सेहतनामा- कैंसर क्यों होता है?:भारत में हर साल 9 लाख मौतें, सही जानकारी और सावधानी से बचाव मुमकिन, जानें कैंसर स्पेशलिस्ट से

साइंटिफिक जर्नल नेचर में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, भारत में साल 2021 में ब्रेस्ट कैंसर के 1.25 करोड़ मामले थे। इसका मतलब है कि भारत की कुल आबादी के लगभग 1% लोग ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रहे थे। इसमें 99% मामले महिलाओं के थे। ब्रेस्ट कैंसर के कारण 2021 में भारत पर लगभग 69 हजार करोड़ रुपये का आर्थिक बोझ पड़ा। जितनी तेजी से ब्रेस्ट कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं, अनुमान है कि साल 2030 तक इसके कारण भारत पर 1 लाख 20 हजार करोड़ रुपए का आर्थिक बोझ पड़ेगा। अगर सभी तरह के कैंसर की बात करें तो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, भारत में साल 2022 में कैंसर के कुल 14.1 लाख नए मामले सामने आए और कुल 9.1 लाख लोगों की मौत हुई। आज विश्व कैंसर दिवस पर ‘सेहतनामा’ में कैंसर की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- कैंसर क्या है? हमारे शरीर में लगभग 30 खरब यानी 30 लाख करोड़ कोशिकाएं हैं। ये सभी एक निश्चित पैटर्न में नियंत्रित तरीके से बढ़ती हैं और एक समय के बाद खुद ही नष्ट हो जाती हैं। इनकी जगह नई कोशिकाएं आ जाती हैं। कैंसर होने पर ये सामान्य कोशिकाएं कैंसर सेल्स में बदल जाती हैं और अनियंत्रित तरीके से कई गुना बढ़ने लगती हैं। लंग, लिवर और ब्रेस्ट कैंसर से सबसे ज्यादा मौतें विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, साल 2022 में कैंसर के कारण लगभग 1 करोड़ लोगों की मौत हुई। इसका मतलब है कि दुनिया में किसी भी कारण से हुई हर 6 मौत में से एक मौत का कारण कैंसर था। इसमें सबसे ज्यादा मौतों का कारण लंग, लिवर और ब्रेस्ट का कैंसर है। डिटेल ग्राफिक में देखिए। कैंसर क्यों होता है? विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, स्मोकिंग या किसी दूसरे रूप में तंबाकू का सेवन कैंसर का प्रमुख कारण है। अमेरिका में एक तिहाई कैंसर के मामलों के लिए स्मोकिंग जिम्मेदार है। इसके अलावा अनहेल्दी फूड और लो फिजिकल एक्टिविटी भी कैंसर की बड़ी वजह है। इसके और क्या कारण हैं, ग्राफिक में देखिए: 4 स्टेज में बांटा जाता है कैंसर किसी व्यक्ति को शरीर के किस हिस्से में कैंसर हुआ है और यह कितना बढ़ चुका है, इस आधार पर इसे चार स्टेज में बांटा जाता है। स्टेज के आधार पर ट्रीटमेंट का तरीका तय होता है। कैंसर के मामले में इसका पता जितनी जल्दी चलता है, मरीज के ठीक होने की संभावना भी उतनी ही ज्यादा होती है। साथ ही ट्रीटमेंट में खर्च भी कम आता है। एडवांस स्क्रीनिंग से कैंसर की शिनाख्त आसान कैंसर के ज्यादातर मामले तीसरी-चौथी स्टेज में जाकर पता चलते हैं। इसलिए इलाज मुश्किल हो जाता है और पेशेंट के बचने की संभावना भी कम हो जाती है। अगर समय पर स्क्रीनिंग टेस्ट करवाए जाएं तो अधिकतर मामले शुरुआती स्टेज में ही पकड़ में आ सकते हैं। हर किसी को अपनी उम्र और जेंडर के हिसाब से ये स्क्रीनिंग टेस्ट करवाने चाहिए। कैंसर से जुड़े कुछ कॉमन सवाल और जवाब सवाल: कैंसर का पता कैसे लगाया जाता है?
जवाब: अगर डॉक्टर को कैंसर के लक्षण दिख रहे हैं तो ज्यादातर मामलों में बायोप्सी की जाती है। इसके अलावा ब्लड टेस्ट, सीटी स्कैन, एमआरआई और एक्स-रे जैसे टेस्ट भी किए जा सकते हैं। सवाल: क्या कैंसर से बचाव संभव है?
जवाब: हां, कैंसर से बचाव किया जा सकता है। इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका ये है कि लाइफस्टाइल अच्छी होनी चाहिए, सिगरेट–शराब जैसी बुरी आदतें नहीं होनी चाहिए, टॉक्सिन एक्सपोजर से बचना चाहिए और एक निश्चित उम्र के बाद कैंसर स्क्रीनिंग टेस्ट करवाना चाहिए। सवाल: कैंसर से बचाव के लिए लाइफस्टाइल में क्या जरूरी बदलाव करने चाहिए?
जवाब: नीचे लिखी इन बातों को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में आत्मसात करें– सवाल: कैंसर के ट्रीटमेंट में अक्सर दी जाने वाली थेरेपी कीमो क्या है?
जवाब: कीमोथेरेपी एक तरह का सिस्टमेटिक ट्रीटमेंट है। इसकी मदद से शरीर में तेजी से बढ़ रही कैंसरस सेल्स को खत्म किया जाता है। पेशेंट की हेल्थ कंडीशन और कैंसर की स्टेज के आधार कई बार केवल कीमोथेरेपी दी जाती है, जबकि कुछ मामलों में इसके साथ सर्जरी, रेडिएशन या हॉर्मोन थेरेपी की भी जरूरत होती है। सवाल: क्या कीमोथेरेपी के साइड इफेक्ट से पेशेंट की मौत हो जाती है?
जवाब: यह एक तरह का मिथ है। सभी दवाओं के कुछ-न-कुछ साइड इफेक्ट्स होते हैं। जब सामान्य बुखार में इस्तेमाल हो रही पैरासिटामॉल के साइड इफेक्ट्स होते हैं तो कीमोथेरेपी के भी दुष्प्रभाव हो सकते हैं। चूंकि यह कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के इलाज में दी जाने वाली थेरेपी है तो इसके प्रभाव भी गंभीर हो सकते हैं। किसी पेशेंट के लिए कीमोथेरेपी सही है या नहीं, डॉक्टर इसका फैसला पेशेंट की उम्र और उसकी ओवरऑल हेल्थ को ध्यान में रखकर करते हैं। सवाल: क्या कैंसर हमेशा जानलेवा होता है?
जवाब: नहीं, कैंसर हमेशा जानलेवा नहीं होता है। अगर शुरुआती स्टेज में कैंसर का पता चल जाए तो सही ट्रीटमेंट से इसे ठीक किया जा सकता है।

……………………. कैंसर से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… सेहतनामा- रूस में बनी कैंसर वैक्सीन कितनी कारगर:क्या कैंसर का इलाज हो जाएगा आसान रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि उन्होंने कैंसर की वैक्सीन बना ली है। साल 2024 की शुरुआत में ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि वे कैंसर की वैक्सीन बनाने के बेहद करीब हैं। यह एक mRNA वैक्सीन है। इसके क्लिनिकल ट्रायल से पता चला है कि वैक्सीन से कैंसर ट्यूमर का इलाज करने में मदद मिल सकती है। रूस की इस खोज को सदी की सबसे बड़ी खोज माना जा रहा है। पूरी खबर पढ़िए…