एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने संदिग्ध हालात में 14 जून को सुसाइड किया था। इसे लेकर महाराष्ट्र पुलिस और बिहार पुलिस अलग-अलग जांच कर रहीं थीं। हालांकि, अब बिहार सरकार की सिफारिश पर मामला सीबीआई को ट्रांसफर हो चुका है। लेकिन, मुंबई पुलिस अब भी सहयोग करती नजर नहीं आ रही। मामला सुप्रीम कोर्ट में है। अगले हफ्ते तकनीकी समस्या का हल निकलने की उम्मीद है कि अब जांच कौन करेगा? हमने सीबीआई से सीनियर एसपी पद से रिटायर हुए मुकेश साहनी से बात की। साहनी से हमने यह जानने का प्रयास किया कि सीबीआई इस मामले में किस तरह जांच आगे बढ़ाएगी।
सीबीआई ने केस दर्ज कर लिया, अब आगे क्या?
- सीबीआई ने 6 अगस्त को एफआईआर दर्ज की। इसमें रिया और उसके परिजनों को आरोपी बनाया है। उन पर आपराधिक साजिश रचने, आत्महत्या के लिए उकसाने और आपराधिक विश्वासघात के आरोप हैं।
- सीबीआई ने एफआईआर को री-रजिस्टर किया है। उसकी जांच का दायरा बिहार पुलिस में दर्ज एफआईआर होगी। मुंबई पुलिस 45 दिन बाद भी इस मामले को एक्सीडेंटल डेथ मानकर चल रही है। उसने तो अब तक कोई एफआईआर दर्ज ही नहीं की।
- सीबीआई के एडिशनल एसपी अनिल कुमार यादव को जांच अधिकारी बनाया गया है। फिलहाल, वे बिहार पुलिस की अब तक की जांच के आधार पर दस्तावेज जुटाएंगे। इसमें कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर), बैंक अकाउंट डिटेल्स आदि शामिल है।
- बिहार पुलिस अब तक सुशांत के परिजनों के ही बयान ले सकी है। रिया समेत अन्य के बयान दर्ज नहीं हुए हैं। यह काम अब सीबीआई करेगी। केस सुप्रीम कोर्ट में है, लिहाजा वहां से हरी झंडी मिलने के बाद मुंबई पुलिस से बाकी सबूत जुटाए जाएंगे।
- मुंबई पुलिस ने इस मामले को एक्सीडेंटल डेथ माना है। इस वजह से सीबीआई को उससे सीसीटीवी फुटेज, अब तक की गई पूछताछ के डिटेल्स, पोस्ट-मार्टम रिपोर्ट, एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री) रिपोर्ट्स जैसे सबूत लेने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।
- डॉक्युमेंट्स जुटाने के बाद जांच अधिकारी को एक्शन प्लान बनाना होगा। उस पर सीबीआई के आला अफसर फैसला लेंगे कि जांच की दिशा-दशा क्या होगी। इसके बाद यादव अपना काम शुरू कर देंगे। इसमें सबसे महत्वपूर्ण होगा- घटना का रीक्रिएशन।
- वैसे, हर केस में 15 दिन, 30 दिन में जांच अधिकारी को प्रोग्रेस रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को देनी होती है। लेकिन, इस मामले की गंभीरता को देखकर लगता है कि हर कदम की उच्च अधिकारी समीक्षा करेंगे।
आत्महत्या के लिए उकसाया, यह साबित करने के लिए क्या जरूरी होगा?
- सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसलों में स्पष्ट कहा है कि आत्महत्या के लिए उकसाने का दोष तभी सिद्ध होता है जब किसी न किसी तरीके से आरोपी की मंशा साबित होती हो। इस वजह से जांच को आगे बढ़ाने में यह एक आवश्यक शर्त होगी।
- एफआईआर में आरोप लगाए गए हैं कि रिया और उसके रिश्तेदारों ने सुशांत को आत्महत्या के लिए उकसाया। जांच के जरिए सीबीआई को यह साबित करना होगा कि रिया का मोटिव (मंशा) यह था कि सुशांत सुसाइड कर लें।
- फिजिकल एविडेंस के साथ-साथ सर्कमस्टेंशियल एविडेंस (परिस्थिति-आधारित साक्ष्य) जरूरी होंगे। इसके लिए रिया के रिश्तेदारों, सुशांत के दोस्तों, मिलने-जुलने वालों और उन सभी से पूछताछ होगी, जो दोनों के संबंधों के बारे में खुलकर बोल सकें।
व्यापमं घोटाले की जांच करने वाले अधिकारी को मिली सुशांत मामले की जांच
- सीबीआई के एडिशनल एसपी अनिल कुमार यादव को सुशांत के सुसाइड केस की जांच सौंपी गई है। उन्हें जांच ब्यूरो के सबसे तेजतर्रार अफसरों में से एक माना जाता है।
- कॉमनवेल्थ घोटाले की जांच के लिए पुलिस मेडल जीतने वाले अनिल कुमार यादव ने चर्चित शोपियां केस के साथ-साथ विजय माल्या केस में भी जांच की है।
- इसके अलावा यादव ने मध्यप्रदेश के व्यापमं घोटाले की जांच भी की है। इसमें मेडिकल स्टूडेंट नम्रता डामोर सुसाइड केस की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की जांच शामिल है।
आइए, जानते हैं अब तक क्या-क्या हुआ इस मामले में
- सुशांत सिंह राजपूत ने 14 जून को अपने मुंबई स्थित फ्लैट पर फांसी लगा ली थी। इसकी जांच मुंबई पुलिस कर रही थी। इस बीच, सुशांत के पिता केके सिंह ने 25 जुलाई को बिहार के पटना में एक एफआईआर फाइल की।
- बिहार पुलिस की एफआईआर में रिया और उसके रिश्तेदारों पर सुशांत को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप हैं। साथ ही सुशांत के खाते से 15 करोड़ रुपए गलत तरीके से निकालने के आरोप भी लगाए हैं। इसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है।
- जब बिहार पुलिस ने जांच शुरू की तो रिया ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई। कहा कि पटना में दर्ज केस की जांच मुंबई ट्रांसफर की जाए। इस बीच, बिहार सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी और केंद्र ने इसे मंजूरी भी दे दी।
- बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में आरोप लगाए कि मुंबई पुलिस जांच में सहयोग नहीं कर रही है। न तो फॉरेंसिक रिपोर्ट्स मुहैया करा रही है और न ही सीसीटीवी फुटेज। इसे सीबीआई को जांच सौंपने का आधार भी बताया।