कोलकाता में कोरोना वायरस का नया वेरिएंट HKU1 (HCoV-HKU1) मिला है। 45 साल की एक महिला इससे संक्रमित हैं और वह फिलहाल अस्पताल उनका इलाज चल रहा है। उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों के मुताबिक, उनकी हालत स्थिर है। कोरोना वायरस के इस वेरिएंट को लेकर लोगों की चिंता इसलिए बढ़ रही है क्योंकि इसके बारे में ज्यादातर लोगों को बहुत जानकारी नहीं है। यह स्ट्रेन कोविड-19 जैसा नहीं है, लेकिन यह भी कोरोना वायरस परिवार का ही हिस्सा है। कोरोना के HKU1 वेरिएंट के कारण भी श्वसन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। आमतौर पर इसके लक्षण सामान्य सर्दी-जुकाम और फ्लू जैसे होते हैं। हालांकि, कुछ खास कंडीशंस में यह बहुत गंभीर भी हो सकता है। इसलिए ‘सेहतनामा’ में आज कोरोना के HKU1 वेरिएंट के बारे में बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: डॉ. अंकित पटेल, जनरल फिजिशियन, अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, जयपुर सवाल: क्या है कोरोना वायरस HKU1? जवाब: HKU1 कोरोना वायरस उन 7 चुनिंदा कोरोना वायरस में से एक है, जो इंसानों को प्रभावित करते हैं। कोरोना का यह वेरिएंट मुख्य रूप से ऊपरी श्वसन तंत्र यानी अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को प्रभावित करता है। इसके शुरुआती लक्षण सर्दी-जुकाम या फ्लू जैसे होते हैं। सवाल: क्या HKU1 नया कोरोना वायरस है? जवाब: नहीं, यह कोई नया वायरस या कोरोना वायरस का नया वैरिएंट नहीं है। सबसे पहले साल 2005 में हांगकांग में कोरोना के HKU1 वेरिएंट की पहचान हुई थी। सवाल: HKU1 कितना खतरनाक है? जवाब: HKU1 कोरोना वायरस के कारण हल्के से मध्यम स्तर का श्वसन संक्रमण होता है। इसके कारण आमतौर पर सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। हालांकि, अगर किसी व्यक्ति की इम्युनिटी कमजोर है तो यह संक्रमण फेफड़ों को ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है और निमोनिया या ब्रोंकाइटिस का कारण बन सकता है। सवाल: HKU1 से सबसे अधिक खतरा किसे है? जवाब: HKU1 कोरोना वायरस से आमतौर पर हल्का संक्रमण होता है। यह कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है। खासतौर पर नौजात बच्चों और 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को ज्यादा खतरा होता है। इनके शरीर में वायरस से लड़ने की क्षमता कम होती है, जिससे संक्रमण लंबे समय तक बना रह सकता है और घातक भी हो सकता है। सवाल: कोरोना वायरस का HKU1 स्ट्रेन कोविड-19 वाले स्ट्रेन से कितना अलग है? जवाब: HKU1 और COVID-19 (SARS-CoV-2) दोनों कोरोना वायरस परिवार के सदस्य हैं, लेकिन इनके बीच कई फर्क हैं। कब पता चला: HKU1: यह वायरस का पुराना स्ट्रेन है और पहले भी कई बार देखा गया है। COVID-19: 2019 में पता चला यह कोरोना वायरस का नया और तेजी से फैलने वाला स्ट्रेन था, जिससे पूरी दुनिया में महामारी फैल गई। गंभीरता के मामले में: HKU1: आमतौर पर यह केवल सामान्य सर्दी-खांसी जैसी बीमारी पैदा करता है। COVID-19: यह फेफड़ों को गंभीर रूप से प्रभावित करता है और निमोनिया, सांस की गंभीर समस्या और ऑर्गन फेल्योर का कारण बन सकता है। संक्रमण दर: HKU1: आमतौर पर स्थानीय संक्रमण तक सीमित रहता है और इसके मामलों की संख्या बहुत अधिक नहीं होती है। COVID-19: इसकी संक्रमण क्षमता बहुत अधिक थी। इसलिए इसने महामारी का रूप ले लिया था। मृत्यु दर: HKU1: इसके संक्रमण से मृत्यु होने की आशंका बेहद कम होती है, केवल उन लोगों को जोखिम होता है जो पहले से गंभीर बीमारियों से ग्रस्त होते हैं। COVID-19: इसमें मृत्यु दर अधिक थी, खासकर बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले मरीजों की ज्यादा मौत हुई। सवाल: क्या कोरोनावायरस HKU1 से महामारी की स्थिति पैदा हो सकती है? जवाब: नहीं, कोरोना वायरस HKU1 से महामारी की स्थिति बनने की संभावना बहुत कम है। इसके कई कारण हैं: सवाल: भारत से पहले किन देशों में HKU1 के केस मिल चुके हैं? जवाब: ह्यूमन कोरोनावायरस HKU1 की पहचान सबसे पहले 2005 में हांगकांग में की गई थी। इसके बाद यह वायरस वैश्विक स्तर पर दूसरे कई देशों में पाया गया है। भारत से पहले ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और फ्रांस में इसके कुछ मामले सामने आ चुके हैं। सवाल: क्या कोरोना वायरस HKU1 का इलाज उपलब्ध है? जवाब: नहीं, HKU1 के लिए कोई सटीक इलाज उपलब्ध नहीं है। हालांकि, राहत की बात ये है कि इसके ज्यादातर मामलों में बहुत हल्के लक्षण दिखाई देते हैं। ज्यादातर पेशेंट्स बिना इलाज के ठीक हो जाते हैं। इसके कारण बुजुर्गों, बच्चों और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में संक्रमण गंभीर हो सकता है। सवाल: कोरोना वायरस HKU1 के लक्षण क्या हैं? जवाब: कोरोना वायरस के इस स्ट्रेन के लक्षण फ्लू या सामान्य जुकाम जैसे ही होते हैं। सवाल: क्या HKU1 के लिए वैक्सीन उपलब्ध है? जवाब: नहीं, ह्यूमन कोरोनावायरस HKU1 के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। असल में इस वायरस के कारण आमतौर पर हल्का श्वसन संक्रमण होता है और इसके संक्रमण के मामले अपेक्षाकृत कम और कम गंभीर होते हैं। इसलिए इस पर बहुत रिसर्च करने और वैक्सीन बनाने की जरूरत नहीं महसूस की गई है। यह वेरिएंट कभी भी खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए इससे बचाव बहुत जरूरी है। सवाल: HKU1 से बचाव कैसे करें? जवाब: वायरस का यह स्ट्रेन भी कोविड-19 फैमिली का हिस्सा है। इसलिए यह भी ठीक उसी तरह फैलता है, बस उतनी तेजी से नहीं फैलता है। इसलिए इससे बचाव के लिए कोविड-19 जैसे एहतियात ही बरतने हैं। …………………….
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