हमारे शरीर का 60% हिस्सा पानी है। शरीर रूपी इस मशीन के ढंग से काम करने के लिए जरूरी है कि इसकी हर कोशिका को हर वक्त पर्याप्त मात्रा में पानी और ऑक्सीजन मिलता रहे। शरीर हाइड्रेटेड रहे यानी शरीर में पानी की कमी न हो। शरीर के भीतर 24 घंटे लगातार हो रही तकरीबन सभी एक्टिविटीज में हाइड्रेशन की केंद्रीय भूमिका है। अगर आपके शरीर में पर्याप्त पानी है तो- ये तो हुई पर्याप्त हाइड्रेशन की बात। लेकिन क्या हो, जब पर्याप्त हाइड्रेशन जरूरत से ज्यादा हाइड्रेशन में बदल जाए। विज्ञान की भाषा में इसे ओवरहाइड्रेशन या हाइपोनेट्रीमिया कहते हैं। आपने अकसर लोगों को यह कहते सुना होगा कि पानी पीना स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। खूब सारा पानी पीना चाहिए। कम पानी पीने के नुकसान हैं, लेकिन ज्यादा पानी पीने के कोई नुकसान नहीं। लेकिन यह बात सच नहीं है। एक किताब है- ‘वॉटरलॉग्ड: सीरियस प्रॉब्लम ऑफ ओवरहाइड्रेशन इन एंड्यूरेंस स्पोर्ट्स।’ इस किताब के लेखक डॉ. टिमोथी नोक्स केपटाउन यूनिवर्सिटी में डिविजन ऑफ एक्सरसाइज साइंस एंड स्पोर्ट्स मेडिसिन के प्रोफेसर हैं। वे लिखते हैं- “ओवरहाइड्रेशन कई बार डिहाइड्रेशन से ज्यादा खतरनाक हो सकता है। बॉडी को हाइड्रेटेड रखने का मतलब ये नहीं कि हम दिन भर पानी पीते रहें। हमारी किडनी 24 घंटे में एक निश्चित मात्रा में पानी को प्रॉसेस करने की क्षमता रखती है। उससे ज्यादा पानी किडनी और शरीर में जमा होकर हाइपोनेट्रीमिया की स्थिति पैदा कर सकता है।” नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में वर्ष 2023 में प्रकाशित एक वाटर टॉक्सिसिटी स्टडी के मुताबिक ओवरहाइड्रेशन से बॉडी में इलेक्ट्रोलाइट्स की मात्रा कम हो सकती है। इसे ही विज्ञान की भाषा में हाइपोनेट्रीमिया कहते हैं। नीचे दिए ग्राफिक में देखिए कि इसके लक्षण और संकेत- हाइपोनेट्रीमिया या ओवरहाइड्रेशन किस वजह से होता है इसके दो प्रमुख कारण हो सकते हैं- 1- या तो आप बहुत ज्यादा पानी पी रहे हैं। 2- या आपकी किडनी पानी को रीटेन कर रही है। डॉ. टिमोथी नोक्स कहते हैं कि दोनों ही वजहों से शरीर में वाटर टॉक्सिसिटी हो सकती है। इसे वाटर पॉइजनिंग भी कहते हैं। इसमें शरीर में पानी की मात्रा इतनी ज्यादा हो जाती है कि किडनी उसे फिल्टर करके शरीर से निकाल पाने में सक्षम नहीं होती। हाइपोनेट्रीमिया में शरीर के जरूरी इलेक्ट्रोलाइट्स पानी में घुलकर शरीर से बाहर निकलने लगते हैं। आगे बढ़ने से पहले यह समझना जरूरी है कि ये इलेक्ट्रोलाइट्स क्या हैं, जो ज्यादा पानी पीने से शरीर से बाहर निकल जाते हैं। इलेक्ट्रोलाइट्स क्या हैं? हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की मेडिसिन डिक्शनरी के मुताबिक इलेक्ट्रोलाइट्स पानी में घुले छोटे-छोटे मिनरल सब्सटेंस होते हैं। ये हमारे शरीर के केमिकल रिएक्शंस, कोशिकाओं के भीतर और बाहर पानी की मात्रा को संतुलित करने का काम करते हैं। इनका असंतुलन शरीर में कई तरह के विकार पैदा कर सकता है। इलेक्ट्रोलाइट्स में ये चार मुख्य तत्व होते हैं- अगर शरीर में सोडियम यानी नमक की मात्रा बहुत कम हो जाए तो पानी कोशिकाओं के भीतर प्रवेश कर जाता है और हाथ-पैर में सूजन व शरीर के भीतर भी इंफ्लेमेशन होने लगता है। कैसे जानें कि आप ओवरहाइड्रेटेड हैं डॉ. टिमोथी नोक्स कहते हैं कि यदि आपके शरीर में हाइपोनेट्रीमिया के लक्षण एक्यूट हो गए हैं तो इसका पता लगाने के लिए डॉक्टरों को टेस्ट करने पड़ेंगे। लेकिन हम सामान्य रूप से घर पर एक छोटा सा प्रयोग करके यह पता लगा सकते हैं कि हम ओवर या अंडर हाइड्रेटेड हैं। इसके लिए हमें अपने यूरीन का कलर चेक करना होता है। अंडर हाइड्रेटेड यूरीन- यूरीनेशन के बाद उसे देखिए। अगर यूरीन का रंग गाढ़ा पीला है तो इसका अर्थ है कि आपका शरीर डिहाइड्रेटेड है। आप पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पी रहे हैं। ओवर हाइड्रेटेड यूरीन- अगर यूरीन का कलर बिल्कुल पारदर्शी पानी की तरह है तो इसका अर्थ है कि आप ओवर हाइड्रेटेड हैं। आप जरूरत से ज्यादा पानी पी रहे हैं और पानी के साथ इलेक्ट्रोलाइट्स भी किडनी के रास्ते शरीर से बाहर जा रहे हैं। नॉर्मल हाइड्रेटेड यूरीन- सामान्य यूरीन का रंग हल्का पीलापन लिए होता है। न बिलकुल पारदर्शी, न गाढ़ा पीला। नीचे दिए ग्राफिक में देखिए कि यूरीन के रंग से हम ओवर या अंडर हाइड्रेशन को कैसे समझ सकते हैं। हमें कितना पानी पीना चाहिए पानी की जरूरत कई सारे फैक्टर्स पर निर्भर करती है। जैसेकि- नीचे दिए ग्राफिक से समझिए कि आपको सामान्यत: कितना पानी पीना चाहिए। इसके अलावा इन स्थितियों में भी शरीर को ज्यादा पानी पीने की जरूरत होती है- मौसम या हाई एल्टीट्यूट- अगर आप गर्म मौसम वाली जगह या समुद्र तल से 8200 फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर रहते हैं तो आपको ज्यादा पानी पीने की जरूरत है। अगर आप हैवी वर्कआउट करते हैं- अमेरिकन काउंसिल ऑफ एक्सरसाइज के मुताबिक अगर आप वर्कआउट करते हैं तो आपको वर्कआउट से दो-तीन घंटे पहले 500 से 600 ml पानी पीना चाहिए। इसके अलावा हैवी वर्कआउट के बाद भी ज्यादा पानी पीना चाहिए। बुखार या डायरिया होने पर- बुखार है, उल्टियां हो रही हैं या डायरिया हुआ है तो सामान्य से ज्यादा पानी पीना चाहिए। ऐसे में एक्स्ट्रा इलेक्ट्रोलाइट्स भी ले सकते हैं। शरीर का हाइड्रेशन सिर्फ पानी पर निर्भर नहीं डॉ. टिमोथी लिखते हैं कि शरीर का संतुलित हाइड्रेशन सिर्फ पानी की मात्रा पर निर्भर नहीं करता। वह हमारी लाइफ स्टाइल पर भी निर्भर है। शरीर डिहाइड्रेट सिर्फ कम पानी की वजह से नहीं, बल्कि कई कारणों से होता है। नीचे दिए ग्राफिक से समझिए कि कौन सी चीजें हमारे शरीर को डिहाइड्रेट करती हैं- चाहे प्रकृति हो या हमारा स्वास्थ्य, संतुलन ही सबसे बुनियादी चीज है। इसलिए किसी भी चीज की अति न करें। डिहाइड्रेशन से बचें और ओवरहाइड्रेशन से भी। अपने यूरीन का कलर चेक करते हैं और हमेशा स्वस्थ रहें।
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