ऑनलाइन फूड डिलिवरी कंपनी जोमैटो साल 2021 तक आईपीओ लॉन्च कर सकती है। कंपनी के फाउंडर्स ने कर्मचारियों को ईमेल के जरिए यह जानकारी दी है। कंपनी में निवेश के लिए टाइगर ग्लोबल, टिमसेक, बैली गिफोर्ड और आन्ट फाइनेंशियल जैसे बड़े निवेशकों ने मौजूदा फंडिंग में हिस्सा लिया है। सीईओ दीपेंद्र गोयल का अनुमान है कि कंपनी के पास जल्द ही बैंक में जमा राशि बढ़कर 4.40 हजार करोड़ से अधिक हो जाएगी।
साल 2021 की पहली छमाही तक आईपीओ आने उम्मीद
जोमैटो में सबसे बड़ी हिस्सेदारी रखने वाली कंपनी इन्फो एज इंडिया है। गुरुवार को एक्सचेंज को दी जानकारी के मुताबिक अमेरिकी कंपनी टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट जोमैटो में 735 करोड़ का नया निवेश करेगी। इसके एवज में जोमैटो ने टाइगर ग्लोबल के लिए 25,313 जे4 प्रेफरेंस क्लास के शेयर अलॉट किए हैं। इसकी शेयर को 3,00,235 प्रति शेयर कीमत पर जारी किया गया है।
इसके बाद कंपनी के सीईओ दीपेंद्र गोयल ने गुरुवार को कर्मचारियों को ईमेल कर आईपीओ के लॉन्चिंग की बात कही है। साल 2021 की पहली छमाही में इसे लॉन्च किया जा सकता है। जोमैटो आईपीओ के जरिए मिलने वाली रकम का उपयोग मर्जर, अधिग्रहण और मार्केट में प्राइस कम्पीट करने पर खर्च करेगी। उन्होंने बताया कि बैंक में कंपनी के अभी लगभग 1.83 हजार करोड़ रुपए जमा है।
कंपनी में निवेश
यह डेवलपमेंट मैक्रिची इन्वेस्टमेंट्स द्वारा जोमैटो में 450 करोड़ रुपए के निवेश के करीब एक हफ्ते बाद आया है। मैक्रिची सिंगापुर की स्टेट इन्वेस्टमेंट ब्रांच टिमसेक होल्डिंग्स की एक यूनिट है। इसके अलावा चीन की आंन्ट फाइनेंशियल द्वारा जोमैटो में करीब 1.1 हजार करोड़ रुपए के निवेश की बात सामने आई है। कंपनी को आन्ट फाइनेंशियल से अब तक 360 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम मिली है। जोमैटो में आन्ट फायनेंशियल की हिस्सेदारी 23 फीसदी की है। इसके अलावा इन्फो एज की हिस्सेदारी 22.2 फीसदी और उबर इंडिया सिस्टम की हिस्सेदारी 9.99 फीसदी की है।
नए निवेश से मार्केट वैल्यूएशन में इजाफा
नए निवेश से कंपनी का वैल्यूएशन 23.88 हजार करोड़ से बढ़कर 24.25 हजार करोड़ हो गई है। वहीं मार्केट कॉम्पिटीटर स्विगी ने भी इस साल करीब 1.14 हजार करोड़ रुपए का फंड जुटाया है। इससे स्विगी का मार्केट वैल्यू बढ़कर 26.45 हजार करोड़ रुपए हो गया है। जो जोमैटो के मार्केट वैल्यूएशन से थोड़ा ज्यादा है।

पहला कंज्यूमर स्टार्टअप आईपीओ
सीईओ दीपेंद्र गोयल ने बताया कि फंडिंग राउंड खत्म होने के बाद कंपनी का बैंक बैलेंस करीब 4.40 हजार करोड़ रुपए तक हो जाएगी। उन्होंने ने बताया की कंपनी के पास पैसे खर्च करने का वर्तमान में कोई मजबूत प्लान नहीं है, लेकिन आने वाले दिनों में मार्केट में प्राइस कम्पीट करने के लिए खर्च बढ़ाया जा सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक अगर यह आईपीओ अगले साल तक आता है तो यह भारत में इंटरनेट बेस्ड पहला कंज्यूमर स्टार्टअप आईपीओ होगा।
वित्त वर्ष 2019-20 में जोमैटो का रेवेन्यू 2.89 हजार करोड़ रुपए का रहा। इस दौरान कंपनी को 2.15 हजार करोड़ रुपए का घाटा भी हुआ है, जो साल 2018-19 में 2.03 हजार करोड़ रुपए था। हालांकि जानकारों के मुताबिक इससे कंपनी के आईपीओ पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
अगस्त मे जारी रिपोर्ट के मुताबिक जोमैटो का मानना है कि कोरोना संकट के कारण प्रभावित ऑनलाइन फूड डिलीवरी कारोबार में सुधार के लिए 2-3 महीने का इंतजार करना पड़ सकता है।