अगर आपको दिन में अक्सर नींद सताती है, सोने को जी चाहता है तो ये डिमेंशिया का शुरुआती इशारा हो सकता है। विश्व प्रसिद्ध जर्नल न्यूरोलॉजी में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, जिन लोगों को दिन में नींद आती है। उन्हें डिमेंशिया का जोखिम हो सकता है। इसमें पता चला है जिन लोगों को दिन में नींद बहुत अधिक सताती है, उनमें से लगभग 33.5% लोगों को मोटरिक कॉग्निटिव रिस्क सिंड्रोम (Motoric Cognitive Risk Syndrome) हो सकता है। यह डिमेंशिया की शुरुआती स्टेज होती है। यह तो सिर्फ एक स्टडी का परिणाम है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ फैमिली फिजिशियन्स (AAFP) के मुताबिक, दिन में नींद आने के कई कारण हो सकते हैं। इसके पीछे मौसम में बदलाव जैसी बहुत सामान्य वजह हो सकती है। हालांकि, कुछ मामलों में किसी स्लीप डिसऑर्डर, डिप्रेशन जैसे गंभीर कारण भी हो सकते हैं। इसलिए ‘सेहतनामा’ में हम आज जानेंगे कि दिन में नींद किस बात का इशारा हो सकता है। साथ ही जानेंगे कि- हमें नींद क्यों आती है? नींद हमारे शरीर की बेसिक जरूरत है। इसे ऐसे समझिए कि हमारा दिमाग दिनभर में कई इनफॉर्मेशन जुटाता है, कई निर्णय लेता है या कुछ बातों से असमंजस में पड़ता है। इन सबकी प्रोसेसिंग नींद के दौरान होती है। इस समय हमारा शरीर ब्रेन में आए टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है। ठीक यही प्रोसेस हमारे पूरे शरीर में होता है। हम दिन भर में बहुत कुछ खाते-पीते हैं। यह हमारे लिवर और इंटेस्टाइन से गुजरता है। इस दौरान शरीर को जो भी नुकसान होता है, इसकी मरम्मत नींद के दौरान होती है। कुलमिलाकर रात में नींद के समय हमारा शरीर अपने सभी अंगों की मरम्मत करता है और उन्हें नई ऊर्जा देता है। हमें दिन में नींद क्यों आती है? डॉ. अनिमेष आर्य कहते हैं कि जब हमारा शरीर रात में अपना डिटॉक्स और मेंटेनेंस प्रोसेस नहीं पूरा कर पाता है तो दिन में नींद आती है। रात में नींद पूरी नहीं होने के कारण ऐसा हो सकता है। कुछ मामलों में किसी बीमारी के कारण शरीर के मेंटेनेंस के लिए रात काफी नहीं होती है। इसलिए शरीर दिन में नींद का इशारा करता है। दुनिया के 20% लोगों को दिन में सताती है नींद अमेरिकन एकेडमी ऑफ फैमिली फिजिशियन्स के मुताबिक, दुनिया के लगभग 20% लोगों को दिन में नींद आती है। आमतौर पर लोग यह मानते हैं कि रात में उनकी नींद नहीं पूरी हो पाई होगी, इसलिए दिन में नींद आ रही है। जबकि कुछ मामलों में स्लीप एप्निया, डिप्रेशन या कोई गंभीर स्लीप डिसऑर्डर भी इसकी वजह हो सकता है। इसलिए अगर ऐसा लगातार कई दिनों तक हो रहा है तो डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। इसका फायदा ये होगा कि अगर ऐसा किसी बीमारी के कारण हो रहा है तो शुरुआती स्टेज में उसका पता चल जाएगा और इलाज में आसानी होगी। क्या हैं दिन में नींद के प्रमुख कारण आमतौर पर तो रात में नींद न पूरी होने के कारण दिन में नींद आती है, लेकिन अगर इसकी वजह कोई बीमारी है तो हमें डॉक्टर से कंसल्ट करने की जरूरत होती है। दिन में नींद के पीछे क्या-क्या कारण हो सकते हैं, ग्राफिक में देखिए: स्लीप एप्निया स्लीप एप्निया गंभीर मेडिकल कंडीशन है, जिसमें व्यक्ति रात में बार-बार सांस रुकने के कारण अच्छे से सो नहीं पाता है। इसके कारण दिन में नींद आ सकती है। अगर दिन में नींद में अक्सर नींद आने के अलावा ये लक्षण भी दिख रहे हैं तो डॉक्टर कंसल्ट करें: नार्कोलेप्सी यह एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है। इस कंडीशन में हमारा ब्रेन सोने-जागने के साइकल को ठीक से कंट्रोल नहीं कर पाता है। इसके कारण कई बार दिन में नींद आ सकती है। अगर दिन में नींद के साथ ये लक्षण भी दिख रहे हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें: डिप्रेशन अगर नींद के पैटर्न में बदलाव आ रहा है तो यह डिप्रेशन का बड़ा इशारा हो सकता है। रात में कम नींद आना और इसके कारण दिन में नींद आना, ये डिप्रेशन का लक्षण है। अगर दिन में नींद के साथ ये लक्षण भी दिख रहे हैं तो डॉक्टर से कंसल्ट करें: दवाओं के साइड इफेक्ट कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट के कारण भी दिन उनींदापन और ज्यादा नींद का एहसास हो सकता है। यह आमतौर पर इन कंडीशंस पर दी जाने वाली दवाओं के कारण होता है: दिन में नींद से जुड़े कुछ कॉमन सवाल और जवाब सवाल: क्या दिन में सोना नुकसानदायक है? जवाब: हां, दिन में सोने के कई नुकसान हो सकते हैं। जबकि, सही तरीके से ली गई नैप के कई फायदे हो सकते हैं। कुछ मिनटों की नैप हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बूस्ट कर सकती है। नेशनल स्लीप फाउंडेशन के मुताबिक, एक अच्छी नैप कॉफी पीने से ज्यादा फायदेमंद होती है। सवाल: दिन में नींद आए तो कितनी देर सो सकते हैं? जवाब: अगर दिन में बहुत नींद आ रही है तो एक छोटी नैप ले सकते हैं। यह नैप 5-10 मिनट से लेकर 20-30 मिनट की हो सकती है। इससे लंबी नैप दिन में आलस का कारण बन सकती है और रात की नींद खराब कर सकती है। सवाल: शाम को 3 बजे के बाद नैप लेने से क्यों नहीं लेनी चाहिए? जवाब: शाम को 3 बजे के बाद नैप लेने से स्लीप साइकल बिगड़ सकता है। इसके कारण हो सकता है कि आपको देर रात तक नींद ही न आए। इसलिए दिन में 3 बजे के बाद नैप अवॉइड करनी चाहिए। सवाल: क्या दिन में रेगुलर नैप लेने से स्ट्रेस खत्म हो जाता है? जवाब: नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, जो लोग प्रतिदिन 20 से 30 मिनट की नैप लेते हैं, उन्हें मानसिक तनाव होने की आशंका कम होती है। इन लोगों का ब्लड प्रेशर भी दूसरों की अपेक्षा कंट्रोल में रहता है।
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