अगर स्वास्थ्य अच्छा नहीं है तो बाकी सब सुख अधूरे ही हैं। ये बात हम सभी जानते हैं, लेकिन हम इसे गंभीरता से नहीं लेते। एक पुरानी लोककथा से हम अच्छी सेहत का रहस्य समझ सकते हैं। लोककथा के मुताबिक, पुराने समय में एक राजा के पास सब कुछ था, सुख-सुविधा, शक्ति, विशाल सेना और धन-संपत्ति, लेकिन राजा का स्वास्थ्य अच्छा नहीं रहता था। लंबे समय तक आरामदायक जीवन जीने की वजह से वह बीमार पड़ गया। वैद्य आए, जड़ी-बूटियां दी गईं, मंत्र-तंत्र तक आजमाए गए, लेकिन बीमारी ठीक नहीं हुई। थक-हार कर राजा ने पूरे राज्य में घोषणा करवा दी कि जो व्यक्ति मेरी बीमारी ठीक करेगा, उसे इनाम दिया जाएगा। राजा की घोषणा सुनकर एक बूढ़ा व्यक्ति राजा के दरबार में आया और कहा कि राजन्, अगर आप किसी स्वस्थ व्यक्ति के कपड़े पहनेंगे, तो आप ठीक हो जाएंगे। सभी दरबारी हंस पड़े, लेकिन राजा ने, शायद पहली बार, उस सलाह पर गंभीरता से विचार किया। जब पूरे राज्य में खोजबीन के बाद एक गरीब किसान मिला, जो दिनभर खेतों में मेहनत करता था, पसीने से लथपथ रहता था। राजा ने उसे बूढ़े व्यक्ति की बात उस गरीब किसान को बताई तो उस किसान ने तुरंत अपना फटा और गंदा कुर्ता उतारकर राजा को दे दिया। कुर्ते में से किसान के पसीने की बदबू आ रही थी। राजा ने थोड़ा विचार किया तो उसे समझ आ गया कि उस बूढ़े व्यक्ति ने ये उपाय क्यों बताया। दरअसल, राजा कोई भी शारीरिक मेहनत नहीं करता था। बूढ़े व्यक्ति के उपाय का संकेत यही था कि राजा को शारीरिक मेहनत करनी चाहिए, राजा को भी पसीना बहाना चाहिए। सुख-सुविधाओं से शरीर स्वस्थ नहीं रहता है, शरीर के लिए मेहनत भी जरूरी है। ये बात समझ में आते ही राजा ने उस बूढ़े को बुलवाया और सम्मानित किया। इसके बाद से राजा भी रोज शारीरिक मेहनत करने लगा और कुछ ही दिनों में वह पूर्ण स्वस्थ हो गया। कथा की सीख आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम भी उसी राजा की तरह सुविधाओं में उलझते जा रहे हैं। हमें किसान के जैसी जीवनशैली का कोई हिस्सा अपने जीवन में उतारना चाहिए, रोज कुछ देर पसीना बहाना चाहिए, तभी हमें अच्छा स्वास्थ्य मिल सकता है। लाइफ मैनेजमेंट टिप्स: रोजाना कुछ देर करें शारीरिक श्रम: चाहे वॉक हो, योग, डांस, साइक्लिंग या जिम, जो भी आपको पसंद हो, शरीर को हर दिन सक्रिय रखें। प्राकृतिक दिनचर्या अपनाएं: सूर्योदय के साथ उठना, ताजा खाना खाना और पर्याप्त नींद लेना अच्छे स्वास्थ्य का आधार है। आराम और सुविधा के बीच संतुलन: जीवन में सुख-सुविधाएं जरूरी हैं, लेकिन उन्हें हमारी आदत बनने न दें। प्रेरणा के लिए प्रकृति से जुड़ें: खेतों में काम करने वाले किसान हों या पहाड़ चढ़ते साधु-संत, शारीरिक मेहनत का आनंद ऐसे लोग ही जानते हैं। ऐसे लोगों से जुड़ें जो शारीरिक श्रम करने के लिए हमें प्रेरित करते हैं। कहानी चाहे राजा की हो या आम इंसान की, सबका एक ही सत्य है-“सुख सुविधाओं में नहीं, अच्छे स्वास्थ्य में है।”