सुदर्शन क्रिया से छात्रों में तनाव और अवसाद घटा, सकारात्मक सोच में इजाफा हुआ; मानसिक स्वास्थ्य सुधरा

सुदर्शन क्रिया तनाव बेचैनी को घटने के साथ मन में सकारात्मक विचारों का प्रवाह बढ़ाती है। येल यूनिवर्सिटी की रिसर्च में यह बात सामने आई है। रिसर्च के मुताबिक, श्वसन तकनीक यानी सुदर्शन क्रिया से छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हुआ। फ्रंटियर्स इन सायकियाट्री जर्नल के मुताबिक, छात्रों को स्वास्थ्य के 6 क्षेत्रों अवसाद, तनाव, मानसिक स्वास्थ्य, सचेतन अवस्था, सकारात्मक प्रभाव और सामाजिक जुड़ाव में सुधार देखा गया।

क्या है सुदर्शन क्रिया
सुदर्शन क्रिया एक लयबद्ध श्वसन तकनीक है, जो आर्ट ऑफ लिविंग के कार्यक्रमों में सिखाई जाती है। जो जीवकोषीय स्तर पर तनाव और भावनात्मक विष को दूर करती है। शोध यह दर्शाता है कि यह तकनीक नींद के चक्र को सुधारने, हैप्पी और फील गुड हार्मोन्स जैसे – ऑक्सीटोसिन के स्राव को सुधारने, तनाव उत्पन्न करने वाले हार्मोन्स,जैसे – कॉर्टिसोल के स्राव को कम करने का काम करती है। यह सजगता को बढ़ाने और चिकित्सीय अवसाद लक्षणों को कम करने में मदद करती है।

8 हफ्तों में 135 स्टूडेंट्स पर हुई स्टडी
फ्रंटियर्स इन सायकियाट्री जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, कठिन परिस्थिति से उबरने के लिए ऐसे कार्यक्रम मददगार साबित हुए हैं। इन प्रोग्राम्स का परीक्षण 8 हफ्तों तक 135 अंडरग्रेजुएट विद्यार्थियों पर किया गया और परिणामों की तुलना उन नियंत्रित अंडरग्रेजुएट विद्यार्थियों के समूह से की गई, जिन्होंने ऐसे प्रोग्राम्स में हिस्सा नहीं लिया था।

तीन वेलनेस प्रोग्राम के आधार पर मूल्यांकन किया

शोधकर्ताओं के मुताबिक, नियंत्रित समूह की तुलना में एसकेवाई (सुदर्शन क्रिया योग) कैंपस हैप्पीनेस ने काफी सुधार दिखा। रिसर्च में शामिल स्टूडेंट्स को अवसाद, तनाव, सचेतन, अवस्था, सकारात्मक प्रभाव और सामाजिक जुड़ाव जैसी छह स्थितियों में मदद मिली।
येल चाइल्ड स्टडी सेंटर और येल सेंटर फॉर इमोशनल इंटेलिजेंस की शोध टीम ने क्लासरूम में हुए तीन वेलनेस ट्रेनिंग प्रोग्राम के आधार पर मूल्यांकन किया। इन सभी प्रोग्राम्स में श्वसन और भावनात्मक बुद्धिमत्ता की रणनीति शामिल थीं।

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Sudarshan Kriya reduced stress and depression in students, increased positive thinking; Improved mental health