हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में किडनी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ये ब्लड से अपशिष्ट पदार्थ को फिल्टर करती है और उसे पेशाब के रास्ते से बाहर निकालती है। किडनी 24 घंटे बिना रुके लगातार काम करती है। किडनी में किसी तरह की प्रॉब्लम होने पर ब्लड में टॉक्सिन्स जमा होने लगते हैं। इससे किडनी फेल्योर और कार्डियोवस्कुलर डिजीज जैसी कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजी के मुताबिक, दुनिया में करीब 85 करोड़ लोग किडनी डिजीज से जूझ रहे हैं। वहीं नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, भारत में 80 लाख से अधिक लोग क्रॉनिक किडनी डिजीज से पीड़ित हैं। देश में हर साल करीब 2.2 लाख नए मरीजों को डायलिसिस की जरूरत पड़ती है। किडनी डिजीज का सबसे बड़ा कारण खराब लाइफस्टाइल है। हालांकि जब किडनी ठीक ढंग से काम नहीं कर पाती है तो हमारा शरीर कुछ खास संकेत देता है। इन संकेतों को नजरअंदाज करना जोखिम भरा हो सकता है। इसलिए आज सेहतनामा में बात किडनी से जुड़ी समस्याओं की। साथ ही जानेंगे कि- शरीर से ब्लड को फिल्टर करती है किडनी किडनी शरीर में ब्लड से टॉक्सिन्स, एक्स्ट्रा पानी व शुगर को बाहर निकालने का काम करती है। ये शरीर में पानी, सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम और अन्य मिनरल्स का संतुलन बनाए रखती है। इससे शरीर के सभी अंग अच्छे से काम करते हैं। किडनी ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में भी मदद करती है। इसके अलावा किडनी विटामिन D को उसके सक्रिय रूप (कैल्सिट्रिओल) में बदलने का काम करती है, जो कि हड्डियों को मजबूत बनाते हैं। किडनी में प्रॉब्लम होने पर शरीर देता है ऐसे संकेत किडनी में समस्या होने पर हमारा शरीर कुछ संकेत देता है, जिन पर ध्यान देना जरूरी है। ये संकेत किडनी के फंक्शन में कमी होने के कारण हो सकते हैं। जब किडनी शरीर के अपशिष्ट पदार्थ और एक्स्ट्रा फ्लुइड्स को ठीक से बाहर नहीं निकाल पाती तो पैरों, टखनों या चेहरे के आसपास सूजन हो सकती है। इसके अलावा शरीर में ब्लड की कमी हो सकती है। इससे थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है। किडनी के ठीक ढंग से काम न करने पर शरीर और भी कई संकेत देता है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- किडनी डिजीज का सीधा संबंध खराब लाइफस्टाइल से हमारी लाइफस्टाइल का सेहत पर सीधा असर पड़ता है। अनहेल्दी डाइट, नींद की कमी, स्मोकिंग व ड्रिंकिंग जैसी गलत आदतें किडनी की सेहत को नुकसान पहुंचा सकती हैं। खराब खानपान जैसे अधिक ऑयली, शुगरी और प्रोसेस्ड फूड किडनी पर प्रेशर डालते हैं। वहीं एक्सरसाइज की कमी से शरीर में फैट जमा होने लगता है, जो मोटापे और हाई ब्लड प्रेशर का कारण बनता है। इससे किडनी पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। नींद की कमी से शरीर में सूजन, तनाव और हॉर्मोनल असंतुलन हो सकता है, जो किडनी के काम में बाधक बनता है। इसके अलावा और कई खराब आदतें हैं, जो किडनी को बुरी तरह प्रभावित करती हैं। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- किडनी डिजीज के रिस्क फैक्टर किडनी डिजीज के पीछे सबसे बड़ी वजह खराब लाइफस्टाइल है। हालांकि कुछ लोगों को इसका खतरा अधिक होता है। जैसेकि- किडनी डिजीज से जुड़े कुछ कॉमन सवाल और उनके जवाब सवाल- क्या किडनी डिजीज का इलाज संभव है?
जवाब- किडनी डिजीज का इलाज उसकी गंभीरता और कारण के आधार पर किया जाता है। अगर ये कंडीशन क्रॉनिक है तो इसका कोई परमानेंट इलाज नहीं है। हालांकि कुछ ट्रीटमेंट और लाइफस्टाइल में बदलाव किडनी की फंक्शनिंग बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। शुरुआत में कुछ दवाओं से इसे कंट्रोल किया जाता है। अगर किडनी का काम बहुत धीमा हो जाता है तो डायलिसिस दिया जाता है। इसमें मशीन द्वारा ब्लड को साफ किया जाता है। वहीं अगर किडनी पूरी तरह से काम करना बंद कर देती है तो किडनी ट्रांसप्लांट एकमात्र विकल्प होता है। सवाल- किडनी डिजीज से बचने के लिए खानपान में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
जवाब- यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर श्रेय जैन बताते हैं कि इसके लिए अपनी डाइट को हेल्दी रखना बेहद जरूरी है। ज्यादा मात्रा में नमक और चीनी न खाएं। प्रोटीन का सेवन कम करें। किडनी को हाइड्रेटेड रखने के लिए पर्याप्त पानी पिएं। अपनी डाइट में फल और हरी सब्जियां शामिल करें। अगर पहले से ही किडनी डिजीज से पीड़ित हैं तो खानपान के लिए डॉक्टर की सलाह लें। सवाल- किडनी डिजीज का पता कैसे लगाया जाता है?
जवाब- कुछ टेस्ट के माध्यम से किडनी डिजीज का पता लगाया जा सकता है। इसके लिए क्रिएटिनिन (Creatinine) टेस्ट होता है। ये एक अपशिष्ट पदार्थ है, जो किडनी के माध्यम से शरीर से बाहर निकलता है। अगर किडनी ठीक से काम नहीं करती है तो क्रिएटिनिन लेवल बढ़ सकता है। इसके अलावा ब्लड टेस्ट, यूरिन टेस्ट, अल्ट्रासाउंड और किडनी बायोप्सी के जरिए किडनी की कंडीशन का पता लगाया जाता है। सवाल- किन स्थितियों में किडनी फेल्योर हो सकता है?
जवाब- ब्लड में शुगर का लेवल ज्यादा होना, हाई ब्लड प्रेशर, किडनी में इन्फेक्शन, किडनी स्टोन और हार्ट डिजीज की वजह से किडनी फेल्योर हो सकता है। ……………….. सेहतनामा की ये खबर भी पढ़िए सेहतनामा- बढ़ गया है यूरिक एसिड: हो सकता है किडनी स्टोन, कैसे करें कंट्रोल, क्या खाएं और क्या न खाएं नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 12% से अधिक आबादी किडनी स्टोन की समस्या से पीड़ित है। पिछले कुछ सालों से ये मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में इस समस्या से निपटना एक बड़ी चुनौती है। पूरी खबर पढ़िए…
जवाब- किडनी डिजीज का इलाज उसकी गंभीरता और कारण के आधार पर किया जाता है। अगर ये कंडीशन क्रॉनिक है तो इसका कोई परमानेंट इलाज नहीं है। हालांकि कुछ ट्रीटमेंट और लाइफस्टाइल में बदलाव किडनी की फंक्शनिंग बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। शुरुआत में कुछ दवाओं से इसे कंट्रोल किया जाता है। अगर किडनी का काम बहुत धीमा हो जाता है तो डायलिसिस दिया जाता है। इसमें मशीन द्वारा ब्लड को साफ किया जाता है। वहीं अगर किडनी पूरी तरह से काम करना बंद कर देती है तो किडनी ट्रांसप्लांट एकमात्र विकल्प होता है। सवाल- किडनी डिजीज से बचने के लिए खानपान में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
जवाब- यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर श्रेय जैन बताते हैं कि इसके लिए अपनी डाइट को हेल्दी रखना बेहद जरूरी है। ज्यादा मात्रा में नमक और चीनी न खाएं। प्रोटीन का सेवन कम करें। किडनी को हाइड्रेटेड रखने के लिए पर्याप्त पानी पिएं। अपनी डाइट में फल और हरी सब्जियां शामिल करें। अगर पहले से ही किडनी डिजीज से पीड़ित हैं तो खानपान के लिए डॉक्टर की सलाह लें। सवाल- किडनी डिजीज का पता कैसे लगाया जाता है?
जवाब- कुछ टेस्ट के माध्यम से किडनी डिजीज का पता लगाया जा सकता है। इसके लिए क्रिएटिनिन (Creatinine) टेस्ट होता है। ये एक अपशिष्ट पदार्थ है, जो किडनी के माध्यम से शरीर से बाहर निकलता है। अगर किडनी ठीक से काम नहीं करती है तो क्रिएटिनिन लेवल बढ़ सकता है। इसके अलावा ब्लड टेस्ट, यूरिन टेस्ट, अल्ट्रासाउंड और किडनी बायोप्सी के जरिए किडनी की कंडीशन का पता लगाया जाता है। सवाल- किन स्थितियों में किडनी फेल्योर हो सकता है?
जवाब- ब्लड में शुगर का लेवल ज्यादा होना, हाई ब्लड प्रेशर, किडनी में इन्फेक्शन, किडनी स्टोन और हार्ट डिजीज की वजह से किडनी फेल्योर हो सकता है। ……………….. सेहतनामा की ये खबर भी पढ़िए सेहतनामा- बढ़ गया है यूरिक एसिड: हो सकता है किडनी स्टोन, कैसे करें कंट्रोल, क्या खाएं और क्या न खाएं नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 12% से अधिक आबादी किडनी स्टोन की समस्या से पीड़ित है। पिछले कुछ सालों से ये मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में इस समस्या से निपटना एक बड़ी चुनौती है। पूरी खबर पढ़िए…