इन दिनों सोशल मीडिया पर मेल यूटीआई यानी पुरुषों में होने वाले यूटीआई की बात हो रही है। यूटीआई का मतलब है– यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन। आमतौर पर यह समस्या महिलाओं में देखने को मिलती है। इसलिए पुरुषों में इसे लेकर जागरूकता की कमी है। कई बार पुरुषों को इस बारे में जानकारी नहीं होने से गंभीर हेल्थ कंडीशंस का सामना करना पड़ता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, पूरी दुनिया में हर साल यूटीआई के 15 करोड़ मामले सामने आते हैं। इसमें 20% केस पुरुषों के होते हैं। इसका मतलब है कि हर साल 3 करोड़ पुरुषों को यूटीआई प्रॉब्लम्स होती हैं। यूटीआई प्रॉब्लम्स के कारण हर साल 2 लाख 35 हजार से ज्यादा लोगों की मौत होती है। इन मौतों में 1 लाख से ज्यादा पुरुष होते हैं। इसका मतलब है कि यूटीआई इन्फेक्शन के कारण पुरुषों के मौत के आंकड़े महिलाओं के मुकाबले कहीं ज्यादा हैं। इसलिए ‘सेहतनामा’ में आज मेल यूटीआई की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- ग्राफिक- 1 यूटीआई की समस्या आमतौर पर महिलाओं को होती है। हालांकि, यह समस्या पुरुषों को भी हो सकती है। इस बारे में कम बात होती है। इसलिए लोगों में जागरूकता भी कम है। -डॉ. विनीत सिंह सोमवंशी, सीनियर कंसल्टेंट, यूरोलॉजी, अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, कानपुर पुरुषों में यूटीआई के क्या लक्षण हैं? यूटीआई के लक्षण सभी में एक जैसे होते हैं। पेशाब करते समय जलन या दर्द होना सबसे आम लक्षण है। इसमें बार-बार पेशाब करने की जरूरत महसूस होती है, लेकिन हर बार बहुत कम मात्रा में पेशाब आता है। पेशाब का रंग गाढ़ा पीला हो सकता है या उससे अजीब बदबू आ सकती है। ऐसे और क्या लक्षण हो सकते हैं, ग्राफिक में देखिए: ग्राफिक- 2 ये लक्षण हो सकते हैं पुरुषों में यूटीआई के संकेत सोर्स: डॉ. विनीत सिंह सोमवंशी, सीनियर कंसल्टेंट, यूरोलॉजी, अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, कानपुर क्यों होता है मेल यूटीआई? पुरुषों में यूटीआई इन्फेक्शन का सबसे आम कारण पेनिस के जरिए बैक्टीरिया का प्रवेश है। अगर कोई हाइजीन का ख्याल नहीं रखता या बहुत देर तक पेशाब रोककर रखता है तो इससे इन्फेक्शन का जोखिम बढ़ सकता है। प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ने या स्टोन्स के कारण भी यूटीआई संक्रमण का जोखिम बढ़ सकता है। कमजोर इम्यूनिटी होने पर इन्फेक्शन का जोखिम अधिक होता है। इसके अलावा और क्या कारण हो सकते हैं, ग्राफिक में देखिए: ग्राफिक- 3 पुरुषों में यूटीआई इन्फेक्शन का कारण सोर्स: डॉ. विनीत सिंह सोमवंशी, सीनियर कंसल्टेंट, यूरोलॉजी, अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, कानपुर मेल यूटीआई का इलाज क्या है? यूटीआई का इलाज संक्रमण की गंभीरता और कारण पर निर्भर करता है। आमतौर पर डॉक्टर इसके लिए एंटीबायोटिक्स देते हैं। अगर डॉक्टर को लग रहा है कि इन्फेक्शन ज्यादा गंभीर है तो वह पहले यूरिन टेस्ट करते हैं और इस दौरान एंटीबायोटिक्स जारी रखते हैं। इस दौरान डॉक्टर हाइजीन मेंटेन करने और ज्यादा-से-ज्यादा पानी पीने की सलाह दे सकते हैं। मेल यूटीआई से बचाव के क्या उपाय हैं? यूरोलॉजिस्ट डॉ. विनीत सिंह के मुताबिक, कुछ आसान और अच्छी आदतें अपनाकर यूटीआई इन्फेक्शन से बचा जा सकता है- मेल यूटीआई से जुड़े कुछ कॉमन सवाल और जवाब सवाल: यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने पर यूरिन का कैसा रंग होता है?
जवाब: यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के कारण यूरिन का कलर बादल के रंग जैसा हो सकता है। यह क्रॉनिक किडनी डिजीज का भी संकेत हो सकता है। कई बार डिहाइड्रेशन में भी ऐसा होता है। अगर बार-बार पेशाब लग रही है और इस दौरान जलन भी रही है तो डॉक्टर से कंसल्ट करें। सवाल: पानी जैसे दिख रहे यूरिन का क्या मतलब है?
जवाब: हमारे यूरिन का एकदम साफ रंग यह बताता है कि हम रोजाना जरूरी मात्रा से ज्यादा पानी पी रहे हैं। हाइड्रेटेड रहना अच्छी बात है, लेकिन बहुत ज्यादा पानी पीने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो सकती है। कभी-कभार साफ यूरिन घबराने की बात नहीं है, लेकिन ऐसा कई दिनों तक रहे तो पानी की मात्रा कुछ कम कर सकते हैं। सवाल: क्या किसी भी उम्र में पुरुषों को यूटीआई हो सकता है?
जवाब: पुरुषों में यूटीआई इंफेक्शन का जोखिम 50 की उम्र के बाद ज्यादा होता है। इसका कारण शुगर, प्रोस्टेट वगैरह हो सकता है, जो यूरिनरी ट्रैक्ट को बैक्टीरिया और इंफेक्शन के प्रति ज्यादा वलनरेबल बनाते हैं। सवाल: क्या यूटीआई अपने आप ठीक भी हो जाता है?
जवाब: पुरुषों को यूटीआई होने पर कॉम्प्लिकेशन के ज्यादा चांस होते हैं। इसलिए संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए ट्रीटमेंट की जरूरत होती है। इसके इलाज में आमतौर पर डॉक्टर एंटीबायोटिक्स देते हैं। साथ ही हाइजीन मेंटेन रखना और खूब पानी पीना जरूरी है। सवाल: पुरुषों में यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन का सबसे आम कारण क्या है?
जवाब: यूटीआई तब होता है, जब बैक्टीरिया यूरिनरी ट्रैक्ट के जरिए भीतर प्रवेश करते हैं। अगर किसी की उम्र 50 साल से कम है तो ज्यादातर इसका कारण अनसेफ सेक्स होता है। अगर किसी की उम्र 50 साल से ज्यादा है तो प्रोस्टेट की समस्याओं के कारण ऐसा होता है। अगर किसी को डायबिटीज या किडनी की भी समस्या है तो भी इन्फेक्शन जोखिम बढ़ जाता है। सवाल: क्या ज्यादा देर तक यूरिन रोकने से इन्फेक्शन के अलावा मौत भी हो सकती है?
जवाब: ज्यादा देर तक यूरिन रोकने से यूटीआई इन्फेक्शन का जोखिम बढ़ जाता है। इससे मौत की आशंका लगभग न के बराबर है। यह मिथ है। हालांकि, इसके कारण हुए इन्फेक्शन को न रोका जाए तो यह गंभीर हेल्थ क्राइसिस का कारण बन सकता है। अगर कोई बहुत लंबे समय तक पेशाब रोककर रखता है तो सीमा पार होने पर शरीर खुद ही ब्लैडर से अपना कंट्रोल खत्म कर देता है। इससे न चाहते हुए भी यूरिन पास हो जाता है। कुछ रेयर मामलों में ऐसा भी हो सकता है कि ज्यादा देर तक यूरिन रोककर रखने के कारण ब्लैडर पर दबाव बढ़े और वह फट जाए। ऐसी कंडीशन में तुरंत मेडिकल हेल्प की जरूरत होती है। यह घातक स्थिति होती है। इसलिए समय पर पानी पीना जितना जरूरी है, यूरिन को भी समय पर रिलीज करना उतना ही जरूरी है।
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सेहत से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… सेहतनामा- आलिया भट्ट को 6 घंटे तक यूरिन रोकनी पड़ी:पेशाब रोकने से बढ़ता यूटीआई, किडनी स्टोन्स का रिस्क आमतौर पर डॉक्टर्स लगभग हर तीन घंटे में एक बार यूरिन रिलीज करने की सलाह देते हैं, लेकिन कई बार ऐसी परिस्थितियां बन जाती हैं कि यूरिन रोककर रखना हमारी मजबूरी हो जाती है। इसके कारण उन्हें यूटीआई इन्फेक्शन और किडनी स्टोन्स की समस्याएं भी हुईं। पूरी खबर पढ़िए…
जवाब: यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के कारण यूरिन का कलर बादल के रंग जैसा हो सकता है। यह क्रॉनिक किडनी डिजीज का भी संकेत हो सकता है। कई बार डिहाइड्रेशन में भी ऐसा होता है। अगर बार-बार पेशाब लग रही है और इस दौरान जलन भी रही है तो डॉक्टर से कंसल्ट करें। सवाल: पानी जैसे दिख रहे यूरिन का क्या मतलब है?
जवाब: हमारे यूरिन का एकदम साफ रंग यह बताता है कि हम रोजाना जरूरी मात्रा से ज्यादा पानी पी रहे हैं। हाइड्रेटेड रहना अच्छी बात है, लेकिन बहुत ज्यादा पानी पीने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो सकती है। कभी-कभार साफ यूरिन घबराने की बात नहीं है, लेकिन ऐसा कई दिनों तक रहे तो पानी की मात्रा कुछ कम कर सकते हैं। सवाल: क्या किसी भी उम्र में पुरुषों को यूटीआई हो सकता है?
जवाब: पुरुषों में यूटीआई इंफेक्शन का जोखिम 50 की उम्र के बाद ज्यादा होता है। इसका कारण शुगर, प्रोस्टेट वगैरह हो सकता है, जो यूरिनरी ट्रैक्ट को बैक्टीरिया और इंफेक्शन के प्रति ज्यादा वलनरेबल बनाते हैं। सवाल: क्या यूटीआई अपने आप ठीक भी हो जाता है?
जवाब: पुरुषों को यूटीआई होने पर कॉम्प्लिकेशन के ज्यादा चांस होते हैं। इसलिए संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए ट्रीटमेंट की जरूरत होती है। इसके इलाज में आमतौर पर डॉक्टर एंटीबायोटिक्स देते हैं। साथ ही हाइजीन मेंटेन रखना और खूब पानी पीना जरूरी है। सवाल: पुरुषों में यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन का सबसे आम कारण क्या है?
जवाब: यूटीआई तब होता है, जब बैक्टीरिया यूरिनरी ट्रैक्ट के जरिए भीतर प्रवेश करते हैं। अगर किसी की उम्र 50 साल से कम है तो ज्यादातर इसका कारण अनसेफ सेक्स होता है। अगर किसी की उम्र 50 साल से ज्यादा है तो प्रोस्टेट की समस्याओं के कारण ऐसा होता है। अगर किसी को डायबिटीज या किडनी की भी समस्या है तो भी इन्फेक्शन जोखिम बढ़ जाता है। सवाल: क्या ज्यादा देर तक यूरिन रोकने से इन्फेक्शन के अलावा मौत भी हो सकती है?
जवाब: ज्यादा देर तक यूरिन रोकने से यूटीआई इन्फेक्शन का जोखिम बढ़ जाता है। इससे मौत की आशंका लगभग न के बराबर है। यह मिथ है। हालांकि, इसके कारण हुए इन्फेक्शन को न रोका जाए तो यह गंभीर हेल्थ क्राइसिस का कारण बन सकता है। अगर कोई बहुत लंबे समय तक पेशाब रोककर रखता है तो सीमा पार होने पर शरीर खुद ही ब्लैडर से अपना कंट्रोल खत्म कर देता है। इससे न चाहते हुए भी यूरिन पास हो जाता है। कुछ रेयर मामलों में ऐसा भी हो सकता है कि ज्यादा देर तक यूरिन रोककर रखने के कारण ब्लैडर पर दबाव बढ़े और वह फट जाए। ऐसी कंडीशन में तुरंत मेडिकल हेल्प की जरूरत होती है। यह घातक स्थिति होती है। इसलिए समय पर पानी पीना जितना जरूरी है, यूरिन को भी समय पर रिलीज करना उतना ही जरूरी है।
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सेहत से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… सेहतनामा- आलिया भट्ट को 6 घंटे तक यूरिन रोकनी पड़ी:पेशाब रोकने से बढ़ता यूटीआई, किडनी स्टोन्स का रिस्क आमतौर पर डॉक्टर्स लगभग हर तीन घंटे में एक बार यूरिन रिलीज करने की सलाह देते हैं, लेकिन कई बार ऐसी परिस्थितियां बन जाती हैं कि यूरिन रोककर रखना हमारी मजबूरी हो जाती है। इसके कारण उन्हें यूटीआई इन्फेक्शन और किडनी स्टोन्स की समस्याएं भी हुईं। पूरी खबर पढ़िए…