20 जुलाई को सावन माह की अमावस्या है, इसे हरियाली अमावस्या कहा जाता है। इस बार सोमवार को ये शुभ तिथि होने से इसका महत्व और अधिक बढ़ गया है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार जानिए इस अमावस्या पर शिवजी के साथ ही देवी पार्वती, गणेशजी, कार्तिकेय स्वामी और नंदी का विशेष पूजन अवश्य करें। पूजा में ऊँ उमामहेश्वराय नम: मंत्र का जाप करें। माता को सुहाग का सामान चढ़ाएं। शिवलिंग पर पंचामृत अर्पित करें। पंचामृत दूध, दही, घी, शहद और मिश्री मिलाकर बनाना चाहिए।
अमावस्या पर पितर देवताओं की पूजा करें
अमावस्या तिथि पर घर के मृत सदस्यों के लिए तर्पण, श्राद्ध कर्म करने की परंपरा है। परिवार के मृत सदस्यों को ही पितर देवता कहा गया है। अमावस्या तिथि की दोपहर में पितरों के लिए धूप-ध्यान करना चाहिए। गाय के गोबर से बना कंडा जलाएं और उस पर पितरों का ध्यान करते हुए गुड़-घी अर्पित करें।
हरियाली अमावस्या पर किसी मंदिर में लगाएं पौधा
सावन माह की ये तिथि प्रकृति को समर्पित है। इस दिन प्रकृति को हरा बनाए रखने के लिए पौधा लगाना चाहिए। किसी मंदिर में या किसी सार्वजनिक स्थान पर छायादार या फलदार वृक्ष का पौधा लगाएं। साथ ही, इस पौधे का बड़े होने तक ध्यान रखने का संकल्प भी लें।
अमावस्या पर किया जाता है व्रत
जीवन साथी के सौभाग्य और अच्छे स्वास्थ्य के लिए महिलाएं व्रत करती हैं। हरियाली अमावस्या पर मां पार्वती की पूजा करने से कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर मिल सकता है। विवाहित महिलाएं भी इस तिथि पर व्रत करती हैं और देवी मां की पूजा करती है। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन सुखी बना रहता है।