सेहतनामा- दौड़ना घुटनों के लिए फायदेमंद या नुकसानदेह?:दौड़ते हुए घुटनों को कैसे रखें सुरक्षित, डॉक्टर से जानें हर सवाल का जवाब

दौड़ना अपने आप में एक कंप्लीट वर्कआउट है। रोजाना कुछ देर दौड़ने से हमारी सेहत चुस्त-दुरुस्त रहती है। बशर्ते इसका तरीका सही होना चाहिए। शरीर के दूसरे अंगों के अलावा यह घुटनों के लिए भी फायदेमंद है। हालांकि कुछ लोगों को दौड़ने के बाद घुटनों में दर्द और सूजन की शिकायत होती है। ऐसे में सवाल उठता है कि दौड़ना घुटनों के लिए नुकसानदायक तो नहीं है? तो आज सेहतनामा में हम बात करेंगे कि दौड़ने से घुटनों पर क्या असर पड़ता है। साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट- डॉ. युगल कारखुर, सीनियर कंसल्टेंट, ऑर्थोपेडिक्स, नारायणा हॉस्पिटल (गुरुग्राम) दौड़ने से कम होता ऑस्टियोआर्थराइटिस का रिस्क: स्टडी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) में इस पर एक स्टडी पब्लिश हुई है। इसमें दौड़ने और न दौड़ने वाले लोगों पर दो दशकों तक लंबी रिसर्च की गई। रिसर्च में वैज्ञानिकों ने पाया कि दौड़ने वाले लोगों में ऑस्टियोआर्थराइटिस यानी जोड़ों के दर्द की समस्या सिर्फ 20% थी। जबकि न दौड़ने वाले 32% लोग इससे पीड़ित थे। इस स्टडी के अनुसार, चलने की अपेक्षा दौड़ने से घुटनों पर ज्यादा दबाव पड़ता है। लेकिन इससे घुटनों की हड्डियां मजबूत होती हैं। दौड़ने और घुटनों के दर्द के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है। ऑस्टियोआर्थराइटिस क्या है? सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, जब जोड़ों में हड्डियों को सहारा देने वाली कार्टिलेज (Cartilage) धीरे-धीरे खराब होने लगती है तो ये दर्द, जकड़न और यहां तक कि विकलांगता का कारण भी बन सकती है। इसी को ऑस्टियोआर्थराइटिस कहा जाता है। यह गठिया का सबसे आम रूप है, जो ज्यादातर 50 की उम्र के बाद लोगों में दिखाई देता है। अभी इसका कोई परफेक्ट इलाज नहीं है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, 2019 में दुनिया भर में लगभग 52.8 करोड़ लोग ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित थे। वहीं नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, 1990 में भारत में लगभग 2.34 करोड़ लोग ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित थे। 2019 में यह आंकड़ा करीब तीन गुना बढ़कर 6.23 करोड़ हो गया। दौड़ना घुटनों के लिए नुकसानदायक नहीं दौड़ते समय घुटनों पर पड़ने वाले दबाव से जोड़ों में फ्लुइड की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे स्मूथनेस बनी रहती है और जोड़ों के दर्द की समस्या दूर होती है। इससे घुटनों से जुड़ी प्रॉब्लम्स का खतरा कम होता है। हालांकि दौड़ते समय हमें कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत होती है। दौड़ते समय अपने घुटनों को कैसे करें प्रोटेक्ट घुटना एक बहुत ही सेंसिटिव अंग है। दौड़ते समय घुटने की सुरक्षा करना बेहद जरूरी है क्योंकि इसमें चोट लगने से कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। अगर घुटने की चोट गंभीर हो जाए तो जॉइंट परमानेंट डैमेज हो सकते हैं, अपंगता हो सकती है, गंभीर इन्फेक्शन हो सकता है या घुटनों में न्यूरोवस्कुलर डैमेज हो सकता है। घुटने में चोट लगने की अधिकांश घटनाएं स्पोर्ट्स के दौरान या दौड़ते समय गिरने, झटका लगने के कारण होती हैं। जहां एक ओर दौड़ना घुटनों और शरीर, दोनों के लिए फायदेमंद है। वहीं दूसरी ओर सावधानी बरतना और घुटनों को प्रोटेक्ट करना भी बहुत जरूरी है। इसलिए नीचे ग्राफिक में देखें कि दौड़ते समय अपने घुटनों को कैसे प्रोटेक्ट करना चाहिए। दौड़ते समय घुटनों की सुरक्षा के लिए कुछ सुझाव सही तरीके से दौड़ने और स्पोर्ट्स शूज पहनने के अलावा कुछ और चीजें हैं, जो हम दौड़ते समय अपने घुटनों की सुरक्षा के लिए कर सकते हैं। नीचे पॉइंटर्स के जरिए इसे समझते हैं। स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें मसल्स में जकड़न के कारण खराब फॉर्म बनता है, जिससे दौड़ते समय चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में दौड़ने से पहले स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें। इससे मांसपेशियों में लचीलापन बढ़ता है और लंबे समय तक दौड़ने में मदद मिलती है। धीमी से तेज गति की ओर बढ़ें शरीर को एक्टिव रखने और थकान से बचने के लिए पहले धीरे-धीरे चलें और फिर तेज चलना शुरू करें। इससे दौड़ने की अवधि बेहतर होती है और शरीर सक्रिय रहता है। लगातार बहुत तेज दौड़ना घुटनों की परेशानी बढ़ा सकता है। शरीर की क्षमता का ख्याल रखें उतना ही दौड़ें, जितना आपके शरीर की सहनशक्ति अनुमति देती है। शरीर की क्षमता से ज्यादा दौड़ने से शरीर को नुकसान पहुंचना शुरू हो जाता है। इससे शरीर में हर समय थकान और कमजोरी बनी रहती है, जिससे लॉन्ग-टर्म गोल हासिल करना मुश्किल हो सकता है। नी-सपोर्ट ब्रेसेस जरूर पहनें अपने घुटनों को किसी भी तरह के नुकसान से बचाने के लिए दौड़ने से पहले घुटने की स्लीव पहनना न भूलें। इससे दौड़ते समय भी पैरों की मोबिलिटी बनाए रखने में मदद मिलती है। इससे घुटने की ऐंठन समेत किसी भी तरह के जोखिम से बचा जा सकता है। दौड़ना ओवरऑल हेल्थ के लिए लाभदायक है हर दिन मीडियम स्पीड में सिर्फ 20 से 30 मिनट दौड़ने से हार्ट अटैक, स्ट्रोक और कई अन्य बीमारियों का जोखिम कम होता है। नीचे ग्राफिक में देखें कि रोजाना दौड़ना हमारी सेहत के लिए कितना फायदेमंद है। डॉ. युगल कारखुर बताते हैं कि हर दिन महज कुछ मिनट दौड़ने से फिजिकल और मेंटल हेल्थ ठीक रहती है। हालांकि दौड़ने से पहले उसके कुछ नियमों को फॉलो करना बहुत जरूरी है। जैसेकि हेल्दी डाइट लेना और हाइड्रेटेड रहना आदि। दौड़ने के लिए नीचे ग्राफिक में दी गई बातों का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है। दौड़ते समय म्यूजिक सुनना कितना सही या गलत? डॉ. युगल कारखुर बताते हैं कि दौड़ते समय म्यूजिक सुनना दौड़ने की स्थिति पर निर्भर है। अगर रनिंग क्लब, पार्क, मैदान के फिक्स एरिया में या ट्रेडमिल पर दौड़ रहे हैं तो धीरे-धीरे म्यूजिक का आनंद ले सकते हैं। इससे दौड़ में मदद भी मिल सकती है। लेकिन अगर हम किसी सड़क या हाईवे पर दौड़ लगा रहे हैं तो एक्सीडेंट की आशंका अधिक होती है। रोजाना कितना दौड़ना स्वास्थ्य के लिए बेहतर है? अमेरिकन जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, स्वस्थ रहने के लिए एक व्यक्ति को सप्ताह में पांच दिन 2.5 घंटे या प्रतिदिन 30 मिनट दौड़ना चाहिए। क्या ट्रेडमिल पर दौड़ना घुटनों के लिए नुकसानदायक है? बिल्कुल नहीं, ट्रेडमिल पर दौड़ना घुटनों के लिए बुरा नहीं है। लेकिन मैदानी एरिया में दौड़ना सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद है। ट्रेडमिल पर दौड़ने के भी अपने कुछ लाभ हैं। जैसे खराब मौसम में भी ट्रेडमिल पर दौड़ा जा सकता है। इसमें हम अपनी स्पीड कंट्रोल कर सकते हैं। हालांकि ये उबाऊ भी हो सकता है क्योंकि यहां कोई सीन नहीं बदलता है। …………………….. सेहतनामा की ये खबर भी पढ़िए सेहतनामा- दुनिया की 60% महिलाओं को वैरिकोज वेन्स की समस्या: पैरों में उभर आती हैं नीली नसें क्या आपने कभी अपने पैरों में नीले या बैंगनी रंग की टेढ़ी-मेढ़ी उभरी हुई नसें देखी हैं? यह एक हेल्थ कंडीशन है, जिसके कारण ये नसें इस तरह उभरी हुई दिखने लगती हैं। इसे वैरिकोज वेन्स (Varicose Veins) कहते हैं। पूरी खबर पढ़िए….