भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) लगातार देश के अलग-अलग राज्यों में गर्मी को लेकर अलर्ट जारी कर रहा है। 15 साल बाद अप्रैल में ही पारा 40 डिग्री पार कर चुका है। इससे हीटवेव और गर्मी से जुड़ी बीमारियों का जोखिम बढ़ गया है। बहुत ज्यादा गर्मी बढ़ने पर हीट एग्जॉशन और हीटस्ट्रोक हो सकता है। अगर समय पर इनका इलाज न किया जाए तो हीट एग्जॉशन हीटस्ट्रोक में बदल सकता है, जो लाइफ थ्रेटनिंग कंडीशन है। पिछले साल लोकसभा में भारत सरकार ने बताया कि 2015 से 2023 के बीच हीटवेव के कारण कुल मिलाकर देश में 4057 लोगों की मौत हुई है। अब जबकि मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 2025 सबसे गर्म साल हो सकता है तो खतरा और बढ़ जाता है। इसलिए ‘सेहतनामा’ में आज हीट एग्जॉशन और हीटस्ट्रोक की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- हीट एग्जॉशन और हीट स्ट्रोक में क्या अंतर है? हीट एग्जॉशन और हीट स्ट्रोक दोनों ही गर्मी से जुड़ी समस्याएं हैं, लेकिन ये दोनों अलग कंडीशन हैं। इसलिए इनके प्रभाव भी अलग-अलग हैं: 1. हीट एग्जॉशन हीट एग्जॉशन तब होता है जब कोई लंबे समय तक बहुत गर्मी में रहता है। इस दौरान शरीर लगातार खुद को ठंडा रखने के लिए पसीना बहाता है। जब शरीर बहुत देर तक ये कोशिश करता रहता है तो पानी और मिनरल्स की कमी हो जाती है। इसके कारण बहुत ज्यादा थकान और कमजोरी महसूस होती है। 2. हीट स्ट्रोक हीट स्ट्रोक हीट एग्जॉशन से ज्यादा खतरनाक कंडीशन है। यह तब होता है, जब शरीर टेम्परेचर कंट्रोल सिस्टम पूरी तरह फेल हो जाता है और बॉडी टेम्परेचर बहुत बढ़ जाता है यानी 104°F के ऊपर चला जाता है। इस कंडीशन में शरीर खुद को ठंडा बनाए रखने के लिए पसीना नहीं बहा पाता है । ये एक मेडिकल इमरजेंसी है, जिसमें तुरंत इलाज की जरूरत होती है। हीट स्ट्रोक और हीट एग्जॉशन में अंतर पहचानना जरूरी मौसम अगले कुछ महीनों में लगातार गर्म होता जाएगा, इससे हीट एग्जॉशन और एग्जॉशन का खतरा भी बढ़ेगा। इन दोनों कंडीशन की सही पहचान इसलिए जरूरी है, क्योंकि पहचानने में गलती से जान का जोखिम हो सकता है। इसके लिए सबसे अच्छा तरीका है इनके लक्षण पहचानना- इनके लक्षण क्या हैं? गर्मियों से जुड़ी कोई समस्या होने पर सबसे पहले मसल क्रैंप्स होते हैं। इसके बाद सिरदर्द और चक्कर जैसी समस्या होती है। ग्राफिक में देखिए, हीट स्ट्रोक और हीट एग्जॉशन के लक्षण कैसे अलग हैं- हीट एग्जॉशन और हीट स्ट्रोक क्यों होता है? हीट एग्जॉशन और हीट स्ट्रोक, दोनों कंडीशन तब बनती हैं, जब टेम्परेचर बहुत बढ़ने पर शरीर खुद को ठंडा नहीं कर पाता है। खुद को ठंडा रखने के लिए पसीना शरीर का प्राकृतिक तरीका है। अगर मौसम बहुत गर्म है और कोई बहुत मेहनत कर रहा है तो शरीर को पसीने की मदद से खुद को ठंडा रखने में बहुत मुश्किल होती है। हीट एग्जॉशन और हीट स्ट्रोक की मुख्य वजह: हीट एग्जॉशन और हीट स्ट्रोक के रिस्क फैक्टर्स क्या हैं? छोटे बच्चों को और बुजुर्गों को गर्मी के कारण दूसरों को अपेक्षा ज्यादा समस्याएं होती हैं। इसलिए हीट एग्जॉशन और हीट स्ट्रोक का जोखिम भी उन्हें ज्यादा है। इसके अलावा और इनके और क्या रिस्क फैक्टर्स हैं, ग्राफिक में देखिए- कैसे जानेंगे कि मेडिकल इमरजेंसी है? हीट एग्जॉशन में इमरजेंसी कंडीशन तब बनती है, जब शरीर खुद को ठंडा करने में असमर्थ होता है। अगर 30 मिनट के अंदर शरीर खुद को ठंडा कर लेता है तो कोई समस्या नहीं है। इमरजेंसी कंडीशन के लक्षण ग्राफिक में देखिए- हीट एग्जॉशन और हीट स्ट्रोक से कैसे बचें हीट एग्जॉशन और हीट स्ट्रोक जैसी हीट-से जुड़ी बीमारियों से बचाव के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात है शरीर का तापमान ठंडा रखना। खासकर जब आप गर्मी या धूप में बाहर काम कर रहे हों या कोई गतिविधि कर रहे हों, तो यह और भी जरूरी हो जाता है। 1. हाइड्रेटेड रहें गर्मी में या धूप में बाहर काम करते समय हर घंटे में 2 से 4 कप पानी पिएं। गर्मी में शरीर को ज्यादा पानी की जरूरत होती है, क्योंकि पसीने में बहुत सारा पानी बह जाता है। 2. शराब और कैफीन से बचें अगर आप भारी फिजिकल एक्टिविटीज कर रहे हैं। खासकर गर्मी में कर रहे हैं तो शराब और कैफीन से बचें। ये शरीर को ज्यादा डिहाइड्रेट कर सकते हैं और हीट से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ा सकते हैं। 3. ठंडी जगह पर रहें गर्मी के दिनों में कोशिश करें कि आप ज्यादा से ज्यादा समय एसी वाले स्थान जैसे मॉल, लाइब्रेरी या सिनेमा हॉल में बिताएं। 4. गर्म दिन में सीधे धूप से बचें सबसे गर्म समय में दोपहर के 12 बजे से 3 बजे तक बाहर काम करने से बचें और अगर बाहर हैं तो छांव में रहें। 5. हल्के रंग के कपड़े पहनें बाहर काम करते समय हल्के रंग के, ढीले कपड़े पहनें। इससे शरीर ठंडा रहेगा। एक चौड़ी टोपी भी पहनें, जो धूप से बचाए और ठंडा रखे। 6. ठंडे पानी से नहाएं गर्मी में ठंडे पानी से नहाएं, ताकि शरीर का टेम्परेचर कम किया जा सके। 7. ब्रेक लें गर्मी में काम करते या एक्सरसाइज करते समय अक्सर ब्रेक लें। इस दौरान आराम करें और शरीर को ठंडा होने का मौका दें। 8. गाड़ी में बच्चों, वयस्कों या पालतू जानवरों को न छोड़ें कभी भी बच्चों, वयस्कों या पालतू जानवरों को बंद और पार्क की हुई कार में न छोड़ें। बंद कार में टेम्परेचर बहुत तेजी से बढ़ सकता है, जो हीट से जुड़ी बीमारियों का कारण बन सकता है। 9. सिंथेटिक कपड़े न पहनें गर्मी में सिंथेटिक कपड़े जैसे नायलॉन की जगह कॉटन वाले कपड़े पहनें ताकि शरीर ठंडा बना रहे। …………………….
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