत्म करने पर भी विचार कर रहा है। एक महीने चलती हैं 10वीं बोर्ड परीक्षाएं 10वीं बोर्ड का एग्जाम प्रोग्राम ऐसे तैयार किया जाता है कि स्टूडेंट ने अगर एक साथ दो सब्जेक्ट सिलेक्ट किए हैं, तो दो पेपर एक साथ न एक ही तारीख को न हों। मतलब एक महीने का शेड्यूल होगा, जिसमें कभी-कभी दो पेपर के बीच तीन से लेकर 10 दिन का अंतर भी हो सकता है। उदाहरण के लिए, इस साल क्लास 10वीं बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी 2025 से शुरू हुईं हैं और 18 मार्च 2025 तक चलेंगी। छात्रों के लिए एक नया रास्ता खोलना नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 स्टूडेंट्स को और ज्यादा मौके देने के लिए साल में दो बार बोर्ड परीक्षाओं को प्रपोज कर रही है। बोर्ड परीक्षाएं आमतौर पर फरवरी में शुरू होती हैं, और यह टाइम लिमिट नई दो-एग्जाम प्रोसेस के साथ जारी रहने की संभावना है। सूत्रों ने कहा कि देश के कुछ हिस्सों में ज्यादा सर्दियों की स्थिति के कारण पहले एग्जाम करवाना मुश्किल और चैलेंजिंग होगा। इससे स्टूडेंट्स के पास पढ़ने का समय भी कम हो जाएगा। 19 फरवरी को हुई मीटिंग शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने CBSE, NCERT, KVS, NVS और कई स्कूल पदाधिकारियों के साथ साल में 2 बार परीक्षाएं कराने पर चर्चा की। उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी भी जारी की।
नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क में भी दो बार बोर्ड एग्जाम कराने का प्रपोजल पिछले साल अगस्त में शिक्षा मंत्रालय ने नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) रिलीज किया था। NCF में भी स्टूडेंट्स को साल में दो बार बोर्ड एग्जाम देने का ऑप्शन देने की बात थी। अक्टूबर 2023 में शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा था कि साल में दो बार बोर्ड एग्जाम होंगे लेकिन स्टूडेंट्स को दोनों बार एग्जाम देना जरूरी नहीं होगा। स्टूडेंट्स जब चाहें उस अटेम्प्ट में बोर्ड एग्जाम दे सकते हैं। JEE की तरह दो बार बोर्ड एग्जाम देना ऑप्शनल होगा अगस्त 2024 में इसका ड्राफ्ट तैयार किया गया था। इस दौरान शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था- जिस तरह स्टूडेंट्स के पास साल में दो साल इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम देने का ऑप्शन होता है उसी तरह स्टूडेंट्स 10वीं या 12वीं के एग्जाम साल में दो बार दे सकेंगे। दो बार बोर्ड एग्जाम कराने के लिए कैलेंडर डिजाइन कर रहा है CBSE CBSE को 12वीं के स्टूडेंट्स के लिए कुछ इस तरह से कैलेंडर डिजाइन करना होगा कि साल में दो बार पूरे सिलेबस के साथ बोर्ड एग्जाम कराए जा सकें और 12वीं के बाद अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज में एडमिशन प्रोसेस पर भी कोई असर न पड़े। जानकारी के मुताबिक, शिक्षा मंत्रालय अगस्त 2024 में शिक्षा मंत्रालय के निर्देश के बाद CBSE साल में दो बार एग्जाम कंडक्ट कराने को लेकर लॉजिस्टिक्स यानी सिस्टमैटिक तरीके से प्लानिंग कर रहा है। ये खबरें भी पढ़ें… UPSC CSE रजिस्ट्रेशन डेट एक्सटेंड: अब 21 फरवरी तक कर सकेंगे अप्लाई; करेक्शन के लिए भी ज्यादा दिन मिलेंगे UPSC ने एक बार फिर सिविल सेवा परीक्षा (CSE) की लास्ट डेट को एक्सटेंड किया है। अब कैंडिडेट्स 21 फरवरी 2025 तक अप्लाई कर सकते हैं। इसका नोटिफिकेशन 22 जनवरी को जारी किया गया था।