सेना का दावा- भारत ने 3 एयरबेस पर मिसाइल दागीं:रावलपिंडी, मुरीद और शोरकोट एयरबेस को निशाना बनाया, अब हमारे जवाब का इंतजार करे

पाकिस्तानी सेना ने शनिवार अलसुबह दावा किया कि भारत ने पाकिस्तान एयरफोर्स के नूर खान, मुरीद और शोरकोट एयरबेस को निशाना बनाया है। हालांकि सेना का दावा है कि इन हमलों में पाकिस्तान एयरफोर्स को कोई नुकसान नहीं हुआ है। सेना के प्रवक्ता जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने बताया कि भारत ने अपनी आक्रामक कार्रवाई जारी रखते हुए कुछ समय पहले अपने फाइटर जेट्स से एयर-टू-सर्फेस मिसाइलें दागीं। इन मिसाइलों का निशाना PAF नूर खान बेस, मुरीद बेस और शोरकोट बेस था। उन्होंने आगे कहा कि हम सिर्फ इतना कहना चाहते हैं कि हम भारत की ताकत, चालबाजी या हमलों से डरने वाली कौम नहीं हैं। अब वो हमारे जवाब का इंतजार करे। इससे पहले चौधरी ने कहा था कि भारत ने पंजाब के जालंधर के आदमपुर से 6 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं। इनमें से एक मिसाइल आदमपुर के ही आसपास और बाकी पांच मिसाइलें अमृतसर के आस-पास के इलाकों में गिरी हैं। भारत अब अपने ही लोगों को निशाना बना रहा है, खासतौर पर पंजाब में रहने वाले सिखों और अल्पसंख्यकों को। इधर, जंग के हालात के बीच इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) ने पाकिस्तान को 2.3 अरब डॉलर (20 हजार करोड़ रुपए) के दो पैकेजों को मंजूरी दे दी है। इस लोन में से 1 अरब डॉलर (8500 करोड़ रुपए) एक्सटेंड फंड फैसेलिटी (EFA) के तहत तत्काल दिए जाएंगे, जबकि 1.3 अरब डॉलर (11 हजार करोड़ रुपए) का लोन अगले 28 महीने तक किस्तों में दिया जाएगा। IMF में कोटे के आधार पर होती है वोटिंग IMF में 191 देश सदस्य हैं। हर देश के पास एक वोट होता है, लेकिन वोट सिर्फ इससे तय नहीं होता है। IMF में कोटे के आधार पर वोटिंग अधिकार तय होता है। यानी जिसका जितना ज्यादा कोटा होगा, IMF के फैसलों में उसकी उतनी ज्यादा सुनी जाएगी। किस देश का कोटा कितना होगा ये उस देश की आर्थिक ताकत (जैसे GDP), विदेशी मुद्रा भंडार, व्यापार और आर्थिक स्थिरता पर निर्भर करता है। जैसे अमेरिका का कोटा सबसे ज्यादा 16.5% है, इसलिए उसका वोट सबसे ज्यादा मायने रखता है। भारत की वोटिंग पावर 2.75% के करीब है। जबकि पाकिस्तान की वोटिंग पावर 0.43% के करीब है। वोटिंग राइट्स दो आधार पर मिलते हैं बेसिक वोट्स: हर देश को 250 बेसिक वोट्स मिलते हैं, जो सभी देशों के लिए समान हैं। कोटा-आधारित वोट्स: कोटा के आधार पर एक्स्ट्रा वोट्स मिलते हैं। इसके लिए IMF की स्पेशल करेंसी SDR खरीदनी पड़ती है। 1 लाख SDR पर 1 वोट मिलता है। बेसिक वोट्स और कोटा-आधारित वोट्स को मिलाकर ही कुल वोट्स मिलते हैं। क्या है SDR? SDR का पूरा नाम है Special Drawing Rights (विशेष आहरण अधिकार)। ये IMF का बनाया एक अंतरराष्ट्रीय रिजर्व एसेट है। इसे ‘IMF की अंतरराष्ट्रीय नकदी’ या ‘ग्लोबल करेंसी यूनिट’ कहा जा सकता है। इसे वित्तीय लेन-देन के लिए इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि ये असली करेंसी नहीं है। SDR की कीमत 5 बड़ी अंतरराष्ट्रीय करेंसी पर आधारित होती है: IMF सभी सदस्य देशों को उनके कोटे (Quota) के हिसाब से SDR अलॉट करता है। बिना अमेरिकी वोट के कोई फैसला नहीं लिया जाता अमेरिका के पास सबसे ज्यादा 16.5% वोटिंग राइट्स हैं। कोई फैसला लेने के लिए 85% तक वोट की जरूरत होती है। ऐसे में अगर अमेरिका वोट न करे तो बहुमत न मिलने की स्थिति में कोई फैसला पारित नहीं किया जा सकता है। IMF में भारत ने आज वोटिंग नहीं की भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 8 मई को कहा था कि वे पिछले तीन दशकों में IMF ने पाकिस्तान को कई बड़ी सहायता दी है। उससे चलाए गए कोई भी कार्यक्रम सफल नतीजे तक नहीं पहुंच पाए हैं। आज वोटिंग से पहले भारत ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई। भारत ने कहा कि अगर ऐसे देश को बार-बार मदद दी जाती है जो सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देता है, तो इससे दुनिया को गलत संदेश जाता है। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान को IMF का फंड मिलने के मामले पर विरोध में वोटिंग नहीं की। बाकी देशों के वोट की मदद से पाकिस्तान को ये फंड अप्रूव हो गया। पाकिस्तान से जुड़े आज के बड़े अपडेट्स… पाकिस्तान में भारत की स्ट्राइक के बाद जारी घटनाक्रम को विस्तार से पढ़ने के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए…