पूंजी बाजार नियामक सेबी ने ब्रोकिंग फर्म इंडिया इंफोलाइन (आईआईएफएल) के डीलर संतोष सिंह और उनके पांच अन्य सहयोगियों पर शेयर बाजार में कारोबार करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध फ्रंट रनिंग कारोबार के मामले में लगाया गया है। फ्रंट रनिंग का मतलब अवैध तरीके से शेयरों में खरीदी-बिक्री करने से है।
आईआईएफएल का डीलर चला रहा था फ्रंट रनिंग
सेबी ने शनिवार को 73 पेज के जारी ऑर्डर में यह जानकारी दी। सेबी ने कहा कि आईआईएफएल ग्रुप की म्यूचुअल फंड स्कीम, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेस (पीएमएस) और अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स (एआईएफ) में आईआईएफएल के डीलर संतोष सिंह के जरिए ऑर्डर दिया गया था। सेबी ने दिसंबर 2019 से अगस्त 2020 के दौरान इसकी जांच की। इसी में सेबी ने पाया कि यह पूरी तरह से फ्रंट रनिंग का मामला है।
दो लोग थे मास्टरमाइंड
सेबी के मुताबिक संतोष सिंह और एक पूर्व सब ब्रोकर आदिल सुथार इस पूरे मामले के मास्टरमाइंड थे। ये लोग विरेंद्र प्रताप सिंह, नेहा विरेंद्र सिंह, गुलाम मोहम्मद शेख और मोहम्मद इदरिश शेख के जरिए ट्रेड करते थे। इसी तरह से ये लोग ट्रेड करके बाजार से लाभ कमाते थे। सिंह और सुथार ने इस ट्रेड के जरिए 58 लाख रुपए का फायदा कमाया। सेबी ने कहा कि ये लोग नियमित आधार पर फ्रंट रनिंग करते थे। ये लोग दूसरों के बैंक एटीएम से कैश निकालते थे। इसके जो मास्टरमाइंड थे वे लोग ट्रेडिंग खातों, डिमैट खातों और बैंक खातों को चलाते और नियंत्रण करते थे।
दूसरे के खातों से करते थे काम
सेबी ने कहा कि इस तरह के खातों से मास्टरमाइंड को न केवल मदद मिलती थी, बल्कि फ्रंटरनिंग ट्रेड और उनके बीच में और कई सारे काम होते थे। इससे ऑडिट ट्रेल को कवर करने में भी मदद मिलती थी। इस तरह के चार खाता धारकों की सालाना आय एक से पांच लाख रुपए थी। लेकिन सेबी ने पाया कि दिसंबर 2019 से अगस्त 2020 के दौरान इन खातों के ट्रेड की ग्रॉस वैल्यू 22-40 करोड़ रुपए हो गई। सेबी ने सुथार और सिंह को कहा कि एक अलग से खाता खोलें और उसमें 58.10 लाख रुपए फ्रंट रनिंग ट्रेड की रकम को जमा कराएं।