सोमवार, 6 जुलाई से सोमवार 3 अगस्त तक सावन माह रहेगा। इस माह शिवजी की विशेष पूजा करें। ये शिव का प्रिय माह है। इसमें शिव का पूजन और दर्शन करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। शिवजी शीघ्रता से प्रसन्न होने वाले देवता माने गए हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार शिवलिंग पर जल, बिल्व पत्र, आंकड़े के फूल, धतूरा जरूर चढ़ाना चाहिए।
सावन में राशि अनुसार शिवजी पूजा करने से कुंडली के ग्रह दोष शांत हो सकते हैं। जानिए सभी 12 राशि के लोग शिवजी की पूजा कैसे कर सकते हैं…
मेष- मेष राशि का स्वामी मंगल जो लिंग रूप में ही अपने उत्पत्ति स्थान उज्जैन में स्थित है। मेष राशि वालों को दही से अभिषेक करना चाहिए, लाल गुलाल और लाल फूल से शिव का पूजन करना चाहिए।
वृषभ– इसका स्वामी शुक्र है। इन लोगों को कच्चे दूध से अभिषेक करना चाहिए। शिवजी के वाहन नंदी है, किसी किसी गौशाला में घास और रोटी का दान करें।
मिथुन– बुध राशि के स्वामित्व वाली इस राशि के लोग शिव-पार्वती को लाल कनेर के पुष्प, शहद चढ़ाएं। पिस्ता से भोग लगाना चाहिए। बिल्व पत्र अर्पित करें।
कर्क– इस राशि का स्वामी चंद्र है। चंद्र शिवजी के मस्तक पर शोभित है। ये लोग कच्चे दूध, सफेद आंकडे और दही से शिव पूजा करें। मिठाई का भोग शिवजी को लगाएं।
सिंह– इस राशि का स्वामी सूर्य गर्म स्वभाव का होता है। इस ग्रह को शांत करने के लिए शीतल जल से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए।
कन्या- ये भी बुध के स्वामित्व वाली राशि है। कन्या राशि के लोग शिवलिंग पर मूंग की दाल से बनी मिठाई का भोग लगाएं। बिल्व पत्र, एक फल चढ़ाएं। मंत्रों का जाप करें।
तुला- अष्टमी और एकादशी तिथि पर शिवलिंग पर सफेद वस्त्र अर्पण करें। पार्वतीजी को श्रृंगार सामग्री अर्पण करें। जीवन साथी के पूजा करें।
वृश्चिक– इस राशि के लोग पूरे माह गरीबों की सेवा करें। शिवलिंग के पास दीपक जलाएं और सुगंधित धूप जलाएं।
धनु- गुरु के स्वामित्व वाली राशि है। सावन माह के प्रत्येक गुरुवार को बेसन से बने मिष्ठान्न शिवजी को चढ़ाएं। पीला वस्त्र अपनी माता को भेंट करें।
मकर– ये शनि के स्वामित्व वाली राशि है। शिवलिंग पर नीले फूल चढ़ाएं। धतूरा शिवजी को चढ़ाएं।
कुंभ– यह भी शनि स्वामित्व की राशि है। किसी जरूरतमंद विद्यार्थी की मदद करें करें। शिक्षा से जुड़ी चीजें दान करें।
मीन– गुरु के स्वामित्व वाली राशि के लोग द्वादश ज्योर्तिलिंग के नाम का जाप करें। अन्यथा लाभ नहीं मिल पाएगा।