सेहतनामा- एक नाशपाती से मिलता डेली जरूरत का 21% फाइबर:न्यूट्रिशनिस्ट से जानें 6 बड़े फायदे, कितना खाएं, किसे नहीं खाना चाहिए

गर्मियों का मौसम आते ही नाशपाती का स्वाद हर किसी को लुभाने लगता है। यह फल न सिर्फ अपनी मिठास से मन को प्रसन्न करता है, बल्कि हमारी हेल्थ का भी ख्याल रखता है। नाशपाती में ढेर सारे ऐसे न्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो शरीर की जरूरतों को पूरा करते हैं। इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट्स शरीर को बीमारियों से बचाने और स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में वर्ष 2022 में प्रकाशित एक स्टडी मुताबिक, नाशपाती खाने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम होता है। साथ ही यह फल स्ट्रोक के खतरे को भी कम कर सकता है। ऐसे में आज हम सेहतनामा में जानेंगे कि- नाशपाती के फायदे क्या हैं? नाशपाती को सैकड़ों सालों से दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। यह फल कई सारी हेल्थ प्रॉब्लम्स जैसे सूजन और कब्ज ठीक करने में मदद करता है। साथ ही इसे हैंगओवर का असर कम करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा नाशपाती के अन्य हेल्थ बेनिफिट्स भी हैं। आइए इसे ग्राफिक के जरिए समझते हैं। आइए ग्राफिक्स को विस्तार से समझते हैं। गट हेल्थ बेहतर होती है नाशपाती घुलनशील और अघुलनशील फाइबर का अच्छा स्त्रोत है। फाइबर डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए बेहद जरूरी है। नाशपाती में पाया जाने वाला पेक्टिन नामक फाइबर कब्ज की समस्या दूर करने में मददगार है। US डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर के मुताबिक, एक नाशपाती खाने से रोजाना की जरूरत का 21% फाइबर मिलता है। इसका मतलब है कि अगर आप पांच नाशपाती खाते हैं, तो आपको पूरे दिन के लिए जरूरी फाइबर मिल जाएगा। साल 2014 में कब्ज से परेशान 80 लोगों पर एक रिसर्च की गई। इन लोगों को चार सप्ताह तक हर रोज, नाशपाती में पाया जाने वाला फाइबर पेक्टिन, खाने को दिया गया। पेक्टिन खाने से लोगों को कब्ज से राहत मिली और उनके पेट में गुड बैक्टीरिया की संख्या भी बढ़ गई। यह स्टडी नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश हुई है। इंफ्लेमेशन कम करने में मददगार नाशपाती नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में 2019 में पब्लिश्ड एक स्टडी के मुताबिक, लंबे समय तक इंफ्लेमेशन का रहना टाइप 2 डायबिटीज और दिल की बीमारियों से जुड़ा हो सकता है। हालांकि, नाशपाती में ऐसे गुण होते हैं, जो सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की एक अन्य स्टडी में यह भी पाया गया कि नाशपाती में फ्लेवोनोइड्स नामक एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो सूजन को कम करने में मददगार होते हैं। साथ ही, इसमें विटामिन C और कॉपर भी पाया जाता है, जो सूजन को कम करने और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करता है। कम होता है डायबिटीज का खतरा नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में 2012 में एक स्टडी छपी थी। इस स्टडी में 2 लाख लोगों को सप्ताह में पांच बार एंथोसायनिन से भरपूर लाल नाशपाती खाने को दिया गया। एंथोसायनिन एक एंटीऑक्सिडेंट है, जो लाल फलों और सब्जियों में पाया जाता है। इस स्टडी में पाया गया जो लोग नियमित रूप से लाल नाशपाती खाते थे, उनमें टाइप 2 डायबिटीज का खतरा 23% तक कम हो गया। नाशपाती वजन घटाने में मददगार नाशपाती में कैलोरी की मात्रा कम होती है, लेकिन पानी और फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है। तीनों का यह कॉम्बिनेशन वजन घटाने में मददगार है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन ने 2008 में एक स्टडी प्रकाशित की। इस स्टडी में कुछ महिलाओं को दस सप्ताह तक, खाने के साथ हर रोज तीन नाशपाती खाने को दिया गया। वहीं, कुछ महिलाओं को सिर्फ उनका सामान्य खाना दिया गया। इस दस सप्ताह में, नाशपाती खाने वाली महिलाओं को एक किलो वजन घटाने में मदद मिली। फ्लेवोनोइड्स से दिल की सेहत में सुधार नाशपाती दिल की सेहत के लिए भी फायदेमंद है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन 2019 के मुताबिक, नाशपाती में मौजूद प्रोसायनिडिन एंटीऑक्सिडेंट दिल के टिश्यू की जकड़न को कम कर सकते हैं। नाशपाती में मिलने वाले फ्लेवोनोइड्स से LDL यानी बैड कोलेस्ट्रॉल कम हो सकता है और HDL यानी गुड कोलेस्ट्राल बढ़ सकता है। फ्लेवोनोइड्स पौधों में पाए जाने वाले नेचुरल केमिकल हैं, जो एंटीऑक्सिडेंट गुणों से भरपूर होते हैं। कैंसर का जोखिम कम होता है नाशपाती में कई सारे कैंसररोधी तत्व पाए जाते हैं। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन 2021, में छपी एक स्टडी के मुताबिक, नाशपाती में मिलने वाले एंथोसायनिन और क्लोरोजेनिक एसिड में कैंसर रोधी गुण पाए गए। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की एक अन्य स्टडी के मुताबिक, नाशपाती लंग कैंसर और पेट के कैंसर के खतरे को कम कर सकता है। नाशपाती का न्यूट्रिशनल वैल्यू नाशपाती में कई सारे न्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद फायदेमंद होते हैं। इसमें विटामिन C, फाइबर, पोटैशियम और एंटीऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं। आइए इसे ग्राफिक के जरिए समझते हैं। नाशपाती से जुड़े कुछ कॉमन सवाल–जवाब सवाल- नाशपाती किसे नहीं खाना चाहिए?
जवाब- कुछ लोगों को नाशपाती से एलर्जी हो सकती है, उन्हें इसे खाने से बचना चाहिए। अगर आपको पाचन संबंधी कोई समस्या है, जैसे कि गैस, सूजन या दस्त, तो नाशपाती खाने से पहले डॉक्टर की सलाह लें। नाशपाती में फाइबर की मात्रा अधिक होती है। यह कुछ लोगों में पाचन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है। सवाल – क्या नाशपाती खाने के कुछ नुकसान भी हैं?
जवाब- नहीं, नाशपाती एक नेचुरल फूड है और इसे खाने का कोई नुकसान नहीं है। हालांकि, नाशपाती की तासीर ठंडी होती है। ऐसे में अधिक खाने से सर्दी-खांसी हो सकती है। सवाल- क्या डायबिटीज के मरीजों को नाशपाती खानी चाहिए?
जवाब- नाशपाती में नेचुरल फ्रुक्टोज और ग्लूकोज होता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। हालांकि, नाशपाती में फाइबर भी होता है, जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है। ऐसे में डायबिटीज के मरीजों को डॉक्टर की सलाह के बाद ही नाशपाती खाना चाहिए। सवाल- नाशपाती कब खाना चाहिए, सुबह या शाम?
जवाब- नाशपाती आप सुबह या शाम किसी भी समय खा सकते हैं। हालांकि, सुबह नाशपाती खाना ज्यादा फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि इससे शरीर को दिन भर के लिए एनर्जी मिलती है। सवाल- क्या नाशपाती का जूस पीना फायदेमंद है?
जवाब- नाशपाती का जूस भी सेहत के लिए फायदेमंद है। इसमें विटामिन और एंटीऑक्सिडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। हालांकि, जूस में फाइबर की मात्रा कम होने से ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ सकता है।
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