सेहतनामा- भारत में बढ़ रहे किडनी डिजीज के केस:10 बुरी आदतें किडनी को डैमेज कर रहीं, डॉक्टर से जानें इसे स्वस्थ रखने के उपाय

भारत में किडनी डिजीज के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। खासतौर पर 15 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों में इसके मामले कुछ ज्यादा ही तेजी से बढ़ रहे हैं। साल 2011-2017 के बीच किडनी डिजीज के मामले 11.2% बढ़े, जबकि साल 2018-2023 के बीच किडनी डिजीज के मामले 16.38% बढ़े। हाल ही में फेमस जर्नल ‘नेफ्रोलॉजी’ में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) ग्रामीण इलाकों में ज्यादा गंभीर है। यहां 15.34% लोग इससे प्रभावित हैं। जबकि शहरों में 10.65% लोगों को किडनी से जुड़ी समस्याएं हैं। इसके लिए हमारी खराब लाइफस्टाइल और जिंदगी में तमाम छोटी-छोटी गलत आदतें जिम्मेदार हैं। आमतौर पर जब हमें कोई ज्यादा मीठा खाने से टोकता है तो हम उसका मजाक बना देते हैं या हवा में उड़ा देते हैं, जबकि ऐसी ही आदतें ज्यादातर क्रॉनिक डिजीज का बड़ा कारण हैं। इसलिए ‘सेहतनामा’ में आज किडनी डिजीज की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- किडनी डिजीज क्या है? किडनी हमारे शरीर की लाइफलाइन है। अगर किडनी हेल्थ खराब हुई तो पूरे शरीर के सभी ऑर्गन खराब होने लगेंगे। इसलिए को डिजीज से बचें। नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. रवि कुमार बता रहे हैं किडनी डिजीज क्या है- रोजमर्रा की आदतें डैमेज कर रही हैं किडनी हमारी छोटी-छोटी गलत आदतें ही किडनी की सेहत बिगाड़ रही हैं। डॉ. रवि कुमार कहते हैं कि ये इतनी छोटी हैं कि हम इन्हें अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। मान लीजिए अगर कोई लंबे समय तक पानी नहीं पी रहा है किडनी को पानी की मौजूदगी के बिना ब्लड फिल्टर करने में समस्या होती है। इससे ब्लड में टॉक्सिन्स जमा होने लगते हैं और किडनी इन्फेक्शन होने लगते हैं। धीरे-धीरे दूसरे सभी ऑर्गन्स भी डैमेज होने लगते हैं। किडनी डैमेज ये सभी आदतें जिम्मेदार हैं- इन सभी आदतों को थोड़ा विस्तार से समझें कि ये क्यों किडनी डैमेज कर रही है- कम पानी पीना- जब हम पर्याप्त पानी नहीं पीते हैं तो किडनी को टॉक्सिन्स को बाहर निकालने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इससे शरीर में टॉक्सिन्स जमा होने लगते हैं। इसके कारण किडनी स्टोन और इन्फेक्शन हो सकता है। ज्यादा नमक खाना- नमक में सोडियम ज्यादा होता है, जिसके कारण शरीर में पानी जमा होने लगता है। इससे ब्लड वॉल्यूम बढ़ जाता है और ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है। हाई बीपी धीरे-धीरे किडनी की ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाते हैं और डैमेज कर देते हैं। प्रोसेस्ड फूड और जंक फूड- फास्ट फूड, पैकेज्ड स्नैक्स, पैकेज्ड जूस और सॉस में ज्यादा सोडियम, प्रिजर्वेटिव्स और कैमिकल्स होते हैं। इसके कारण किडनी पर एक्स्ट्रा लोड पड़ता है और धीरे-धीरे किडनी डैमेज होने लगती है। डॉक्टर की सलाह के बिना दर्द निवारक दवाएं लेना- अगर लंबे समय तक पेनकिलर खा रहे हैं तो किडनी की ब्लड वेसल्स सिकुड़ने लगती हैं और किडनी का ब्लड छानने वाले नेफ्रॉन्स ब्लॉक होने लगते हैं तो किडनी के काम करने की क्षमता कम होने लगती है। ब्लड वेसल्स सिकुड़ने से ब्लड फ्लो कम हो जाता है। इससे किडनी फेलियर का खतरा भी बढ़ जाता है। ज्यादा मीठा और चीनी वाली चीजें खाना- ज्यादा चीनी खाने से शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। इससे डायबिटीज होने की आशंका बढ़ जाती है। डायबिटीज किडनी फेलियर के सबसे बड़े कारणों में से एक है। हाई प्रोटीन डाइट लेना- हमारी किडनी प्रोटीन के पाचन के दौरान बने टॉक्सिन्स को छानकर बाहर निकालती है। इसका मतलब है ज्यादा प्रोटीन खाने से किडनी को ज्यादा काम करना पड़ता है, उनका वर्कलोड बढ़ता है। अगर लंबे समय तक हाई प्रोटीन डाइट ले रहे हैं तो किडनी डैमेज का जोखिम बढ़ जाता है। रोज पर्याप्त नींद न लेना- रात में सोते समय किडनी खुद को रिपेयर करती हैं और शरीर सेटॉक्सिन्स बाहर निकालती हैं। अगर पर्याप्त नींद नहीं ले रहे हैं यानी 7-8 घंटे नहीं सो रहे हैं तो यह प्रोसेस ठीक तरह से पूरा नहीं हो पाता है। इसलिए नींद पूरी नहीं होने से ब्लड प्रेशर और किडनी डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। सिगरेट और शराब का सेवन- सिगरेट और शराब पीने से किडनी की ब्लड वेसल्स सिकुड़ने लगती हैं, जिससे ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है। इससे किडनी कमजोर होने लगती हैं और ठीक तरह से काम नहीं कर पाती हैं। अक्सर यूरिन रोककर रखना- अगर कोई लंबे समय तक पेशाब रोककर रखता है तो यूरिन में मौजूद बैक्टीरिया किडनी तक पहुंचकर किडनी के इन्फेक्शन का कारण बन सकता है। इससे यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) भी हो सकते हैं। लंबे समय तक यह आदत किडनी स्टोन और क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) का कारण भी बन सकती है। इससे किडनी डैमेज हो सकती हैं। एक्सरसाइज न करना- अगर सिडेंटरी लाइफस्टाइल फॉलो कर रहे हैं यानी लगातार लंबे समय तक एक ही पोजीशन में बैठे रहते हैं तो मोटापा, हाई बीपी और डायबिटीज की आशंका बढ़ जाती है, जो किडनी डिजीज और डैमेज का बड़ा कारण बन सकते हैं। किडनी डिजीज और डैमेज से जुड़े कुछ कॉमन सवाल और जवाब सवाल: किडनी हेल्दी रखने के लिए किन आदतों को अपनाना चाहिए? जवाब: सवाल: क्या किडनी डैमेज होने पर बचाव संभव है? जवाब: हां, अगर किडनी डिजीज शुरुआती स्टेज में है, तो डाइट, एक्सरसाइज और सही दवाओं से इसे कंट्रोल किया जा सकता है। लेकिन अगर किडनी पूरी तरह फेल हो गई है तो बचने का सिर्फ डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट ही विकल्प होता है। सवाल: डायलिसिस क्या होता है और कब जरूरी होता है? जवाब: जब किडनी ब्लड को सही से फिल्टर नहीं कर पाती तो डायलिसिस की जरूरत पड़ती है। यह एक मेडिकल प्रोसेस है, जिसमें मशीन की मदद से शरीर से टॉक्सिन्स और अतिरिक्त पानी बाहर निकाला जाता है। जब किडनी की काम करने की क्षमता 15% से कम हो जाती है तो डायलिसिस की जरूरत पड़ती है। सवाल: क्या किडनी ट्रांसप्लांट का कोई विकल्प है? जवाब: अगर किडनी फेल हो चुकी है और डायलिसिस के बावजूद सुधार नहीं हो रहा है तो किडनी ट्रांसप्लांट ही एकमात्र समाधान होता है। इसमें किसी स्वस्थ व्यक्ति की एक किडनी पेशेंट को लगाई जाती है, जिससे वह सामान्य जीवन जी सकता है। सवाल: क्या सिर्फ एक किडनी से इंसान जीवित रह सकता है? जवाब: हां, अगर एक किडनी हेल्दी है तो इंसान पूरी जिंदगी सामान्य तरीके से जी सकता है। कई लोगों जन्म से ही एक किडनी होती है और देखा गया है कि उन्हें कोई समस्या नहीं होती है। …………………….
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