सावन के अंतिम 15 में से 7 दिन बहुत ही शुभ, 20 जुलाई को अमावस्या, 25 को नाग पंचमी और 3 अगस्त को रक्षाबंधन पर बन रहे हैं दुर्लभ योग, 26 जुलाई को 3 शुभ योग एक साथ

सावन माह के अंतिम 15 दिनों में यानी 20 जुलाई से 3 अगस्त तक कई बड़े पर्व आ रहे हैं, इन त्योहारों पर ज्योतिष के दुर्लभ योग भी बनेंगे। साथ ही, इनमें 7 दिन कई शुभ मुहूर्त भी हैं। इन मुहूर्त में किसी भी शुभ काम की शुरुआत की जा सकती है। 20 जुलाई को हरियाली अमावस्या, 25 को नागपंचमी और 3 अगस्त को रक्षाबंधन मनाया जाएगा। इस बार 20 साल बाद सावन में सोमवती अमावस्या का शुभ योग बना है।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार इस बार सावन में सोमवती अमावस्या का योग 20 साल बाद बन रहा है। इससे पहले 31 जुलाई 2000 को सावन माह की सोमवती अमावस्या मनाई गई थी। इस साल सोमवार को सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा।

15 में से 7 दिनों में रहेंगे शुभ मुहूर्त

सर्वार्थसिद्धि योग- 20, 21, 26, 29, 30 जुलाई को, 2 और 3 अगस्त को भी ये शुभ योग बनेगा। इस योग में शुरू किए गए शुभ काम जल्दी ही सिद्ध यानी पूरे हो सकते हैं। इसीलिए इसे सर्वार्थसिद्धि योग कहा जाता है। 26 जुलाई को सर्वार्थिसिद्धि के साथ ही अमृतसिद्धि योग और द्विपुष्कर योग बनेगा। इसके बाद 29 जुलाई को फिर से अमृतसिद्धि योग बन रहा है। इन तीनों योगों में किसी भी शुभ काम की शुरुआत की जा सकती है।

हरियाली अमावस्या पर 5 ग्रह अपनी-अपनी राशि में रहेंगे

सोमवार को 9 में से 5 ग्रह अपनी-अपनी राशि में रहेंगे। बुध मिथुन में, गुरु धनु में, शुक्र वृषभ और शनि मकर राशि में रहेगा। इसी दिन शाम करीब 4 बजे चंद्र भी अपनी कर्क राशि में आ जाएगा। इस तरह हरियाली अमावस्या पर 5 ग्रह अपनी राशियों में रहेंगे।

अमावस्या पर पितरों का पूजन करें

रविवार को सावन कृष्ण चतुर्दशी तिथि है। इस तिथि के स्वामी स्वयं शिवजी ही हैं। इस दिन शिवजी का विशेष अभिषेक करें। इसके बाद सोमवार को अमावस्या है। इस तिथि के स्वामी पितर देवता माने गए हैं। सोमवार को शिव पूजन के साथ ही पितरों के लिए दान, तर्पण और धूप-ध्यान जरूर करें।

नाग पंचमी पर 4 ग्रह रहेंगे अपनी-अपनी राशि में

इस बार नाग पंचमी शनिवार, 25 जुलाई को है। इस दिन 4 ग्रह बुध, गुरु, शुक्र और शनि अपनी-अपनी राशि में ही रहेंगे। इस दिन शिवजी के प्रिय नाग देवता की पूजा की जाती है। ध्यान रखें सांप को दूध नहीं पिलाना चाहिए। ये जीव मांसाहारी है और दूध इसके लिए विष की तरह होता है।

ये उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर की दुर्लभ नागचंद्रेश्वर भगवान की प्रतिमा है। साल में सिर्फ एक दिन नाग पंचमी पर भक्त इस प्रतिमा के दर्शन कर पाते हैं।

इस तिथि पर किसी मंदिर में शिवलिंग के साथ ही नाग देवता की प्रतिमा या चित्र की पूजा करें। जीवित सांप की पूजा करने से बचना चाहिए। इस पंचमी पर नागदेव की पूजा करने से कुंडली के राहु और केतु से संबंधित दोष भी दूर हो सकते हैं। नाग पंचमी पर कालसर्प योग की पूजा भी करवा सकते हैं।

रक्षाबंधन पर सुबह 9.29 बजे तक रहेगी भद्रा

सोमवार, 3 अगस्त को मनाया रक्षाबंधन है। इस दिन राहु शुक्र के साथ मिथुन राशि में, केतु और गुरु धनु राशि में रहेंगे। शनि स्वयं की राशि मकर में चंद्र के रहेगा। शनि-चंद्र की युति से विषयोग बनता है। इस दिन सुबह 9.29 बजे तक भद्रा रहेगी। इसके बाद पूरे दिन रक्षाबंधन पर्व मनाया जा सकेगा।

सावन माह के अंतिम 15 दिनों की तीज-त्योहार

20 जुलाई को सोमवती अमावस्या के बाद 21 को मंगलागौरी व्रत रहेगा। इस दिन देवी पार्वती की पूजा की जाती है। 23 को हरियाली तीज रहेगी, इस दिन भी देवी पूजन किया जाता है। 24 को विनायकी चतुर्थी है। 27 को सावन सोमवार, 28 को मंगलागौरी व्रत, 30 को पुत्रदा एकादशी है। एकादशी पर भगवान विष्णु के लिए व्रत किया जाता है। 3 अगस्त को रक्षाबंधन के साथ ही सावन माह खत्म होगा। 4 अगस्त से भाद्रपद मास शुरू हो जाएगा।

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